पालुम्बोइज्म (Palumboism) को एक रेयर कंडीशन माना जाता है, जो कि केवल बॉडीबिल्डर्स को ही प्रभावित करती है। 1990 से 2000 के दशक में बड़े पैमाने पर मसल्स के लिए बॉडी कंपटीशन के दौरान यह स्थिति पैदा हुई। इसका मुख्य कारण प्रशिक्षण के साथ ही हाय कैलोरी, हाय कार्ब डायट, ह्यूमन ग्रोथ हॉर्मोन (human growth hormone) का इस्तेमाल करना आदि कारण से जुड़े हुए पाए गए थे। इस संबंध में अभी तक कोई भी मेडिकल स्टडी नहीं पाई गई है, इसलिए इससे संबंधित डाटा भी उपलब्ध नहीं है।
पालुम्बोइज्म (Palumboism) का इलाज कैसे किया जाता है?
आपको जानकर हैरानी हो सकती है लेकिन इस कंडीशन का अभी तक कोई भी रिकमेंडर ट्रीटमेंट उपलब्ध नहीं है। ऐसा क्लीनिकल स्टडीज की कमी के कारण है। लॉजिक्स बताते हैं कि जब शरीर बहुत ज्यादा परिश्रम करता है और उसके बाद आराम करता है, तो उस पर एचजीएच और इंसुलिन हॉर्मोन का असर गलत रुप से पड़ता है। अगर इस प्रकार की समस्या किसी भी एथलीट को हो जाती है, तो ऐसे में डॉक्टर से परामर्श करना एकमात्र उपाय होता है। यदि आप एक बॉडीबिल्डर हैं या बॉडीबिल्डिंग के लिए प्रशिक्षण लेने की योजना बना रहे हैं, तो आपको स्टेरॉयड और HGH (human growth hormone), नॉन मेडिकल इंसुलिन शॉट्स, जरूरत से ज्यादा परिश्रम करना आदि से दूरी बना लेनी चाहिए। ऐसा करने से आप पालुम्बोइज्म (Palumboism) की समस्या से बच सकते हैं।
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स्टेरॉयड के गलत इस्तेमाल से क्या होता है नुकसान?
पालुम्बोइज्म (Palumboism) के बारे में आपको जानकारी जरूर मिल गई होगी। प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए बॉडी बिल्डर्स कुछ दवाओं का इस्तेमाल करते हैं, जिसके परिणाम घातक हो सकते हैं। जैसे कि एनाबॉलिक स्टेरॉइड (anabolic steroids) नॉन स्टेरायडल एनाबॉलिक जैसे कि इंसुलिन, एचजीएच और इंसुलिन लाइक ग्रोथ हॉर्मोन (IGF) आदि हेल्थ के लिए ठीक नहीं होते हैं। इस दवाओं का इस्तेमाल करके रिजल्ट मनमुताबिक मिले, ये जरूरी नहीं है। इन दवाओं से होने वाले प्रभाव स्थायी नहीं होते हैं। अनाबोलिक स्टेरॉयड के दुरुपयोग के कारण निम्नलिखित परिणाम हो सकते हैं।