थायरॉइड की स्थिति बहुत ही आम होती हैं। ये एक छोटी ग्रंथि है, जो हार्मोन के उत्पादन से किसी व्यक्ति के शरीर के चयापचय (Metabolism) को असंतुलित कर सकती है। इसके हार्मोन हमारे शरीर के तापमान से लेकर मेटाबॉलिज्म तक हर चीज को नियंत्रित करती है। यह ग्रंथियां आपके मूड से लेकर आपके मासिक धर्म तक को प्रभावित करती हैं। इस आर्टिकल में पढ़े थायरॉइड से जुड़ी कुछ ऐसी ही बातें।
थायरॉइड से जुड़ी रोचक जानकारी
थायरॉइड ग्रंथि
इस ग्रंथि का वजन 10 से 20 ग्राम होता है। यह मुख्य रूप से रोम या छोटे होल्स से बनता है, जो कोलाइड से भरे होते हैं। उसमें एक जेल जैसा पदार्थ होता है जो ज्यादातर प्रोटीन से बना होता है जिसे थायरोग्लोब्युलिन कहते हैं। पुरुषों में महिलाओं की तुलना में बड़ी थायरॉइड ग्रंथि होती है।
थायरॉइड हार्मोन कैसे बनता है
यह शरीर का एक ही ऐसा अंग है जो आहार से मिले आयोडीन का उपयोग करता है। आयोडीन का समावेश समुद्री भोजन, डेयरी, केल्प, समुद्री शैवाल और आयोडीन युक्त नमक में ज्यादा शामिल हैं। जब आयोडीन कोलाइडल थायरोग्लोब्युलिन से जुड़ता है, तो आयोडीन वाले हिस्से एक रासायनिक परिवर्तन से गुजरते हैं जो दो प्रमुख थायरॉयड हार्मोन, टी-4 और टी-3 बनाता है। टी-4 और टी-3 रक्तप्रवाह में मिल जाते है, जहां से वे सभी अंगों को प्रसारित होकर अपना काम करते हैं।
यह भी पढ़ें : जानें क्या है थायरॉइड फंक्शन टेस्ट?
थायरॉइड की समस्या महिलाओं में आम हैं
ज्यादातर महिलाएं इस समस्या से गुजरती हैं। कई प्रकार के रोग हैं जो थायरॉयड हॉर्मोन्स पर असर करते हैं, लेकिन सबसे आम हाइपोथायरॉइडिज्म है। हाइपोथायरॉइड महिलाओं के शरीर में ज्यादा होता है। इसमें थायरॉइड ग्रंथि ठीक से हार्मोन्स नहीं बना पाती और मोटापा बढ़ने के साथ शरीर की कई प्रकिया धीमी पड़ जाती हैं।
थायरॉइड की दवाइयां हानिकारक हो सकती हैं
इसकी दवाइयों में अधिक T4 का होना एक व्यक्ति के ह्दय की धड़कन को असमान्य कर सकता है। इसकी वजह से ब्लड प्रेशर और हार्ट फेल होने तक की नौबत आ सकती है। कई लोगों को इन दवाइयों के कारण घबराहट महसूस होना, नींद नहीं आना, व्यायाम में कमी आना और ज्यादा तेज दिल धड़कन बढ़ना, ऐसी समस्या ये हो सकती हैं।
यह भी पढ़ें : Parathyroid cancer: पैराथायरॉइड कैंसर क्या है?
थायरॉइड को कैसे चेक करें
अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजिस्ट ने थायरॉइड को चेक करने और उसके संकेतों को लेकर निम्नलिखित जानकारी दी है
अपनी गर्दन के नीचे के हिस्से पर, कॉलरबोन के ऊपर और अपने साउंड बॉक्स के नीचे थायरॉइड चेक करने के लिए दर्पण का उपयोग करें। अपने सिर को पीछे ले जाकर पानी का एक घूंट पीलें और उस क्षेत्र में फैलाव करें। यदि आपको कोई भी उभर नजर आ रहा है तो अपने डॉक्टर को सूचित करें। आपको थायरॉयड नोड्यूल या बढ़े थायरॉइड (हाइपो या हाइपरथायरॉइडिज्म का संकेत) हो सकता है।
डॉक्टर अक्षय जैन कहते हैं की, “यदि आपको हाल ही में थायरॉइड का पता चला है, तो यह जानना महत्वपूर्ण है आप इसका इलाज किस तरह सरल, सुरक्षित और प्रभावी कर सकते हैं। अधिकतर उपचार सप्प्लिमेंट्स के सेवन से किया जाता है, ये दवाइयां आपके थायरॉइड हार्मोन के स्तर को कम या ज्यादा करने में मदद करती हैं।’
आपका डॉक्टर आपके लक्षणों को सुनकर, आपसे कुछ सवाल पूछकर और अपनी गर्दन की जांच करेंगे। आपके थायरॉइड ग्रंथि की गतिविधि के बारे आपसे पूछा जाएगा। एक एकल रक्त परीक्षण आम तौर पर निदान की पुष्टि करेगा, लेकिन कभी-कभी अन्य परीक्षणों की आवश्यकता हो सकती है। इस बीमारी के बारें में ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
और पढ़ें : थायरॉइडाइटिस (thyroiditis) क्या है?
[embed-health-tool-ovulation]