परिचय
बोन स्पर्स क्या है?
बोन स्पर्स हड्डियों के असामान्य वृद्धि की एक स्थिति है। शरीर के विभिन्न अंगों में जहां हड्डियां एक दूसरे से मिलती हैं वहां हड्डी बढ़ने के कारण ज्वाइंट पर एक बड़ा उभार बन जाता है या हड्डी निकल आती है। इस समस्या को ही बोन स्पर्स कहते हैं। बोन स्पर्स को ऑस्टियोफाइट्स भी कहा जाता है। यह शरीर के कई हिस्सों जैसे हाथ, कंधा, गर्दन, कूल्हे, घुटने, पैर सहित रीढ़ की हड्डी को भी प्रभावित करता है।अगर समस्या की जद बढ़ जाती है तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है । इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं ,जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।
कितना सामान्य है बोन स्पर्स होना?
बोन स्पर्स एक आम समस्या है। ये महिला और पुरुष दोनों में सामान प्रभाव डालता है। पूरी दुनिया में लगभग लाखों लोग बोन स्पर्स से पीड़ित हैं। आमतौर पर 60 साल की उम्र से अधिक लोगों में बोन स्पर्स की समस्या देखी जाती है। इसके साथ ही बूढ़े लोगों को भी बोन स्पर्स के लक्षण प्रभावित करते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
लक्षण
बोन स्पर्स के क्या लक्षण है?
बोन स्पर्स शरीर के कई सिस्टम को प्रभावित करता है। बोन स्पर्स से पीड़ित व्यक्ति में प्रायः तंत्रिका, टेंडन या शरीर के अन्य हिस्सों को दबाने पर दर्द होता है। जिसके कारण ये लक्षण सामने आने लगते हैं :
- ज्वाइंट में दर्द
- ज्वाइंट को मोड़ने में ऐंठन या दर्द
- रीढ़ी की हड्डी में नसों का दबना
- मांसपेशियों में ऐंठन या कमजोरी
- हाथ और उंगली की त्वचा के नीचे उभार होना
- ब्लैडर पर कंट्रोल करने में परेशानी
कभी-कभी कुछ लोगों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और अचानक से शरीर के कई अंग फेल हो जाते हैं। साथ ही एक्सरसाइज करते समय या ज्वाइंट को मोड़ते समय बोन स्पर्स के लक्षण बढ़ जाते हैं।
इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण भी सामने आते हैं :
- जोड़ों में सूजन
- सुन्नता
- झुनझुनी और अकड़न
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर बोन स्पर्स अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें।
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कारण
बोन स्पर्स होने के कारण क्या है?
बोन स्पर्स ऑस्टियोअर्थराइटिस के कारण ज्वाइंट के डैमेज होने या जोड़ों से जुड़ी बीमारियों के कारण होता है। दरअसल, जोड़ों और रीढ़ के हड्डी के बीच के कार्टिलेज कुशनिंग उम्र के साथ कम हो जाती है। जिसके कारण बोन स्पर्स की समस्या होती है। इसके अलावा रुमेटॉयड अर्थराइटिस, ल्यूपस और गाउट जैसे रोग भी जोड़ों को डैमेज करते हैं। जोड़ों या टेंडन में चोट लगने के कारण बोन स्पर्स की समस्या होती है। जब शरीर को हड्डी डैमेज होने का संकेत मिलता है तो यह प्रभावित हिस्से में हड्डी को जोड़कर ठीक करने की कोशिश करता है। सिर्फ इतना ही नहीं लंबे समय तक दौड़ने, डांस करने, उम्र बढ़ने, खराब डाइट, मोटापा, जन्म से ही हड्डियों में परेशानी, स्पाइल स्टेनोसिस और आनुवांशिक कारणों से बोन स्पर्स होता है।
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जोखिम
बोन स्पर्स के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?
बोन स्पर्स गंभीर बीमारी नहीं है लेकिन समय पर इलाज न करने से अर्थराइटिस की समस्या गंभीर हो सकती है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
बोन स्पर्स का निदान कैसे किया जाता है?
बोन स्पर्स का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का पारिवारिक इतिहास भी देखते हैं। इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :
- सीटी स्कैन- एक्सरे से शरीर के अंदर का स्पष्ट इमेज निकालकर असामान्यताओं का पता लगाया जाता है।
- एमआरआई- चुंबकीय और रेडियो तरंगों का उपयोग करके शरीर के अंदर के अंगों और संरचनाओं में असमान्यताओं का पता लगाया जाता है। साथ ही लिगामेंट और कार्टिलेज की भी जांच की जाती है।
- इलेक्ट्रोकंडक्टिव टेस्ट- इस परीक्षण से यह पता किया जाता है कि तंत्रिकाएं कितनी तेजी से इलेक्ट्रिकल सिग्नल भेजती है। इसके साथ ही रीढ़ की हड्डी में तंत्रिका के डैमेज होने की स्थिति की जांच की जाती है।
ऑर्थोपेडिक डॉक्टर मरीज के मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम की जांच करते हैं और जोड़ों में उभार का पता लगाते हैं। साथ ही मरीज के घुटने, पैर, हाथ और रीढ़ की हड्डी की जांच की जाती है और कुछ सवाल पूछकर बोन स्पर्स का निदान किया जाता है।
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बोन स्पर्स का इलाज कैसे होता है?
बोन स्पर्स का इलाज संभव है। कुछ थेरिपी और दवाओं से व्यक्ति में बोन स्पर्स के असर को कम किया जाता है। बोन स्पर्स के लिए कई तरह की मेडिकेशन की जाती है :
- दर्द और सूजन को कम करने के लिए मरीज को एसिटामिनोफेन और नेप्रोक्सेन सोडियम का सेवन करने के लिए बताया जाता है।
- ज्वाइंट में दर्द एवं अन्य लक्षणों को कम करने के लिए स्टीरॉयड दिया जाते हैं।
- फिजिकल थेरेपी से जोड़ों में मजबूती आती है और ज्वाइंट को मोड़ने या घुमाने में परेशानी नहीं होती है।
इसके अलावा कुछ मरीजों के रीढ़ की हड्डी में बोन स्पर्स होने पर डॉक्टर प्रभावित कशेरुका में स्पेसर डालकर इलाज करते हैं। साथ ही कंधे या घुटने में बोन स्पर्स को छोटा सा चीरा लगाकर आर्थोस्कोपिक सर्जरी से बाहर निकाला जाता है।
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घरेलू उपचार
जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे बोन स्पर्स को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
अगर आपको बोन स्पर्स है तो आपके डॉक्टर पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के लिए बताएंगे और हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम और विटामिन डी अधिक मात्रा में सेवन करने की सलाह देंगे। बोन स्पर्स से बचने के लिए व्यक्ति को अपना वजन नियंत्रित रखना चाहिए और जोड़ों पर अधिक दबाव नहीं देना चाहिए। सिर्फ इतना ही नहीं टहलते समय अच्छी क्वालिटी के मोजे पहनने चाहिए और पैरों एवं जोड़ों के नीचे कुशन से सपोर्ट देना चाहिए। नियमित रुप से एक्सरसाइज करना चाहिए और सही पॉश्चर में बैठना या खड़ा होना चाहिए। बोन स्पर्स के लक्षणों को कम करने के लिए एरोबिक एक्ससाइज फायदेमंद होती है। हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर निम्न फूड्स खाना चाहिए:
- दूध
- पनीर
- मछली
- ब्रोकली
- पालक
- स्वीट पोटैटो
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
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हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।