तंबाकू और एल्कोहॉल का इस्तेमाल सीधे तौर पर लिवर कैंसर (Liver cancer) से जोड़ कर देखा जाता है। ऐसे में स्मोकिंग और एल्कोहॉल के सेवन को कम करने से इसके जोखिम को भी कम किया जा सकता है। यही नहीं, इससे संपूर्ण स्वास्थ्य को सुधारने में भी मदद मिलेगी। इससे अन्य तरह के कैंसर के विकसित होने के जोखिम को भी कम किया जा सकता है। अन्य हेल्दी हैबिट्स जैसे एक्टिव रहना, सही आहार का सेवन और सही वजन को बनाए रखने से भी कई समस्याओं के रिस्क को कम किया जा सकता है।
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डायटरी सप्लीमेंट्स (Dietary supplements)
हालांकि, अभी तक की गयी स्टडीज से यह बात क्लियर नहीं हुई है कि डायट्री सप्लीमेंट्स (जिनमें विटामिन, मिररल और हर्बल प्रोडक्ट्स आदि शामिल हैं), लिवर कैंसर के जोखिम के विकसित होने और फिर से इसके होने को जोखिम को कम किया जा सकता है। लेकिन, इसका अर्थ यह भी नहीं है कि सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल करने से कोई लाभ नहीं होता है। इससे रोगी को लाभ हो सकता है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
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लिवर कैंसर के साथ लिविंग (Living with Liver Cancer) के बारे में तो आप जान ही गए होंगे। अगर कैंसर पेशेंट्स के सर्वाइवल को यह समस्या फिर से हो जाती है तो इसका उपचार कई बातों पर निर्भर करता है जैसे कैंसर कहां हैं, रोगी को पहले कौन सा उपचार दिया गया था और पेशेंट की हेल्थ आदि। इस कैंसर के उपचार में भी एब्लेशन (Ablation) , रेडिएशन थेरेपी (Radiation therapy), कीमोथेरेपी (Chemotherapy), टार्गेटेड थेरेपी (Targeted therapy) या इन सब का कॉम्बिनेशन आदि शामिल है।
इसमें कोई संदेह नहीं कि लिवर कैंसर के साथ लिविंग (Living with Liver Cancer) बेहद मुश्किल है। लेकिन, इस दौरान कैंसर पेशेंट्स के लिए सकारात्मक रहना, परिवार और दोस्तों का साथ, प्रोफेशनल काउंसलिंग आदि बेहद जरूरी है। अगर इसके बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है तो डॉक्टर से इस बारे में अवश्य जानें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।