स्टडी के दौरान अनियमित धड़कन की हिस्ट्री के बिना 1,760 ओल्डर मेन को शामिल किया गया। चार वर्षों के बाद, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन होने की जानकारी देने वाले 9.6% पुरुषों में अनियमित धड़कन डायग्नोज किया गया था, जबकि 2.9% पुरुषों में कोई भी कंडीशन नहीं थी। धूम्रपान (Smoking), वजन (Weight), मधुमेह और हाय बीपी सहित विभिन्न रिस्क फैक्टर को एडजस्ट करने के बाद भी, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से जूझ रहे पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के डायग्नोज की संभावना 66% अधिक थी।
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इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और अनियमित हार्टबीट: क्या पेशेंट की निगरानी है जरूरी?
जो पुरुष इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile Dysfunction) की समस्या से जूझ रहे हैं, क्या उन्हें छह माह से लेकर एक साल तक क्या डॉक्टर की निगरानी में रहना जरूरी होता है? अगर आपके मन में ये सवाल है, तो इसका जवाब है ‘हां’। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile Dysfunction) की समस्या से जूझ रहे लोगों की निगरानी अगर नहीं रखी जाती है, तो भविष्य में उन्हें किसी बड़ी समस्या का खतरा बना रहता है। अगर आप इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की ट्रीटमेंट करा रहे हैं, तो ऐसे में आपको शरीर में होने वाले अन्य बदलावों पर भी पूरा ध्यान देना चाहिए। अचानक से आए परिवर्तनों के बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं और अगर डॉक्टर से जांच के बारे में सलाह दी हो, तो जांच जरूर कराएं। आप चाहे तो इस बारे में डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और अनियमित हार्टबीट (Erectile Dysfunction and irregular heartbeat) के बारे में अधिक जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।
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हार्ट संबंधी समस्याओं से है बचना, तो बेहतर बनाएं लाफस्टाइल!
इस आर्टिकल में आपको इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और अनियमित हार्टबीट (Erectile Dysfunction and irregular heartbeat) के बारे में जानकारी मिल गई होगी। हार्ट संबंधी समस्याओं से बचने के लिए आपको लाइफस्टाइल में बदलाव करने की जरूरत हैं। लाइफस्टाइल में बदलाव कर कई बड़ी बीमारियों के खतरे से बच सकते हैं। अगर आप अभी तक अपने खान-पान पर ध्यान नहीं दे रहे थे या फिर एक्सरसाइज नहीं कर रहे थे, तो आपको तुरंत इन आदतों में बदलाव करने की जरूरत है।
अपने खाने में पौष्टिक आहार शामिल करें और साथ ही डॉक्टर से जानकारी लें कि आपको खाने में किन-किन न्यूट्रिएंट्स की जरूरत है। खाने में पौष्टक आहार शामिल करने के साथ ही आपको रोजाना एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। एक्सरसाइज करने से शरीर में एक्ट्रा कैलोरी बर्न होती है और मोटापा भी नहीं होता है। अगर आप रोजाना पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं लेते हैं, तो भी यह आपकी हार्ट हेल्थ के लिए अच्छी बात नहीं है। आपको रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। रात को सोते वक्त अपने मोबाइल को दूर रखें तो बेहतर होगा। अगर आपको टेंशन या स्ट्रेस की समस्या रहती है, तो बेहतर होगा कि आप मेडिटेशन का सहारा लें। ऐसा करने से आपको रिलैक्स होगा और हार्ट भी बेहतर तरीके से काम करेगा।