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ब्रीदिंग एक्सरसाइज से मालिश तक ये हैं प्रसव पीड़ा को कम करने के उपाय

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nikhil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 08/09/2020

    ब्रीदिंग एक्सरसाइज से मालिश तक ये हैं प्रसव पीड़ा को कम करने के उपाय

    चाइल्ड बर्थ के दौरान होनी वाली प्रसव पीड़ा को असहनीय माना जाता है। गर्भवती महिला के लिए इस प्रसव पीड़ा को बर्दाश्त करना बहुत मुश्किल होता है। प्रसव के दर्द को कम करने के उपाय हैं। जिनकी मदद से प्रसव के समय होने वाले दर्द से निपटा जा सकता है। इनमें से कुछ प्रसव पीड़ा को कम करने के उपाय में मेडिसिन का उपयोग किया जाता है, तो कुछ में दवा की जरूरत नहीं पड़ती। अगर गर्भवती महिला को यह पता हो कि प्रसव के दौरान खुद की मदद के लिए वह क्या कर सकती है, तो यह उनके प्रसव या लेबर टाइम को सकारात्मक बनाने में मददगार साबित हो सकता है।

    प्रसव का दर्द कितने समय तक होता है?

    प्रसव पीड़ा को कम करने के उपाय जानने से पहले प्रसव पीड़ा को समझना जरूरी है। सभी महिलाओं के लिए प्रसव पीड़ा भिन्न होती है। अगर कोई महिला पहली बार मां बन रही हो तो प्रसव का समय लगभग 12-14 घंटे होता है। इसके बाद इसकी अवधि सात घंटे या फिर इससे भी कम हो सकती है। प्रसव अवधि की असामान्य स्थितियां भी होती हैं, जब किसी महिला को 24 घंटे से अधिक प्रसव होता है। जबकि कुछ महिलाओं का कुछ ही घंटों में प्रसव खत्म हो जाता है। आइए अब जानते हैं प्रसव पीड़ा को कम करने के उपाय। 

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    प्रसव पीड़ा को कम करने के उपाय:

    प्रसव पीड़ा को कम करने के उपाय में सबसे पहला सही पुजिशन अपनाएं

    डिलिवरी के दौरान होने वाले प्रसव के समय महिला की पुजिशन से बहुत फर्क पड़ता है। इससे उन्हें होने वाले प्रसव के दर्द पर प्रभाव पड़ता है। प्रसव कितना लंबा होने वाला है यह भी इससे प्रभावित है। ऐसा माना जाता है कि सीधे खड़े रहने से प्रसव में तेजी आती है और गुरुत्वाकर्षण बल शिशु के जन्म को और आसान बनाता है। प्रसव के दौरान पीठ के बल लेटने से महिला के शरीर में ब्लड सर्क्युलेशन कम हो जाता है। जो शिशु के जन्म को मुश्किल बना देता है। इसलिए प्रसव के दर्द से बचने के लिए अगर आप बिस्तर पर हैं तो पीठ के पीछे तकिया लगा लें। प्रसव पीड़ा को कम करने के उपाय में इस उपाय को फॉलो करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें। 

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    प्रसव पीड़ा को कम करने के उपाय में सबसे जरूरी है कॉन्ट्रैक्शन के बीच मूवमेंट 

    इस बात को डॉक्टर्स भी मानते हैं कि प्रसव के दौरान संकुचन के बीच बॉडी मूवमेंट करते रहना चाहिए। यह प्रसव के समय को घटाता है। इससे प्रसव के दर्द में कमी आती है। आप अपने पति या मां, सास या किसी अन्य भरोसेमंद महिला रिश्तेदार को अपने साथ चलने के लिए कह सकती हैं, ताकि आप संकुचन के दौरान उनका सहारा ले सकें।  कॉन्ट्रैक्शन के दौरान चहलकदमी करने से मदद मिलेगी। इस उपाय को आसानी से अपनाया जा सकता है। 

    प्रसव पीड़ा को कम करने के उपाय में ब्रीदिंग एक्सरसाइज है जरूरी 

    प्रसव के दौरान तेजी से सांस लेने के बजाए धीरे-धीरे और लयबद्ध सांस लेने की कोशिश करें। इससे आपके ऊर्जा की बचत होगी। इससे आपको प्रसव के दर्द से निपटने में आसानी होगी। लेबर के दौरान ब्रीदिंग एक्सरसाइज से एक फायदा यह भी है कि शिशु को पर्याप्त ऑक्सिजन की आपूर्ति होती रहती है। प्रसव पीड़ा को कम करने के उपाय में यह उपाय बेहद आसान है। इसे कोई भी गर्भवती महिला आसानी से अपना सकती है। 

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    प्रसव पीड़ा को कम करने के उपाय में मालिश/मसाज है सबसे लाभदायक

    प्रसव के दौरान मालिश करवाना गर्भवती महिला को आराम दे सकता है। क्योंकि इससे शरीर में ‘गुड फील’ वाले हॉर्मोन पैदा होते हैं। ये हॉर्मोन प्रसव के दौरान महिला रिलैक्स फील कराने में मदद करते हैं। हल्की मसाज से आराम के साथ-साथ प्रसव के दर्द से राहत मिलती है। प्रसव पीड़ा कम करने के उपाय में इस उपाय को भी डॉक्टर की देखरेख में आसानी से अपनाया जा सकता है। 

    प्रसव पीड़ा को कम करने के उपाय में सबसे आसान उपाय आराम करें

    इसमें कोई दो राय नहीं कि प्रसव के दौरान गर्भवती महिला के लिए आराम दूर का सूरज जैसा है, लेकिन थोड़ा सा रिलैक्स रहने से आप अपनी एनर्जी को बचा सकती हैं। इससे आप कॉन्ट्रैक्शन के समय मजबूत रहेगी और डिलिवरी में व्यवधान नहीं होगी। प्रसव पीड़ा कम करने के उपाय में यह उपाय तो कोई भी अपना सकता है। 

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    प्रसव पीड़ा को कम करने के उपाय- खान-पान भी कर सकता है दर्द को कम

    गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के दौरान कई महिलाओं को बहुत अधिक भूख लगती है। जो महिला पहली बार शिशु को जन्म दे रही है उसके लिए प्रसव थोड़ा लंबा हो सकता है। इसलिए हेल्दी फूड्स का सेवन करें। ताकि पर्याप्त मात्रा में एनर्जी मिलती रहे। पानी भी अधिक-से-अधिक पिएं। 

    प्रसव पीड़ा कम करने के उपाय जानने के बाद हम आपको नकली लेबर पेन (प्रसव पीड़ा) के बारे में बता रहे हैं। कई बार महिलाएं और उनके परिजन इसको लेकर कंफ्यूज होते हैं। जानिए इसके बारे में।

    क्या होता है नकली लेबर पेन या नकली प्रसव पीड़ा?

    कई महिलाएं प्रेग्नेंसी की आखिरी तिमाही में गर्भाशय में कसाव या उसके सख्त होने पर तुरंत हॉस्पिटल पहुंच जाती हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि लेबर पेन शुरू हो गया है, लेकिन डॉक्टर से मिलने पर उन्हें पता चलता है कि यह असली नहीं, बल्कि नकली लेबर पेन था। आपके साथ ऐसा न हो इसलिए असली और नकली लेबर पेन के अंतर को समझना जरूरी है। नकली लेबर पेन यू तो लेबर पेन जैसा ही होता है लेकिन यह डिलिवरी का संकेत नहीं होता है।

    नकली प्रसव पीड़ा के लक्षणः

    • संकुचन में ज्यादा दर्द नहीं होता, लेकिन असहज महसूस होता है।
    • संकुचन लगातार नहीं होता और ना ही समय के साथ इसकी गंभीरता या फ्रीक्वेंसी बढ़ती है।
    • यदि आप अपनी पुजिशन बदलते हैं जैसे बैठी हैं तो चलने लगती हैं, लेटी हैं तो उठकर बैठ जाती हैं और इससे दर्द कम हो जाता है।
    • दर्द पेट के निचले हिस्से में होता है पीठ के निचले हिस्से में नहीं।
    • संकुचन होते ही भ्रूण की गति (मूमेंट) बढ़ जाती है।

    हम उम्मीद करते हैं कि प्रसव पीड़ा को कम करने के उपाय पर आधारित यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। गर्भावस्था और प्रसव ऐसा समय होता है जब महिला और उसके परिवार को पूरी तरह से सतर्क और मानसिक रूप से मजबूत रहना चाहिए। प्रसव को आसान बनाने के लिए आप ऊपर बताए गए उपाय आजमा कर सकते हैं, लेकिन कोई भी उपाय अपनाने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें क्योंकि गर्भावस्था के समय हर कदम पर डॉक्टर की सलाह जरूरी है। प्रसव और प्रसव पीड़ा पर अधिक जानकारी से हेल्थ एक्सपर्ट से संपर्क करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी प्रकार की चिकित्सा सलाह, उपचार और निदान प्रदान नहीं करता।

    डिस्क्लेमर

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