backup og meta
खोज
स्वास्थ्य उपकरण
बचाना

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile dysfunction) और अनियमित हार्टबीट का आखिर क्या है संबंध?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 05/12/2021

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile dysfunction)  और अनियमित हार्टबीट का आखिर क्या है संबंध?

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और अनियमित हार्टबीट (Erectile Dysfunction and irregular heartbeat) का नाम सुनते ही मन में यह सवाल उठता है कि आखिर इन दोनों बीमारियों का क्या संबंध है लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और हार्ट बीट में अनियमितता एक दूसरे से संबंधित हैं। यह जानकारी एक स्टडी के दौरान सामने आई। जिन लोगों को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या होती है, उन लोगों में हार्टबीट यानी की धड़कन की अनियमितता बढ़ जाने की संभावना होती है। जिन लोगों को अनियमित हार्टबीट की समस्या होती है, उनमें भविष्य में हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा बहुत हद तक बढ़ जाता है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और अनियमित हार्टबीट (Erectile Dysfunction and irregular heartbeat) के रिलेशन में जानने से पहले जानिए कि आखिर क्या होती है इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या?

और पढ़ें: हार्ट पेशेंट के लिए स्वीटनर : इसे अपने डायट में शामिल करने से पहले जान लें ये बातें

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन(Erectile Dysfunction) क्या है?

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और अनियमित हार्टबीट

इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED) सेक्स संबंधी परेशानी है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या से जूझ रहे पुरुषों को सेक्स के दौरान पीनस में एक्साटमेंट यानी उत्तेजना का एहसास नहीं होता है। इरेक्शन की समस्या से जूझ रहे पुरुषों को ना केवल सेक्स के दौरान समस्या होती है बल्कि उनकी मेंटल हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ता है। इस कारण से पुरुषों को कई अन्य प्रकार की समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। ईडी (ED) की समस्या के कई कारण हो सकते हैं। जिन लोगों की उम्र अधिक हो गई हो या फिर मोटापे की समस्या हो या व्यक्ति मधुमेह की समस्या से जूझ रहा हो या हाय बीपी (High BP) की समस्या हो, तो ऐसे में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile Dysfunction) की समस्या हो सकती है। इस समस्या के बारे में अधिकतर पुरुष बात करना पसंद नहीं करते हैं या फिर इसके बारे में किसी से भी डिस्कस नहीं करते हैं। इस बारे में अगर डॉक्टर को बताया जाए तो हो सकता है कि समस्या का समाधान भी निकल आए।

कुछ स्टडीज में ये बात सामने आई है कि जिन पुरुषों को इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या होती है, उन्हें इनरेग्युल हार्टबीट की समस्या से भी गुजरना पड़ सकता है। यानी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और अनियमित हार्टबीट (Erectile Dysfunction and irregular heartbeat) एक दूसरे से संबंधित है। इनरेग्युल हार्टबीट से मतलब धड़कनों का तेजी से धड़कना है। इस कंडीशन को एरिदमिया (Arrhythmia) के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी स्थिति है हार्ट बहुत तेजी से या असामान्य रूप से धड़कता है, जो कई बीमारियों का कारण बन सकता है।

और पढ़ें: हार्ट के रोगियों के लिए फूड पैकेजिंग क्लेम्स के बारे में जानें यहां!

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और अनियमित हार्टबीट (Erectile Dysfunction and irregular heartbeat)

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और अनियमित हार्टबीट (Erectile Dysfunction and irregular heartbeat)

एट्रियल फिब्रिलेशन या अनियमित हार्टबीट ब्लड क्वॉट, स्ट्रोक, हार्ट फेलियर आदि का कारण बन सकती है। अगर यू एस की बात की जाए, तो करीब 6.1 मिलियन लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं। एनसीबीआई में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या से जूझ रहे लोगों में करीब दो से तीन साल बाद हार्टबीट से संबंधित समस्याएं सामने दिखती हैं। यानी ये कहना कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लक्षण कहीं न कहीं भविष्य में अनियमित हार्टबीट की समस्या के बारे में जानकारी देते हैं।

स्टडी के दौरान अनियमित धड़कन की हिस्ट्री के बिना 1,760 ओल्डर मेन को शामिल किया गया। चार वर्षों के बाद, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन होने की जानकारी देने वाले 9.6% पुरुषों में अनियमित धड़कन डायग्नोज किया गया था, जबकि 2.9% पुरुषों में कोई भी कंडीशन नहीं थी। धूम्रपान (Smoking), वजन (Weight), मधुमेह और हाय बीपी सहित विभिन्न रिस्क फैक्टर को एडजस्ट करने के बाद भी, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से जूझ रहे पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के डायग्नोज की संभावना 66% अधिक थी।

और पढ़ें: हार्ट हेल्थ के लिए बीन्स और दालें हो सकती हैं बेहद फायदेमंद, जान लीजिए इनके नाम

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और अनियमित हार्टबीट: क्या पेशेंट की निगरानी है जरूरी?

जो पुरुष इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile Dysfunction) की समस्या से जूझ रहे हैं, क्या उन्हें छह माह से लेकर एक साल तक क्या डॉक्टर की निगरानी में रहना जरूरी होता है? अगर आपके मन में ये सवाल है, तो इसका जवाब है ‘हां’। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile Dysfunction) की समस्या से जूझ रहे लोगों की निगरानी अगर नहीं रखी जाती है, तो भविष्य में उन्हें किसी बड़ी समस्या का खतरा बना रहता है। अगर आप इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की ट्रीटमेंट करा रहे हैं, तो ऐसे में आपको शरीर में होने वाले अन्य बदलावों पर भी पूरा ध्यान देना चाहिए। अचानक से आए परिवर्तनों के बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं और अगर डॉक्टर से जांच के बारे में सलाह दी हो, तो जांच जरूर कराएं। आप चाहे तो इस बारे में डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और अनियमित हार्टबीट (Erectile Dysfunction and irregular heartbeat) के बारे में अधिक जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।

और पढ़ें: हार्ट संबंधी बीमारियों में एआरएनआई मेडिसिन का क्या होता है अहम रोल?

हार्ट संबंधी समस्याओं से है बचना, तो बेहतर बनाएं लाफस्टाइल!

इस आर्टिकल में आपको इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और अनियमित हार्टबीट (Erectile Dysfunction and irregular heartbeat) के बारे में जानकारी मिल गई होगी। हार्ट संबंधी समस्याओं से बचने के लिए आपको लाइफस्टाइल में बदलाव करने की जरूरत हैं। लाइफस्टाइल में बदलाव कर कई बड़ी बीमारियों के खतरे से बच सकते हैं। अगर आप अभी तक अपने खान-पान पर ध्यान नहीं दे रहे थे या फिर एक्सरसाइज नहीं कर रहे थे, तो आपको तुरंत इन आदतों में बदलाव करने की जरूरत है।

अपने खाने में पौष्टिक आहार शामिल करें और साथ ही डॉक्टर से जानकारी लें कि आपको खाने में किन-किन न्यूट्रिएंट्स की जरूरत है। खाने में पौष्टक आहार शामिल करने के साथ ही आपको रोजाना एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। एक्सरसाइज करने से शरीर में एक्ट्रा कैलोरी बर्न होती है और मोटापा भी नहीं होता है। अगर आप रोजाना पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं लेते हैं, तो भी यह आपकी हार्ट हेल्थ के लिए अच्छी बात नहीं है। आपको रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। रात को सोते वक्त अपने मोबाइल को दूर रखें तो बेहतर होगा। अगर आपको टेंशन या स्ट्रेस की समस्या रहती है, तो बेहतर होगा कि आप मेडिटेशन का सहारा लें। ऐसा करने से आपको रिलैक्स होगा और हार्ट भी बेहतर तरीके से काम करेगा।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या से बचने के लिए भी आपको बेहतर लाइफस्टाइल अपनाने की जरूरत है। आप हाई बीपी (High BP) की समस्या, मोटापे या डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे हैं, तो बेहतर होगा कि इन बीमारियों का इलाज कराएं। ऐसा करने से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile Dysfunction) की समस्या में राहत मिल सकती है। डॉक्टर आपको पेल्विक फ्लोर को मजबूत करने की भी सलाह देंगे। डॉक्टर से पूछिए कि इसके लिए कौन सी एक्सरसाइज की जा सकती है?

और पढ़ें: अल्ट्रा प्रोसेस्ड डायट और टीन्स में हार्ट रिस्क के क्या रहते हैं चांसेज?

इस आर्टिकल में हमने आपको इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और अनियमित हार्टबीट (Erectile Dysfunction and irregular heartbeat) के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

Sayali Chaudhari

फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 05/12/2021

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement