इसोफेजियल कैंसर (Esophageal cancer)
2014 के नौ कोहोर्ट और 15 केस-कंट्रोल अध्ययनों के मेटा-विश्लेषण में पाया गया कि जो व्यक्ति सबसे अधिक शारीरिक रूप से सक्रिय थे, उनमें उन लोगों की तुलना में इसोफेजियल एडेनोकार्सिनोमा (Esophageal adenocarcinoma) का 21% कम जोखिम था जो कम से कम शारीरिक रूप से सक्रिय थे।
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किडनी कैंसर (Kidney cancer)
2013 में 11 कोहोर्ट अध्ययनों और 8 केस-कंट्रोल अध्ययनों के मेटा-विश्लेषण में पाया कि जो व्यक्ति सबसे अधिक शारीरिक रूप से सक्रिय थे, उनमें सबसे कम सक्रिय की तुलना में गुर्दे के कैंसर का 12% कम जोखिम था। 1 मिलियन से अधिक व्यक्तियों के एक संयुक्त विश्लेषण में पाया गया कि शारीरिक गतिविधि किडनी कैंसर के 23% कम जोखिम से जुड़ी थी।
पेट का कैंसर या गेस्ट्रिक कैंसर (Stomach (gastric) cancer)
10 कोहोर्ट अध्ययनों और 12 केस-कंट्रोल अध्ययनों के 2016 के एक मेटा-विश्लेषण ने बताया कि जो व्यक्ति सबसे अधिक शारीरिक रूप से सक्रिय थे, उनमें पेट के कैंसर का जोखिम उन लोगों की तुलना में 19% कम था जो कम से कम सक्रिय थे। यानी कि एक्सरसाइज से कैंसर का रिस्क कम हो सकता है (Exercise may reduce cancer risk)।
इनके अलावा कुछ स्टडीज एक्सरसाइज और लंग कैंसर के रिस्क को कम करने के बीच में भी संबंध दर्शाती हैं। इन अध्ययनों के आधार पर ऐसा माना जा सकता है कि एक्सरसाइज से कैंसर का रिस्क कम हो सकता है।
एक्सरसाइज से कैंसर का रिस्क कम हो सकता है (Exercise may reduce cancer risk) लेकिन, कैसे?

एक्सरसाइज का बॉडी पर कई प्रकार का बायलॉजिकल इफेक्ट होता है। यह कुछ विशिष्ट प्रकार के कैंसर्स को निम्न प्रकार प्रभावित करती है।
- ये सेक्स हॉर्मोन्स के लेवल जैसे कि ईस्ट्रोजेन को कम करने में मदद करती है, जिसमें वृद्धि कैंसर के विकास और प्रगति से जुड़ी है।
- यह इंसुलिन के उच्च रक्त स्तर को रोकना, जिसे कैंसर के विकास और प्रगति से जोड़ा गया है।
- इंफ्लामेशन (Inflammation) को कम करें।
- इम्यून सिस्टम के फंक्शन (Immune system function) में सुधार करें।
- मोटापा कम करने में मदद करे जो कई प्रकार के कैंसर से संबंधित है। इसके साथ ही यह कई प्रकार की क्रोनिक कंडिशन का रिस्क ही बढ़ा देता है।
- पित्त अम्लों के चयापचय को बदलना, इन संदिग्ध कार्सिनोजेन्स (Carcinogens) के लिए जठरांत्र संबंधी मार्ग (Gastrointestinal tract) के जोखिम को कम करना।
- भोजन के लिए पाचन तंत्र के माध्यम से यात्रा करने में लगने वाले समय को कम करना, जिससे संभावित कार्सिनोजेन्स के लिए जठरांत्र संबंधी मार्ग (Gastrointestinal tract) का जोखिम कम हो जाता है।
इस प्रकार हम समझ सकते हैं कि एक्सरसाइज से कैंसर का रिस्क हो सकता है। वहीं असक्रिय जीवनशैली कैंसर के रिस्क को बढ़ा सकती है। जिसमें लंबे समय तक बैठना, लेटे रहना और आराम करते रहना शामिल है। ये सभी कई सारी क्रोनिक कंडिशन और प्रीमैच्योर डेथ के लिए रिस्क फैक्टर्स हैं। साथ ही ये कुछ प्रकार के कैंसर का रिस्क भी बढ़ा सकते हैं। इसलिए एक्टिव रहें।
कितनी फिजिकल एक्टिविटी रिकमंड की जाती है? (How much physical activity is recommended?)
यू.एस. स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग शारीरिक गतिविधि दिशानिर्देश के अनुसार कई सारे स्वास्थ्य लाभों और क्रोनिक डिजीज के रिस्क को कम करने के लिए लोगों को इतनी फिजिकल एक्टिविटीज में इंगेज रहना चाहिए:
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क्या कैंसर सर्वाइवर्स के लिए भी फिजिकल एक्टिविटीज फायदेमंद हैं? (Is physical activity beneficial for cancer survivors?)
इसका जवाब है हां। इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि कैंसर के उपचार के दौरान और बाद में मध्यम-तीव्रता वाले एरोबिक प्रशिक्षण और/या रेजिस्टेंस एक्सरसाइज चिंता, अवसादग्रस्तता के लक्षणों और थकान को कम कर सकते हैं और स्वास्थ्य से संबंधित जीवन और शारीरिक कार्य की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं।
इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि व्यायाम प्रशिक्षण उन लोगों के लिए सुरक्षित है जिन्हें स्तन-कैंसर से संबंधित लिम्फेडेमा (Lymphedema) है या हो सकता है।
कुछ सबूत हैं कि व्यायाम हड्डियों के स्वास्थ्य और नींद की गुणवत्ता के लिए फायदेमंद हैं।
अपर्याप्त सबूत हैं कि शारीरिक गतिविधियां कार्डियोटॉक्सिसिटी या कीमोथेरेपी से होने वाली फेरिफेरल न्यूरोपैथी (Chemotherapy-induced peripheral neuropathy) को रोकने में मदद कर सकती है। यह गिरना, मतली, दर्द, सेक्शुअल फंक्शन और ट्रीटमेंट टॉलरेंस (Treatment tolerance) में सुधार कर सकती है।
उम्मीद करते हैं कि आपको एक्सरसाइज से कैंसर का रिस्क कम हो सकता है (Exercise may reduce cancer risk) इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।