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Bitter Gourd: करेले के स्वाद पर न जाएं, जानिए इसके हेल्थ बेनीफिट्स!


Anoop Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 25/08/2021

Bitter Gourd: करेले के स्वाद पर न जाएं, जानिए इसके हेल्थ बेनीफिट्स!

परिचय

करेला (Bitter Gourd) क्या है?

करेला (Bitter Gourd)  खाना बच्चों को बिल्कुल पसंद नहीं आता। लेकिन, इसका सेवन करना बहुत जरूरी है, क्योंकि इसमें विटामिन सी, विटामिन ए, फोलेट आदि पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसका बोटेनिकल नाम मोमोर्डिका चारेंटिया (Momordica charantia) नाम है, जो कि कुकुरबिट्स (Cucurbits) फैमिली से आता है।

करेला (Bitter Gourd) बेहद गुणकारी होता है और आप चाहें तो इसे कई रूप में बना कर खा सकते हैं। आमतौर पर भारतीय घरों में करेले की सब्जी सबसे अधिक लोकप्रिय है। इसे बनाना भी बेहद आसान होता है और साथ ही यह बेहद स्वादिष्ट और लाभदायी होती है।

कड़वे करेले के नाम से जाने वाली इस सब्जी में एंटी-ऑक्सीडेंट और विटामिन भरपूर मात्रा में पायी जाती है। इसके अलावा इसमें और भी कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जैसे कि पोटैशियम, फास्फोरस, कैरोटीन, बीटा , आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और मैगनीज  आदि।  अगर आप कब्ज से परेशान हैं, तो भी ऐसे में करेले के रस का नियमित रूप से सेवन करें।  कब्ज के अलावा एसिडिटी, सीने में जलन और डकार की समस्या से छुटकारा मिलता है।

इसके अलावा अगर हम करेलों की बात करें तो यह सब्जी डायबिटीज वालों के लिए ज्यादा फायदेमंद है। इसके सेवन से डायबिटीज के साथ पेट के कीड़ों की समस्या भी जड़ से खत्म हो सकती है। इसके लिए आप करेले के पत्तियों के रस को एक गिलास छाछ में मिलाकर नियमित रूप से सेवन करें। डायबिटीज के अलावा ये लीवर संबंधित रोगों के लिए भी फायदेमंद है। करेले के रस को रोजाना पीने से पीलिये में कुछ ही दिनों में राहत मिलती है।

डॉक्टरों का मानना है कि करेला (Bitter Gourd) कई बीमारियों के लिए दवा के रूप में काम आ सकता है। इसे हार्ट अटैक को रोकने के लिए भी काफी प्रभावकारी माना जाता है।करेले में कई औषधीय तत्व मौजूद होते हैं, जो बेहद फायदेमंद होते हैं। इसके रस में तुलसी का रस, शहद मिलाकर रात में सेवन करें। करेला दिल की बीमारियों यानि हार्ट अटैक के खतरे को कम करने में सहायक होता है। करेले के रस का सेवन करने या कम मसाले वाली करेले की सब्जी के सेवन से ऑर्टरी वॉल्व पर इकठ्ठा होने वाले खराब कोलेस्ट्रोल और शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कम करता है।

करेले की सब्जी के अलावा आप इसका अचार, जूस और कच्चा भी खा सकते हैं।

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करेले के उपयोग ( Uses Of Bitter Gourd )

करेला (Bitter Gourd) का उपयोग किस लिए किया जाता है?

ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करें (Control blood sugar level)

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के मुताबिक, दुनिया भर में 382 लाख से अधिक लोग डायबिटीज (मधुमेह) से पीड़ित हैं। करेला (Bitter Gourd) में एक इंसुलिन जैसा यौगिक होता है जिसे पॉलीपेप्टाइड-पी या पी-इंसुलिन कहा जाता है जो स्वाभाविक रूप से मधुमेह को नियंत्रित करने में सक्षण होता है। साल 2011 में किए गए एक अध्ययन में टाइप-2 डायबिटीज और टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित लोगों को शामिल किया गया है। जिन्रहें इस अध्ययन के दौरान 2,000 मिलीग्राम करेले की खुराक दी गई। जिसके में पाया गया कि टाइप -2 मधुमेह से पीड़ित रोगियों में ब्लड शुगर का लेवल काफी कम हुआ है। अध्ययन से पता चला कि करेले के पौधे में पाया जाना वाला इंसुलिन टाइप -1 मधुमेह के रोगियों के लिए भी मदद होता है।जर्नल ऑफ केमिस्ट्री एंड बायोलॉजी में जारी एक अन्य रिपोर्ट में इसका दावा किया गया है कि करेले के सेवन से शरीर में ग्लूकोज का लेवल तेज से बढ़ता है और ग्लाइसेमिक को नियंत्रण करता है।

जानिए करेले के अन्य फायदे

  • यह कफ, कब्ज और पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के काम आता है।
  • अस्थमा और दमा की शि‍कायत होने पर करेला (Bitter Gourd) बेहद फायदेमंद होता है।
  • करेले का जूस पीने से लीवर मजबूत होता है और लिवर की सभी समस्याएं खत्म हो जाती है।
  • करेले की पत्त‍ियों या फल को पानी में उबालकर इसका सेवन करने से, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, और किसी भी प्रकार का संक्रमण ठीक हो जाता है।
  • उल्टी-दस्त या हैजा हो जाने पर करेले का रस पीने से तुरंत आराम मिलता है।
  • लकवा या पैरालिसिस में भी करेला (Bitter Gourd) बहुत कारगर उपाय है।
  • खून साफ करने के लिए भी करेला (Bitter Gourd) अमृत के समान है।
  • खूनी बवासीर में करेला (Bitter Gourd) अत्यंत लाभदायक है।
  • गठिया व हाथ पैरों में जलन होने पर करेले के रस की मालिश करना लाभप्रद होता है।
  • किडनी की समस्याओं में करेले का उबला पानी व करेले का रस दोनों ही बेहद लाभकारी होते हैं।
  • ह्दय संबंधी समस्याओं के लिए करेला न एक बेहतर इलाज है।
  • नींबू के रस के साथ करेले के रस को चेहरे पर लगाने से मुंहासे ठीक हो जाते हैं और त्वचा के रोग नहीं होते।
  • कैंसर से लड़ने के लिए करेले के रस का सेवन बहुत ही लाभकारी सिद्ध होता है।
  • एचआईवी/एड्स के उपचार के लिए करेला (Bitter Gourd) काम आता है।

करेला (Bitter Melon) शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है और इसका इस्तेमाल विभिन्न बीमारियों को जड़ से खत्म करने के लिए किया जाता है, जैसे कि

करेला (Bitter Gourd) शरीर में किस तरह काम करता है?

कई औषधीय गुणों से भरपूर करेले में फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए प्रभावकारी है। करेले पर हुए कुछ शोधों में यह बताया गया है कि इसमें पाया जाने वाला चारनटिन और वायसीन, पॉलीपेप्टाइड-पी शरीर को मधुमेह से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है। करेले में प्रचूर मात्रा में फास्फोरस पाया जाता है, इससे सर्दियों में कफ और गर्मियों में कब्ज जैसी समस्याओं में निदान मिलता है। 

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करेले (Bitter Melon) के फायदे

करेले के कई फायदे होते हैं जिनकी मदद से न केवल पूरा शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि हमारी त्वचा, बाल और हृदय भी जवां बने रहते हैं

ऐसा माना जाता है कि करेले को प्राचीन समय से आयुर्वेद में पेट और त्वचा की समस्याओं के लिए इस्तेमाल किया जाता था। आज हम आपको इस करेले के कुछ ऐसे ही फायदों के बारे में बताएंगे जिन्हें जानने के बाद आप इसे खाए बिना नहीं रह पाएंगे। तो चलिए जानते हैं करेला (Bitter Gourd) खाने के फायदों के बारे में –

  • करेला (Bitter Gourd) कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में लाभदायी होता है।
  • करेले के जूस से लिवर बेहतर ढंग से काम कर पाते हैं।
  • करेला (Bitter Gourd) खाने से इम्यून सिस्टम मजबूत बनाता है।
  • इसके सेवन से पेट के कीड़े भी मर जाते हैं।
  • करेले खाने या पीने से वजन कम करने में भी मदद मिलती है।

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सावधानियां और चेतावनियां (Know the precautions & warnings )

करेले का सेवन कितना सुरक्षित है?

  • करेला (Bitter Gourd) यूं तो सभी लोगों के लिए सुरक्षित है, परन्तु हाल ही में हुए शोध में यह बात सामने आई है कि गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन करने से बचना चाहिए। शोध में यह बताया गया है कि करेले के बीज और करेले के रस का सेवन करने से महिलाओं को गर्भपात का खतरा हो सकता है, इसलिए इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लीजिए।
  • डायबिटीज में करेले का इस्तेमाल एक निश्चित मात्रा में किया जाए तभी तक यह सुरक्षित हैं। अगर डायबिटीज के मरीज अधिक मात्रा में करेले का सेवन करते हैं तो यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती है।
  • अगर आपको किसी तरह की एलर्जी या दवाई से नुकसान है, तो करेले का सेवन बिना डॉक्टर के सुझाव के न करें।
  • आपकी कोई अन्य बीमारी, विकार या कोई चिकित्सीय उपचार चल रहा है तो इसका सेवन न करें।
  • यदि आपको किसी तरह के खाने, जानवर या सामान से एलर्जी है तो करेले का सेवन करने से बचना चाहिए।

हर्बल सप्लीमेंट के उपयोग से जुड़े नियम, दवाओं के नियमों जितने सख्त नहीं होते हैं। इनकी उपयोगिता और सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए अभी और शोध की जरुरत है। इस हर्बल सप्लीमेंट के इस्तेमाल से पहले इसके फायदे और नुकसान की तुलना करना जरुरी है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बलिस्ट या आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।

करेले के तासीर कैसी होती है?

करेला (Bitter Gourd) एक गर्म तासीर वाली सब्जी होती है, जिसके अधिक इस्तेमाल के कारण व्यक्ति को कुछ सामान्य दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में इसकी सब्जी और जूस का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए।

कितना सुरक्षित है करेले का सेवन ?

करेले का इस्तेमाल मधुमेह, बवासीर, श्वसन स्वास्थ्य में सुधार, कैंसर के लक्षणों को रोकने के लिए काफी लाभदायक साबित होता है। करेले में सूजन कम करने वाले, एंटीफंगल, एंटीबायोटिक, एंटी-एलर्जिक, एंटीवायरल और एंटीपारासिटिक गुण पाए जाते हैं। इसमें फाइबर अच्छी मात्रा में मौजूद होता है और कैलोरी भी कम होती है। हालांकि रोजाना करेले का कितना इस्तेमाल करना चाहिए इसकी जानकारी अभी तक प्राप्त नहीं हो पाई है।

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करेले के साइड इफेक्ट (Know the side effects )

करेले से मुझे किस प्रकार के साइड इफेक्ट (Side effect of Bitter Gourd) हो सकते हैं?

करेला (Bitter Gourd) स्वास्थ्य के लिए लाभदायक तो हैं, लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट भी हैं।

करेले के सेवन से जुड़े दुष्प्रभावों में शामिल हैं:

  • करेले में कई सारे ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। करेले में मोमोकैरिन नाम का तत्व पाया जाता है, जो गर्भवती महिलाओं में गर्भपात का खतरा पैदा कर सकता है। करेले पर हुए शोध में पाए जाने वाले एंटी लैक्टोलन तत्व पाए जाते हैं, जो छोटे शिशुओं की मां के शरीर में बनने वाले दूध की प्रक्रिया में परेशानी उत्पन्न करते हैं।
  • लीवर की बीमारी में करेले का इस्तेमाल करने से यह एन्जाइम्स को बढ़ा सकता है, इसलिए इसका सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के न करें।
  • करेले के बीज में लेक्टिन पाया जाता है, जिसका इस्तेमाल करने से आंतों में प्रोटीन का संचार बंद हो जाता है।

हालांकि हर किसी को ये साइड इफेक्ट हों ऐसा जरुरी नहीं है। कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको करेले के सेवन के दौरान इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हो या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।

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करेला का प्रभाव (Know the interactions)

करेले के सेवन से होने वाला प्रभाव?

करेले के सेवन से आपकी बीमारी या आप जो वतर्मान में दवाइयां खा रहे हैं, उनके असर पर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए सेवन से पहले डॉक्टर से इस विषय पर बात करें।

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करेले की खुराक (Understand the dosage)

करेले को किस मात्रा में लेना सुरक्षित है?

करेले को काटकर इसका जूस बनाकर रोजाना 50 – 100 ml का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक साबित हो सकता है।

रोजाना एक सीमित मात्रा से अधिक में करेले का सेवन करने से आपको पेट में दर्द, दस्त और उल्टियां हो सकती हैं।

करेले की खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य, बीमारी, दवाईयों और कई चीजों पर निर्भर करती हैं, इसलिए इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लीजिए।

केरला किस रूप में आता है?

हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको करेला (Bitter Gourd)  के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।


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