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डायबिटीज पेशेंट में न्यूट्रिशन थेरिपी क्या है (What is nutrition therapy in diabetic patient)?
अगर हम बात करें डायबिटीज पेशेंट में न्यूट्रिशन थेरिपी की तो यह चिकित्सा सबसे ज्यादा तब प्रभावकारी साबित हो सकती है, जब डायबिटीज का लेवल बहुत हाय होता है और शुगर कंट्रोल नहीं हो रहा होता है। यह थेरिपी डायबिटीज के तीनों प्रकार में काम आ सकती है, लेकिन तीनों का थेरिपी पैटर्न अलग होता है। जैसा कि टाइप टाइप 1 में पेंक्रियाज उचित मात्रा में इंसुलिन का निमार्ण कर कर पाता है। तो वहीं टाइप 2 में शरीर इंसुलिन का सही इस्तेमाल नहीं कर पाता है, जिसकी वजह से रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़नें लगता है। डायबिटीज की समस्या अपने साथ और भी कई बीमारी को लेकर आती है, इसका प्रभाव हार्ट, किडनी और नर्व आदि पर पड़ सकता है। ऐसे मरीजों में हार्ट प्रॉब्लम, स्ट्रोक और किडनी डैमेज का खतरा अधिक होता है। डायबिटीज से होने वाले समस्याओं को न्यूट्रिशन थेरिपी की मदद से ठीक किया जा सकता है। इसमें कुछ डायबिटीज के मार्कर को कंट्रोल किया जा सकता है, जैसे कि हीमोग्लोबिन HbA1c1 इसके लिए आप A1c1 टेस्ट भी करवा सकते हैं। ये लॉन्ग टर्म ब्लड शुगर कंट्रोल इंडिकेटर होता है। डायबिटीज पेशेंट में न्यूट्रिशन थेरिपी एक पैटर्न डायट प्लान की जाती है, जो रक्त शर्करा, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर में संतुलन बनाए रखता है। इसमें खाने डायट प्लान व्यक्तिगत और शरीर के जरूरी पोषक तत्वों की प्राथमिकताओं पर आधारित होती है।
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टाइप 1 और 2 मधुमेह के उपचार में डायबिटीज पेशेंट में न्यूट्रिशन थेरिपी की भूमिका (Role of nutrition therapy in diabetic patients in the treatment of type 1 and 2 diabetes)
जैसे ही इसमें शुगर लेवल का निदान किया जाता है, तो यह न्यूट्रिशन थेरिपी टाइप 1 डायबिटीज के लिए कम्पलिट ट्रीटमेंट योजना है। इसमें ग्लाइसेमिक पर नियंत्रण प्राप्त करने के लिए, टाइप 1 मधुमेह वाले लोगों को भोजन के कार्बोहाइड्रेट तत्व को प्रांडियल इंसुलिन के साथ समन्वयित किया जाता है। टाइप 1 डायबिटीज वाले व्यक्ति को प्लान युक्त कार्बोहाइड्रेट सेवन पर जोर दिया जाता है। इसके अलावा टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए, न्यूट्रिशन थेरिपी महत्वपूर्ण है। टाइप 2 मधुमेह के जोखिम वाले लोगों में अधिक वजन से शुरू होने वाली मेटाबॉल्जिम प्रॉब्लम को दूर करने के साथ यह इंसुलिन रेजिस्टेंट को भी कंट्रोल करता है। हालांकि प्रीडायबिटीज इस डायट पैटर्न में शामिल नहीं है। प्रीडायबिटीज का इलाज जीवनशैली में सुधार कर के किया जाना चाहिए। इस थेरिपी पैटर्न से डायबिटीज को लंबे समय तक कंट्रोल किया जा सकता है।