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कौन से हैं डायबिटीज से जुड़े कॉम्प्लिकेशन? (Diabetes complications)
डायबिटीज (Diabetes) की समस्या एक ऐसी समस्या है, जो अपने साथ कई तरह की बीमारियों को न्यौता देती है। यह धीरे-धीरे आपके शरीर में घर करती जाती है, लेकिन इससे जुड़ी सही जानकारी होने पर आप इसके लक्षणों पर ध्यान देकर इसका इलाज जल्द से जल्द करवा सकते हैं। डायबिटीज के कॉम्प्लिकेशन के रूप में आपको यह तकलीफें दिखाई दे सकती हैं –
- आंखों की समस्या
- इंफेक्शन
- ब्लड प्रेशर
- कोलेस्ट्रॉल
- नर्व डैमेज
- पाचन संबंधी समस्याएं
- किडनी डैमेज
- हड्डियों से जुड़ी समस्याएं
यह सभी समस्याएं आपको डायबिटीज के चलते हो सकती हैं, इसलिए इन समस्याओं को डायबिटीज कॉम्प्लिकेशन (Diabetes complications) के रूप में देखा जाता है। दरअसल डायबिटीज से जुड़ी यह सभी समस्याएं किसी भी व्यक्ति को बीमार कर सकती हैं, इसलिए डायबिटीज को सामान्य बनाकर इन कॉम्प्लिकेशन को दूर रखने की कोशिश करनी चाहिए। यही वजह है कि डायबिटीज में आपको कुछ तत्वों के सेवन की सलाह दी जाती है। इसलिए टाइप टू डायबिटीज का कोलीन और बिटेन से रिलेशन समझने की जरूरत होती है। आइए जानते हैं टाइप टू डायबिटीज का कोलीन और बिटेन से रिलेशन (Association of choline and betaine with risk of T2D) क्या है।
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क्या है टाइप टू डायबिटीज का कोलीन और बिटेन से रिलेशन? (Association of choline and betaine with risk of T2D)
डायबिटीज जर्नल (Diabetes journal) में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार टाइप टू डायबिटीज का कोलीन और बिटेन से रिलेशन जानने की कोशिश की गई। टाइप टू डायबिटीज में कोलीन और बिटेन के सेवन के बारे में एक रिसर्च से पता लगाया गया। इस रिसर्च में टाइप टू डायबिटीज (Type 2 diabetes) से कोलीन और बिटेन के संबंध को पहचाना गया। तेरा हजार से भी ज्यादा पेशंट पर कोलीन और बिटेन (Choline aur betaine) के असर को रिसर्च के जरिए परखा गया। इस रिसर्च में पाया गया कि पुरुषों में डायटरी कोलीन और बिटेन का टाइप टू डायबिटीज में प्रभाव नहीं दिखाई दिया और टाइप टू डायबिटीज में पुरुषों में डायटरी कोलीन और बिटेन लेने से किसी प्रकार का बदलाव नहीं आया। लेकिन महिलाओं में इसका सीधा संबंध देखा गया। महिलाओं में पाया गया कि जो महिलाएं डायटरी कोलीन और बिटेन का सेवन कर रही थी, उनमें टाइप टू डायबिटीज का रिस्क बढ़ा हुआ दिखाई दिया। हालांकि टाइप टू डायबिटीज का कोलीन और बिटेन से रिलेशन (Association of choline and betaine with risk of T2D) जानने के लिए और भी रिसर्च की जरूरत पड़ेगी और क्लिनिकल ट्रायल्स के जरिए इसे बेहतर समझा जा सकेगा। हाल की मौजूदा रिसर्च के चलते यह समझा जा सकता है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में डायटरी कोलीन और बिटेन (Choline aur betaine) के सेवन से टाइप टू डायबिटीज का रिस्क बढ़ सकता है। टाइप टू डायबिटीज का कोलीन और बिटेन से रिलेशन समझने के लिए इस तरह की रिसर्च काम आ सकती है, लेकिन इस पर और भी स्टडी की जरूरत पड़ेगी।