के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
थकान को मेडिकल भाषा में फाटिग (Fatigue) भी कहा जाता है, जिसमें आपको न सिर्फ कमजोरी महसूस होती है, बल्कि ऊर्जा की भी कमी रहती है। कुछ लोग इसे आलस (Lazy) या नींद (Sleep) आने से भी जोड़ लेते हैं, जो कि बिल्कुल अलग है। ध्यान रखें कि, जब हम थकान की समस्या के बारे में बात करते हैं, तो हमारा तात्पर्य उस थकान से नहीं होता, जो कि हर किसी को भारी काम या अतिरिक्त शारीरिक क्रिया करने के बाद हो जाती है। बल्कि, समस्या के रूप में थकान से मतलब होता है, हर समय थकावट (Fatigue) का एहसास करना, जिसे आप कमजोरी और ऊर्जा की कमी के रूप में भी देख सकते हैं। दरअसल, थकान या थकावट होना कई छुपी हुई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का लक्षण या संकेत हो सकता है, इसके अलावा यह खुद में भी एक प्रकार का सिंड्रोम हो सकता है। इसके कारण आपको अपनी आम दैनिक गतिविधि जैसे नहाना, कपड़े पहनना आदि में भी थकावट महसूस हो सकती है और यह आपकी जिंदगी को काफी प्रभावित करता है।
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क्रॉनिक फैटीग सिंड्रोम (Chronic Fatigue Syndrome; CFS) को मायलजिक इंसेफेलाइटोलाइटिस (Myalgic Encephalomyelitis; ME) और सिस्टेमेटिक एक्सर्शन इंटॉलरेंस डिजीज (Systemic Exertion Intolerance Disease; SEID) भी कहा जाता है। जब आपको हर समय अत्यधिक थकान, कमजोरी और ऊर्जा की कमी रहती है और आराम करने से आराम नहीं मिलता और जांच में इसके पीछे किसी बीमारी का संकेत भी नहीं मिलता, तो यह डिसऑर्डर मान लिया जाता है। क्रॉनिक फाटिग सिंड्रोम के पीछे का असल कारण तो पता नहीं चल सका है, लेकिन माना जाता है, कि वायरल इंफेक्शन, साइकोलॉजिकल स्ट्रेस और अन्य कारणों के मेल से यह विकार हो सकता है।
थकान के मुख्यतः दो प्रकार (Types of Fatigue) होते हैं। जैसे-
शारीरिक थकान (Fatigue) में व्यक्ति को शारीरिक गतिविधि जैसे, कहीं आना-जाना या सीढ़ी चढ़ना आदि में परेशानी होने लगती है। इसके अलावा, मानसिक थकान (Mental Fatigue) भी होती है, जिससे शरीर पर भी फर्क पड़ता है, लेकिन इससे मुख्य रूप से आपके ध्यान लगाने और फोकस करने की क्षमता में कमी आने लगती है।
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थकान (Fatigue) होने पर व्यक्ति को शारीरिक व मानसिक गतिविधि करने में परेशानी होने लगती है। आइए, जानते हैं, कि थकान के साथ और कौन-से लक्षण दिखाई देने लगते हैं और यह लक्षण शारीरिक या मानसिक मेहनत करने के दौरान या बाद में और ज्यादा गंभीर हो जाते हैं।
किसी में थकान (Fatigue) की वजह से ऊपर बताए गए सभी लक्षण नहीं दिखते हैं। इसके अलावा यह भी जरूरी नहीं कि, जो लक्षण किसी एक में दिख रहे हैं, उनका दूसरे व्यक्ति को भी सामना करना पड़े। अगर आपको थकान से संबंधित लक्षणों के बारे में कोई शंका या सवाल है, तो डॉक्टर से बात करें।
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थकान/फाटिग होने के पीछे निम्नलिखित कारण हो सकते हैं, जो कि मानसिक, शारीरिक व जीवनशैली से जुड़े हो सकते हैं। जैसे-
थकान (Fatigue) महसूस होने के इन ऊपर बताये कारणों के अलावा अन्य कारण भी हो सकते हैं। इसलिए अगर आपको थकावट महसूस होती है या ऐसी कोई परेशानी लगातार बनी रहती है, तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
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आप में थकान की समस्या का पता लगाने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट कर सकता है। जैसे-
थकान का निदान करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले आपकी शारीरिक जांच करेगा। जिसमें आपके अंदर थकान के लक्षण, दिन के किस समय सबसे ज्यादा थकान होती है, नींद का स्तर और आपके भावनात्मक स्तर के बारे में सवाल कर सकता है। इसके बाद वह इन लक्षणों के अन्य कारणों की आशंका को खत्म करने के लिए निम्नलिखित टेस्ट कर सकता है।
इसके अलावा, जब इन लक्षणों के पीछे के हर कारण की आशंका खत्म हो जाती है, तो वह आपकी मेडिकल हिस्ट्री का अध्ययन करके क्रॉनिक फाटिग सिंड्रोम की भी पुष्टि कर सकता है।
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थकान को नियंत्रित करने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो कि मुख्यतः आपकी जीवनशैली से जुड़े हैं। जैसे-
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थकान का इलाज उसके कारण के ऊपर निर्भर करता है। जैसे-
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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