किसी फूड की एनर्जी डेंसिटी उसमें मौजूद मेक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे कि फैट, प्रोटीन और कार्बोहायड्रेट्स, फायबर और पानी इंटेक पर निर्भर करती है। फूड्स जिनमें अधिक मात्रा में फायबर और पानी पाया जाता है वे उनकी एनर्जी डेंसिटी कम होती है। फैट की मात्रा अधिक होने पर फूड्स में एनर्जी डेंसिटी बढ़ जाती है।
हाय एनर्जी डेंसिटी फूड्स (High Energy density foods) कौन से हैं?
डायट्री एनर्जी का मोटापे और मेटाबॉलिक सिंड्रोम से संबंध (Dietary Energy Density Is Associated With Obesity and the Metabolic Syndrome) समझने के बाद हमें अपनी डायट में हाय एनर्जी डेंसिटी फूड्स को शामिल कम से कम करना चाहिए। इसमें मिठाईयां, डीप फ्रायड फूड्स जैसे कि समोसा, कचोरी, फ्रेंच फ्राइज, पास्ता, चीज, नट्स, थिक सॉसेज, स्टार्ची वेजिटेबल, पेस्ट्री, केक, बटर, फास्ट फूड, आइसक्रीम, जूस, फिज्जी ड्रिंक, चॉकलेट मिल्क और फुल फैट मिल्क।
कुछ फूड्स और बेवरेजेस हाय और लो एनर्जी डेंसिटी हो सकते हैं। सब्जियों से बने सूप लो एनर्जी डेंसिटी होते हैं वही क्रीमी सूप हाय एनर्जी डेंस। नॉन फैट मिल्क रेगुलर मिल्क की तुलना में कम एनर्जी डेंस होता है। वहीं डायट सोड़ा शुगरी सॉफ्ट ड्रिंक की तुलना में लोअर एनर्जी डेंस है।
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लो एनर्जी डेंसिटी फूड्स (Low Energy Density Foods)
लो एनर्जी डेंसिटी फूड्स में हाय फायबर से युक्त हरी और कलरफुल सब्जियां आती हैं। वाटरी फ्रूट्स जैसे कि खट्टे फल और तरबूज और खरबूज कम डेंसिटी वाले फूड्स माने जाते हैं। लो कैलोरी डायट फूड्स में लो एनर्जी डेंसिटी होती है, लेकिन ऐसा हमेशा नहीं होता। लो एनर्जी डेंसिटी फूड्स की सबसे अच्छी बात ये है कि इनमें सर्विंग साइज के अनुसार पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। कई प्रकार के फल, बेरीज और सब्जियों में कैलोरी कम होती है, फायबर अधिक होता है और इनमें विटामिन और मिनरल्स अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। लो एनर्जी डेंसिटी फू्ड्स के उदाहरण निम्न प्रकार हैं।

- पालक
- ब्रोकली
- लेटस
- बीन्स
- ग्रिल्ड चिकन
- ग्रीक योगर्ट
- फलियां
- ओटमील
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