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लिवर कैंसर के प्रकार (Liver cancer types) के बारे में जान लें

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 16/02/2022

    लिवर कैंसर के प्रकार (Liver cancer types) के बारे में जान लें

    लिवर कैंसर लिवर में होता है। लिवर हमारे शरीर का सबसे बड़ा अंग है। यह कई प्रकार के कठिन कामों को अंजाम देता है ताकि हमारी बॉडी वेस्ट मटेरियल को बाहर निकाल सके, पोषक तत्वों को एब्जॉर्ब कर सके और घावों को भर सके। जब लिवर में कैंसर डेवलप होता है तो यह लिवर की कोशिकाओं को खत्म कर देता है और लिवर के काम करने की क्षमता को भी प्रभावित करता है। लिवर कैंसर के टाइप कई हैं जो कैंसरस होने वाली कोशिकाओं के प्रकार पर निर्भर करता है।

    लिवर एब्डोमिन के ऊपरी दाहिनी हिस्से में स्थित होता है जो कि रिब्स से नीचे होता है। यह बाइल के प्रोडक्शन के लिए जिम्मेदार है जो फैट्स, विटामिन्स और दूसरे पोषक तत्वों को डायजेस्ट करने में मदद करता है। यह महत्वपूर्ण अंग ग्लूकोज जैसे पोषक तत्वों को भी स्टोर करता है ताकि जब आप खाना नहीं खा रहे हों तो आपको पोषण मिलता रहे। यह दवाओं और विषाक्त पदार्थों को भी तोड़ता है।

    लिवर कैंसर के प्रकार (Liver cancer types)

    लिवर कैंसर को आम तौर पर प्राथमिक या माध्यमिक के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। प्राथमिक लिवर कैंसर (Primary liver cancer) लिवर की कोशिकाओं से शुरू होता है। सेकेंडरी लिवर कैंसर तब विकसित होता है जब कैंसर कोशिकाएं लिवर से अन्य अंगों में फैल जाती हैं, या मेटास्टेसाइज (Metastasize) हो जाती हैं। शरीर में अन्य कोशिकाओं के विपरीत, कैंसर कोशिकाएं प्राथमिक साइट से या जहां से कैंसर शुरू हुआ, वहां से अलग हो सकती हैं।

    कोशिकाएं आपके शरीर के अन्य क्षेत्रों में रक्तप्रवाह (Bloodstream) या लसीका प्रणाली (Lymphatic system) के माध्यम से यात्रा कर सकती हैं। जब वे अन्य अंगों या ऊतकों तक पहुंचती हैं, तो वे वहां बढ़ना शुरू कर सकती हैं। इस आर्टिकल में लिवर कैंसर के टाइप के बारे में जानकारी दी जा रही है।

    और पढ़ें: क्या हेपेटाइटिस के कारण होता है सिरोसिस या लिवर कैंसर?

    लिवर कैंसर के टाइप: हैप्टोसेलुलर कार्सिनोमा (Hepatocellular carcinoma)

    हैप्टोसेल्युलर कार्सिनोमा को हेप्टोमा भी कहा जाता है। यह लिवर कैंसर का सबसे कॉमन प्रकार है। 75 प्रतिशत लिवर कैंसर के मामलों में सबसे ज्यादा मामले इस कैंसर के आते हैं। यह कैंसर लिवर की मुख्य कोशिकाओं से शुरू होता है जिन्हें हेप्टोसेलुसर कोशिकाएं कहा जाता है। इसके ज्यादातर मामले हेपेटायटिस बी, सी या शराब के सेवन से होने वाले लिवर सिरोसिस की वजह से होते हैं। यह कैंसर पुरुष में अधिक कॉमन है।

    लिवर कैंसर के जोखिम को बढ़ाने वाली स्थितियों में हेपेटाइटिस बी या सी, सिरोसिस (यकृत में घाव) और नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज शामिल हैं। अन्य कारक, जैसे भारी शराब का सेवन, मोटापा, तंबाकू का सेवन या मधुमेह, भी जोखिम को बढ़ा सकते हैं। कुछ पर्यावरणीय कारक या आनुवंशिक रोग भी जोखिम कारक हैं।

    एचसीसी एकल बढ़ते ट्यूमर के रूप में शुरू हो सकता है जो संभवतः अधिक उन्नत चरणों में पूरे लिवर में फैलता है, या यह कई छोटे ट्यूमर के रूप में दिखाई देता है। दूसरा प्रकार अधिक सामान्य है और सिरोसिस से जुड़ा है।

    संभावित उपचार में शामिल हैं:

    • ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी
    • लिवर प्रत्यारोपण
    • रेडिएशन थेरिपी
    • एब्लेशन जिसमें कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए टार्गेट हीट का उपयोग किया जाता है

      अन्य लक्षित दवाएं या उपचार भी उपलब्ध हैं।

    लिवर कैंसर के टाइप: फाइबरोमेलार एचसीसी (Fibrolamellar HCC)

    फाइबरोमेलार एचसीसी एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है जो दूसरे लिवर कैंसर की तुलना में ट्रीटमेंट के प्रति अधिक प्रतिक्रिया देता है। इसका इलाज एचसीसी की तरह ही किया जाता है। यह कैंसर 35 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में होता है।

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    लिवर कैंसर के टाइप: कोलेंजियोकार्सिनोमा (Cholangiocarcinoma)

    इसे बाइल डक्ट कैंसर भी कहा जाता है। यह छोटे, लिवर के अंदर ट्यूब की तरह होने वाले बाइल डक्ट्स जो बाइल को गॉलब्लैडर में ले जाते हैं उनमें होता है। लिवर कैंसर के 10 से 20 प्रतिशत मामलों में कोलेंजियोकार्सिनोमा कैंसर पाया जाता है। इंट्राहेप्टिक बाइल डक्ट कैंसर (Intrahepatic bile duct liver) लिवर में स्थित डक्ट्स मेंहोता है। वही एक्सट्राहेप्टिक बाइल डक्ट कैंसर (Extrahepatic bile duct cancer) लिवर के बाहर की डक्ट में डेवलप होता है।

    जोखिम कारकों में लिवर में पुरानी सूजन की स्थिति शामिल है, जैसे कि प्राथमिक स्क्लेरोजिंग कोलांगिटिस (पीएससी), बाइल डक्ट स्टोन्स, सिरोसिस या हेपेटाइटिस बी या सी संक्रमण। अन्य दुर्लभ लिवर रोग और इंफ्लामेटरी बॉवेल डिजीज भी आपके जोखिम को बढ़ा सकते हैं। अत्यधिक शराब का सेवन, मोटापा और अधिक उम्र भी इसके जोखिम कारक हैं। सभी प्रकार बाइल डक्ट कैंसर लिवर के अंदर से शुरू होते हैं का सर्वाइवल रेट 5 साल है।

    हालांकि वे अधिक एडवांस्ड स्टेज तक खुद को पेश नहीं कर सकते हैं, लेकिन इनके संभावित लक्षणों में शामिल हैं:

    • पीलिया (त्वचा का पीला पड़ना और आंखों का सफेद होना)
    • खुजली
    • बुखार
    • पेट में दर्द

    बाइल डक्ट के कैंसर का इलाज एचसीसी के समान ही किया जाता है।

    और पढ़ें: Liver cyst: लिवर सिस्ट के क्या होते हैं लक्षण, कैसे किया जाता है बीमारी का इलाज?

    लिवर कैंसर के टाइप: एंगियोसार्कोमा (Angiosarcoma)

    एंगियोसार्कोमा को हेमेनगियोकार्सिनोमा भी कहा जाता है। एक प्रतिशत लिवर कैंसर के मामले इस कैंसर के होते हैं। यह कैंसर लिवर के ब्लड वेसल्स से शुरू होता है जो बहुत जल्दी ग्रो होता है। ये आमतौर पर एडवांस्ड स्टेज पर डायग्नोस होता है। जोखिम कारकों में कुछ पर्यावरणीय रसायनों (जैसे विनाइल क्लोराइड, आर्सेनिक या थोरियम डाइऑक्साइड) या कुछ विरासत में मिली बीमारियों (जैसे वंशानुगत हेमोक्रोमैटोसिस) के संपर्क में शामिल हैं।

    इस कैंसर के कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं या पेट में गांठ जैसा महसूस हो सकता है। इन कैंसरों का इलाज आमतौर पर बहुत मुश्किल होता है, लेकिन कीमोथेरेपी या रेडिएशन का उपयोग उनकी प्रोग्रेस को धीमा करने के लिए किया जा सकता है।

    सेकेंड्री लिवर कैंसर, जिसे लिवर मेटास्टेसिस भी कहा जाता है, तब विकसित होता है जब शरीर के दूसरे भाग से प्राथमिक कैंसर लिवर में फैलता है। सेकेंड्री लिवर कैंसर प्राइमरी लिवर कैंसर से अधिक आम है। अधिकांश लिवर मेटास्टेसेज कोलन या कोलोरेक्टल कैंसर से उत्पन्न होते हैं। कोलोरेक्टल कैंसर के निदान वाले आधे से अधिक रोगियों में सेकेंड्री लिवर कैंसर विकसित होता है।

    कैंसर फेफड़े, स्तन, पेट, अग्न्याशय, गुर्दे, अन्नप्रणाली (Esophagus) या त्वचा से भी लिवर में फैल सकता है। लिवर कैंसर के फैलने की सबसे आम जगहों में से एक है। लिवर कितना प्रभावित होता है, इसके आधार पर लक्षण अलग-अलग होते हैं।

    संभावित लक्षणों में शामिल हैं:

    • थकान
    • भूख में कमी
    • पीलिया
    • बुखार
    • पेट में सूजन या दर्द
    • लिवर मेटास्टेसेज के इलाज के लिए सर्जरी, एब्लेशन या रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

    सेकेंडरी लिवर कैंसर को आपके प्राथमिक कैंसर का हिस्सा माना जाता है। उदाहरण के लिए, यदि कैंसर फेफड़ों में शुरू हुआ और फिर यकृत में फैल गया, तो आपके द्वितीयक यकृत कैंसर को अभी भी फेफड़ों के कैंसर के रूप में माना जाएगा।

    लिवर कैंसर के टाइप: हेपेटोब्लास्टोमा (Hepatoblastoma)

    हालांकि यह दुर्लभ है, लेकिन बाल रोगियों में सबसे आम लिवर कैंसर है। यह लिवर के लोब (Lobes) में होता है।

    लगभग एक-तिहाई मामले विरासत में मिले विकार से जुड़े होते हैं, जैसे कि बेकविथ-विडेमैन सिंड्रोम (Beckwith-Wiedemann syndrome), एडवर्ड सिंड्रोम (Edward syndrome), एकार्डी सिंड्रोम (Aicardi syndrome), डाउन सिंड्रोम (Down syndrome) या अन्य आनुवंशिक असामान्यताएं। हेपेटोब्लास्टोमा गर्भावस्था से पहले या गर्भावस्था के दौरान कम जन्म के वजन, मां में प्रीक्लेम्पसिया (Preeclampsia) या मातृ धूम्रपान से जुड़ा हुआ है

    और पढ़ें: Malignant mesothelioma: मेलिगेंट मेसोथेलियोमा कैंसर क्या है? जानिए इसके लक्षण, कारण और इलाज

    उम्मीद करते हैं कि आपको लिवर कैंसर के टाइप (Types of liver cancer) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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