योगा (Yoga)
योगा के कई लाभ हैं। इसके शारीरिक और मानसिक फायदों के बारे में हर कोई जानता है। यही कारण है कि आजकल योगा इतना लोकप्रिय हो रहा है। इसी तरह से हार्ट और लंग्स (Heart and lungs) के लिए भी योगा बहुत फायदेमंद है। योगा करने से मसल्स टोंड और मजबूत होते हैं। कुछ तरह के योगासन को करने से आपको हार्ट रेट को बढ़ने में मदद मिलती है। लेकिन, यह ब्लड प्रेशर के लो होने में भी सहायक है। योगासनों को करने से पहले डॉक्टर की सलाह और योगासनों का मार्गदर्शन लेना जरूरी है।
साइकिलिंग (Cycling)
हार्ट और लंग्स के पेशेंट्स के लिए व्यायाम (Exercise for heart and lungs) में साइकिलिंग को शामिल करना भी एक अच्छा विचार है। अगर आपको हार्ट और लंग्स (Heart and lungs)संबंधी समस्या है, तो अपनी साइकिल का सही इस्तेमाल करें। हालांकि, संपूर्ण रूप से हेल्दी रहने में भी साइकिलिंग करना सहायक है। साइकिलिंग करने से आप हार्ट डिजीज के रिस्क कम हो सकते हैं। मेंटल हेल्थ (Mental health) में भी यह लाभदायक है।
ब्रीदिंग एक्सरसाइज (Breathing exercises)
अगर आपको लंग प्रॉब्लम है, तो सबसे पहले तो आपको कोई भी ब्रीदिंग एक्सरसाइज (Breathing exercise) करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। हालांकि, कुछ खास ब्रीदिंग एक्सरसाइजेज (Breathing exercises) आपकी कंडिशन को बेहतर बनाने में आपके लिए सहायक साबित हो सकती हैं। जैसे डायाफ्राम की स्ट्रेंथ को सुधारनें में, लंग्स में अधिक एयर प्राप्त करने के लिए, चेस्ट और लंग वॉल को सही बनाए रखने में। लंग प्रॉब्लम्स की स्थिति में आपको डायफ़्रामेटिक ब्रीदिंग (Diaphragmatic breathing), प्रसड लिप्स ब्रीदिंग (Pursed-lips breathing), बैली ब्रीदिंग (Belly breathing) आदि की सलाह दी जाती है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर और किसी एक्सपर्ट की राय अवश्य लें।
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फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज (Flexibility Exercise)
फ्लेक्सिबिलिटीज जैसे स्ट्रेचिंग डायरेक्टली हार्ट हेल्थ को कंट्रीब्यूट करती है। यही नहीं, हड्डियों और जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए भी यह बेहतरीन है। मस्कुलर इशूज (Muscular issues) और जॉइंट्स पैन (Joint Pain) की स्थिति में भी यह लाभदायक है। इन व्यायामों को करना आसान है। स्ट्रेचिंग को व्यायाम शुरू करने से पहले और बाद में करने के भी कई लाभ हैं। उम्मीद है की हार्ट और लंग्स के पेशेंट्स के लिए व्यायाम (Exercise for heart and lungs) के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। लेकिन, इन व्यायामों को करते हुए कुछ चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। जानते हैं इन चीजों के बारे में।

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हार्ट और लंग्स के पेशेंट्स के लिए व्यायाम में इन चीजों का रखें ध्यान
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) के अनुसार हेल्दी रहने और अपने हार्ट व लंग्स को भी स्वस्थ बनाए रखने के लिए हर व्यक्ति को दिन में कम से कम तीस मिनटों के लिए व्यायाम करना चाहिए। इसके साथ ही आपको कुछ अन्य चीजों का भी ध्यान रखना चाहिए, जैसे:
- किसी भी व्यायाम की शुरुआत धीरे-धीरे करें। बाद में अपनी एक्टिविटी लेवल बढ़ाएं। खासतौर, पर अगर आप रेगुलर व्यायाम नहीं करते हैं। एकदम से अधिक इंटेंसिटी से व्यायाम करना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
- खाना खाने के कम से कम एक या डेढ़ घंटे बाद ही व्यायाम करें।
- व्यायाम के दौरान लिक्विड्स का सेवन करते हुए फ्लूइड रिस्ट्रिक्शन गाइडलाइन्स (Fluid restriction guidelines) का पूरी तरह से पालन करें।
- व्यायाम से पहले कम से कम पांच मिनट वार्म-अप के लिए निकालें, जिसमें आप स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज (Stretching exercises) कर सकते हैं। इसके साथ ही एक्टिविटीज के बाद पांच से दस मिनटों तक भी इन व्यायामों को करें। ताकि, आपके शरीर को कूल-डाउन होने में मदद मिले। इससे आप चोट के जोखिमों से बच सकते हैं।
- अपनी एक्सरसाइज का रिकॉर्ड रखें।
- ब्रीदिंग एक्सरसाइज (Breathing exercise) और लाइट फिजिकल एक्टिविटी (Light physical activity) से आपको ब्रीदिंग प्रॉब्लम्स को दूर करने में मदद मिल सकती है।अगर आपको लंग प्रॉब्लम (Lung problem) है और आप जहां रहते हैं वहां पॉल्यूशन लेवल हाय है तो आउटडोर एक्सरसाइज करने से बचें। अगर पॉल्यूशन लेवल हाय हो तो घर के अंदर ही वॉक करें।
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यह तो थी हार्ट और लंग्स के पेशेंट्स के लिए व्यायाम (Exercise for heart and lungs) के बारे में जानकारी। हार्ट, लंग्स या संपूर्ण हेल्थ के लिए आप चाहें योगा का चुनाव करें या वॉक, स्विमिंग या साइकिलिंग का, आपका नियमित रूप से व्यायाम करना जरूरी है। अपनी क्षमता और डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही अपने लिए व्यायाम को चुनें। यही नहीं, अपनी शरीर को समझें की भी कोशिश करें। अगर कोई व्यायाम करते हुए आपको कोई समस्या हो तो उसे तुरंत करना छोड़ दें और मेडिकल हेल्प लें। इसके साथ ही कोई भी एक्सरसाइज करते हुए किसी एक्सपर्ट या अन्य व्यक्ति का आपके पास होना जरूरी है। ताकि आपको कोई भी परेशानी होने पर वो आपकी मदद कर सकें। इसके अलावा सबसे जरूरी है व्यायाम शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह और एक्सपर्ट की गाइडेंस लेना।
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