मंदनाड़ी (Bradyarrhythmia) का कैसे किया जाता है डायग्नोसिस?
हृदय की धड़कन घट जाती है या बढ़ जाती है तो शरीर में विभिन्न प्रकार के लक्षण दिखने लगते हैं। हार्टबीट को नापने के लिए ईसीजी (An electrocardiogram ) की जरूरत पड़ती है। वहीं होल्टर मॉनिटर (Holter monitor) छोटा डिवाइस होता है, जिससे 24 घंटे से अधिक हार्ट बीट की निगरानी की जाती है। वहीं इवेंट मॉनिटर (event monitor) का काम तभी शुरू होता है, जब हार्टरिदम में परिवर्तन शुरू होता है। इसे 24 घंटे पहनना पड़ता है, जिससे की हार्टरिदम संबंधी जानकारी मिलती है। इम्प्लांटेबल लूप रिकॉर्डर (implantable loop recorder) चेस्ट में लगाया जाने वाला एक उपकरण है, जो लगातार दिल की निगरानी करता है और डॉक्टर के ऑफिस समय-समय पर रिपोर्ट भेजता है। जब एरिथमिया एपिसोड्स कम हो जाते हैं, तो इसका इस्तेमाल किया जाता है।
मंदनाड़ी (Bradyarrhythmia) का ट्रीटमेंट कैसे किया जाता है?
अगर आपको ब्रैडीएरिथमिया (Bradyarrhythmia) की समस्या हो जाती है, तो उसके लक्षण आपको तुरंत दिखना शुरू हो जाएंगे। आपको ऐसे लक्षणों को इग्नोर नहीं करना चाहिए और तुरंत ही डॉक्टर से जानकारी लेनी चाहिए कि आपको क्या समाधान करना चाहिए। अगर आप इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं तो अचानक से हृदय गति भी रुक सकती है। ऐसे में छाती में पेसमेकर की जरूरत पड़ सकती है। पेसमेकर दिल की धड़कन को सामान्य करता है और दिल को फिर से धड़कने के लिए इलेक्ट्रिकल सिग्नल भेज सकता है।ब्रैडीएरिथमिया (Bradyarrhythmia) के इलाज के लिए बड़ी संख्या में पेसमेकर का इस्तेमाल किया जाता है।
डॉक्टर इसे लगाने के साथ ही कुछ मेडिसिंस लेने की भी सलाह देते हैं। जिन लोगों को पेसमेकर की जरूरत नहीं पड़ती है, उनको डॉक्टर मेडिसिंस की हेल्प से बीमारी को ठीक करने की सलाह दे सकते हैं। ब्रैडीएरिथमिया (Bradyarrhythmia) के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए दवा दी जाती है। अगर आपको हाय ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो डॉक्टर आपको कुछ दवाई लेने की सलाह देंगे ताकि इस बीमारी के खतरे को कम किया जा सके।
बीमारी के ट्रीटमेंट के साथी आपको अपनी जीवन शैली में भी बदलाव करना होगा। इसमें स्मोकिंग को छोड़ना, पर्याप्त मात्रा में नींद लेना, एरोबिक एक्सरसाइज करना, वेट को मेंटेन करना, खाने में हेल्दी फूड्स को शामिल करना आदि बातों का ध्यान रखना होगा। उम्र बढ़ने के साथ ही हेल्थ का ख्याल रखना बहुत जरूरी हो जाता है। कुछ बातों का ध्यान रखा जाए, तो बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है।
इस आर्टिकल में हमने आपको ब्रैडीएरिथमिया (Bradyarrhythmia) से संबंधित जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।