2. बारबेल स्क्वॉट्स (Barbell Squat): स्क्वॉट्स की इस वेरिएशन को करने के लिए आप इक्विपमेंट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे करने के लिए आपको अपने कंधे के पीछे बार्बेल में अपनी कैपिसिटी के अनुसार वेट लगाकर स्क्वैट करना होता है। इसमें आपकी पुजिशन नॉर्मल होती है। बस आपके हाथ सामने की जगह बार्बेल को पकड़ने की में काम आते हैं।
3. फ्रंट स्क्वॉट्स (Front Squat): स्क्वॉट्स एक्सरसाइज की लिस्ट में फ्रंट स्क्वॉट्स काफी पॉप्युलर है। यही नहीं ओलंपिक लिफ्ट्स में फ्रंट स्क्वॉट्स मेन फॉर्म माना जाता है। हालांकि यह नार्मल स्क्वॉट्स से थोड़ा कठिन जरूर होता है। इस वर्कआउट को करने के लिए आपको अपने कंधों पर सामने की ओर से बारबेल रखना है, जिससे यह क्वाड्रिसेप्स और बैक पर लोड या दवाब पड़ता है।
4. सूमो स्क्वॉट्स (Sumo Squat): सूमो स्क्वॉट्स को आप बारबेल या डंबल दोनों से किया जाने वाला वर्कआउट है। इस एक्सरसाइज को करने के दौरान डंबल या बारबेल को अपने चिन के नीचे ही रहने दें। ध्यान रखें इस दौरान शरीर का पूरा भार थाइज पर पड़ेगा।
5. जंप स्क्वॉट्स (Jump Squat): इस एक्सरसाइज को बेहद आसानी से किया जा सकता है। जब आप जंप स्क्वॉट्स करें, तो सबसे पहले स्क्वॉट्स की पुजिशन (पोजीशन) लें और ऊपर की ओर जंप करें। जितनी आसानी से आप इस वर्कआउट को कर सकते हैं, इससे ठीक उल्टा आपको इस दौरान बेहद सतर्क रहना है, ताकि आपको कोई शारीरिक परेशानी न हो।
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जानिए महिलाओं और पुरुषों के लिए स्क्वॉट्स एक्सरसाइज के फायदे क्या हैं?

स्क्वॉट्स एक्सरसाइज अगर रेग्यूलर और ठीक तरह से परफॉर्म की जाए, तो इससे निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं। इनमें शामिल है:
मसल्स बनाने में मददगार
स्क्वॉट्स को टांगों के लिए बेहतरीन एक्सरसाइज माना जाता है। यानी इसे करने से टांगों के आसपास के मसल्स जैसे कल्वेस, हम्सटररिंग्स और क्वाड्रिसेप्स आदि को लाभ होता है। यही नहीं, महिलाओं और पुरुषों दोनों के शरीर के मसल्स को बनाने में यह लाभदायक है। अगर इस व्यायाम को ठीक तरह से किया जाए, तो यह आपके शरीर को एक नया लुक देने में फायदेमंद हो सकता है।
शरीर के पॉश्चर को सुधारता है
महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए स्क्वॉट्स का सबसे बड़ा फायदा यही है कि यह एक्सरसाइज शरीर का सही पॉश्चर बनाने मदद करती है। स्क्वॉट्स करने से पूरे शरीर का अच्छे से व्यायाम होता है और इससे शरीर का सही पॉश्चर बनने और गलत पॉश्चर को सुधारने में भी मदद मिलती है। शरीर के साथ-साथ इसे करने से शरीर और दिमाग दोनों अनुशासित रहते हैं।