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मध्यम चरण के लक्षण
रोग गंभीर होने पर दूसरा चरण आता है, जिसे मध्यम चरण कहते हैं। मध्यम चरण व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इसके लक्षण कुछ इस प्रकार हैं-
- व्यक्ति का हार्ट फेल होना।
- रक्त का थक्का जम जाना।
- कार्डिएक अरेस्ट पड़ना।
- हृदयगति (Heart rate) का असामान्य होना।
- ग्रासनली (Esophagus) बड़ी हो जाती है, जिस वजह से निगलने में परेशानी होती है।
- कोलोन के बड़ा होने पर पेट दर्द और कब्ज की समस्या होना।
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चगास रोग से बचाव (Prevention of Chagas)
फिलहाल अभी तक इस रोग की कोई वैक्सीन (टीका) नहीं आई है। ऐसे में बचाव का सबसे बेस्ट तरीका है कि खुद को ट्रायटोमिन नाम के कीट से दूर रखें। यदि आप उस इलाके में रहते हैं, जहां चगास रोग होने का खतरा है, तो संक्रमण से बचाव के लिए नीचे बताए गए कदम उठा सकते हैं-
- कच्ची ईंट, मिट्टी व घास-फूस में न सोएं, क्योंकि इन जगहों पर ट्रायटोमिन कीड़े के होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है।
- ऐसी जगहों पर यदि किसी कारणवश सोना पड़ भी जाए, तो मच्छरदानी जरूर लगाएं।
- कीड़ा मारने वाली दवा या स्प्रे को छिड़काव करें।
- त्वचा पर कीट से बचाव करने वाली क्रीम लगाएं।
चगास रोग का इलाज (Chagas Treatment)
इंसेक्ट से होने वाले इन्फेक्शन में चगास रोग काफी गंभीर माना जाता है। चगास रोग के इलाज के दौरान सबसे पहले व्यक्ति के शरीर में मौजूद पैरासाइट को खत्म करते हैं, जिससे कि लक्षणों व अन्य कारकों को नियंत्रित किया जा सके। चगास रोग के गंभीर होने पर दवाइयां बीमारी का इलाज नहीं कर पातीं। हालांकि, जिन लोगों की उम्र 50 से कम है, उन्हें दवाइयां दी जा सकती हैं। दवाई बीमारी के लक्षण को बढ़ने नहीं देते, जिससे कि गंभीर जटिलताएं होने की संभावना कम हो जाती है।
तो देखा आपने इंसेक्ट से होने वाले इन्फेक्शन कितने गंभीर होते हैं। ध्यान न देने पर से इंसेक्ट से इन्फेक्शन व्यक्ति को हो सकते हैं। इनमें से कोई भी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।