के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
कद्दू एक गूदेदार खाद्य पदार्थ है, जिसमें काफी मात्रा में विटामिन और मिनरल हैं। साथ ही यह एक लो कैलोरी फूड है, जिसके बीज, पत्तियों और जूस का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसका बोटेनिकल ककुर्बिता (Cucurbita) नाम है, जो कि कुकुरबिटेसी (Cucurbitaceae) फैमिली से आता है। इस फल का वजन 4 से 8 किलोग्राम तक हो सकता है। इसकी सबसे बड़ी प्रजाति मैक्सिमा का वजन 34 किलोग्राम से भी अधिक हो सकता है। आमतौर पर इसकी खेती लगभग सभी देशों में की जाती है। हालांकि, संयुक्त राज्य अमेरिका, मेक्सिको, भारत और चीन इसके सबसे बड़े उत्पादक देश माने जाते हैं। इसमें सेचुरेटेड फैट नहीं होता है। इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम बनी रहती है और दिल का स्वास्थ्य भी सेहतमंद रहता है। इसमें पाए जाने वाले डायटरी फाइबर पेट की विभिन्न बीमारियों से शरीर का बचाव करते हैं।
इसके अलावा इसमें मुख्य रूप से बीटा केरोटीन की मात्रा पाई जाती है, जिसे विटामिन ए का एक उच्च स्त्रोत माना जाता है। पीले और संतरी सीताफल में केरोटीन की मात्रा बाकी रंग के कद्दू के मुकाबले अधिक होती है। बीटा केरोटीन में एंटीऑक्सीडेंट होता है जो शरीर में फ्री रैडिकल से निपटने में मदद करता है।
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कद्दू (Pumpkin) का इस्तेमाल ब्लैडर में होने वाली जलन, किडनी इन्फेक्शन, आंतो के इन्फेक्शन में किया जाता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लसिया (benign prostatic hyperplasia, BPH) की वजह से मूत्र मार्ग में होने वाली समस्या को ठीक करने और कोलन (Colon) को स्वस्थ रखने के लिए भी होता है।
यह शरीर को ठंडक पहुंचाने वाला फल होता है। इसे डंठल की ओर से काटकर तलवों पर रगड़ने से शरीर की गर्मी खत्म होती है जो लू लगने की स्थिति में भी बचाव कर सकता है।
इस फल का इस्तेमाल लंबे समय के बुखार के उपचार में भी लाभकारी होता है।
बेनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लसिया (benign prostatic hyperplasia, BPH) के इलाज में कद्दू के साथ कुछ अन्य औषधियां मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है। इसके इस्तेमाल से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप किसी डॉक्टर या फार्मसिस्ट से सम्पर्क करें।
इसमें मौजूद केमिकल की वजह से ज्यादा पेशाब आता है, जिसकी वजह से आपके ब्लैडर (bladder) को आराम मिलता है। आपको बता दें कि इसमें एक और केमिकल पाया जाता है, जोकि आंतो में मौजूद कीड़ों (Worms) को मारता है।
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इसका इस्तेमाल करने से पहले आपको डॉक्टर या फार्मसिस्ट या फिर हर्बलिस्ट से सलाह लेनी चाहिए, यदि
हर्बल सप्लीमेंट के उपयोग से जुड़े नियम दवाओं के नियमों जितने सख्त नहीं होते हैं। इनकी उपयोगिता और सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए अभी और शोध की जरुरत है। इस हर्बल सप्लीमेंट के इस्तेमाल से पहले इसके फायदे और नुकसान की तुलना करना जरुरी है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बलिस्ट या आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।
प्रेगनेंसी और स्तनपान के दौरान
प्रेग्नेंसी और स्तनपान के दौरान इसके इस्तेमाल को लेकर अभी कोई ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसलिए आप अपने आपको सुरक्षित रखते हुए जरुरी खाद्य पदार्थों का ही सेवन करें।
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ज्यादातर लोगों में इसका इस्तेमाल सुरक्षित माना गया है। लेकिन कुछ लोगों में यह स्खलन (ejaculation) से जुड़ी समस्या पैदा कर सकता है।
हालांकि हर किसी को ये साइड इफेक्ट हों ऐसा जरुरी नहीं है। कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हों या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
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इसके सेवन से आपकी बीमारी या आप जो वतर्मान में दवाइयां खा रहे हैं उनके असर पर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए सेवन से पहले डॉक्टर से इस विषय पर बात करें।
कद्दू लिथियम के साथ परस्पर क्रिया कर सकता है।
आपको बता दें कि कद्दू एक वॉटर पिल (Water pill) या डाइयुरेटिक (diuretic) की तरह काम करता है, कद्दू का सेवन करने से शरीर से लिथियम का निकलना कम हो सकता है और इस तरह से शरीर में लिथियम की मात्रा बढ़ सकती है जोकि एक गंभीर साइड इफेक्ट है।
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यहां पर दी गई जानकारी को डॉक्टर की सलाह का विकल्प ना मानें। किसी भी दवा या सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह जरुर लें।
वयस्कों में:
रोजाना दो से तीन कैप्सूल खाने के साथ ले सकते हैं।
12 साल या उससे ऊपर के बच्चों में:
रोजाना एक से दो कैप्सूल खाने के साथ ले सकते हैं।
बेनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (benign prostatic hyperplasia, BPH) के लिए:
इसके लिए पलमेटो और दूसरे हर्ब्स (herbs) के साथ 480 mg कद्दू के बीज को रोजाना तीन अलग अलग खुराकों में लिया जा सकता है।
इस हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
कद्दू निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध होता है।
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