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साबुन और लोशन से हो सकती है बच्चों में 'हाइव्स' की समस्या

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Lucky Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 14/12/2021

    साबुन और लोशन से हो सकती है बच्चों में 'हाइव्स' की समस्या

    कभी-कभी आप देखते हैं कि आपके बच्चे के चेहरे पर लाल पैच बन रहा है। आप इसे आम परेशानी समझ कर छोड़ देते है, लेकिन बच्चों में हाइव्स (Hives in Children) या बच्चों में पित्ती एक त्वचा संबंधी परेशानी है, जिस पर ध्यान देने की जरूरत होती है। पित्ती (Hives) बच्चों में होने वाली सामान्य स्किन से जुड़ी समस्याहै, जो ज्यादातर खुद ठीक हो जा सकती है। ऐसा माना जाता है कि 20 प्रतिशत लोग पित्ती की समस्या से कभी ना कभी पीड़ित होते ही हैं। हालांकि अगर पित्ती का इलाज (Treatment for Hives) वक्त पर शुरू ना किया जाए या इसे इग्नोर किया जाता है, तो स्थिति या तकलीफ सामान्य से सीरियस भी हो सकती है। बच्चों में हाइव्स जुड़ी परेशानियों के बारे में एक-एक कर इस आर्टिकल में समझेंगे।

    • बच्चों में हाइव्स क्या है?
    • बच्चों में पित्ती के कारण क्या हैं?
    • बच्चों में पित्ती के प्रकार कितने हैं?
    • कौन से बच्चों में होता है हाइव्स का खतरा?
    • बच्चों में पित्ती के लक्षण क्या हैं?
    • बच्चों में हाइव्स डायग्नोज कैसे किया जाता है?
    • बच्चों में पित्ती का इलाज कैसे करें?
    • बच्चों में हाइव्स के लिए दवाएं कौन-कौन सी हैं?

    बच्चों में हाइव्स (Hives in Children) क्या है?

    त्वचा पर लाल, खुजली और सूजन वाले दाने पित्ती कहलाते हैं। यह परेशानी अक्सर कुछ गलत खाने या कुछ दवाएं लेने से होने वाली एलर्जी (Allergy) की वजह से होती है। बच्चों में हाइव्स या बच्चों में पित्ती एक-आध इंच से लेकर कई इंच तक हो सकती है। बच्चों में पित्ती कभी पूरे शरीर में या शरीर के कुछ हिस्से में दिखाई देती है। हाइव्स का हल्का अटैक आमतौर पर 24 घंटों के अंदर खुद ठीक हो जाता है। इसलिए आपके पास यहां ट्रिगर की पहचान करने का सबसे अच्छा मौका है। इस तरह आपके पास हाइव्स (Hives) को ट्रिगर करने वाले कारणों का पता लग सकता है।

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    बच्चों में पित्ती के कारण (Cause of Hives in Children)

    बच्चों में पित्ती के कारण भोजन, दवाइयां और दूसरे ट्रिगर हो सकते हैं। इसके आम कारण इस तरह से हो सकते हैंः

  • मूंगफली
  • अंडे (Egg)
  • शैलफीश
  • पेनिसिलिन
  • बैक्टिरियल और फंगल इंफेक्शन की दवाएं
  • फैनोबारबिटल (Phenobarbital)
  • एस्पिरिन
  • पॉलन और पेट इरिटेंट
  • ज्वैलरी मेैटल
  • लोशन और साबुन
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    बच्चों में पित्ती के प्रकार (Types of Hives in Children)

    बच्चों में पित्ती के प्रकार कई तरह के होते हैं, जो इस प्रकार हैं-

    • डर्मेटोग्राफिज्म (Dermatographism): यह पित्ती त्वचा को खुजलाने, त्वचा को खरोचने या त्वचा से रगड़ने वाले टाइट कपड़े पहनने के कारण हो सकती है।
    • ठंड के कारण होने वाला पित्ती (Cold-induced hives): ये पित्ती ठंडी हवा या पानी के संपर्क में आने से होती है।
    • एक्सरसाइज से हाइव्स (Exercise-induced urticaria): ये हाइव्स एक्सरसाइज के कारण हो सकती है। लंबे समय तक एक्सरसाइज करने और टाइट कपड़े पहनने से यह पित्ती हो सकती है।
    • सूरज की रोशनी से होने वाले पित्ती(Solar hives): ये पित्ती सुरज की रोशनी या बल्ब की लाइट के कारण हो सकती है।
    • क्रोनिक हाइव्स (Chronic hives): ये हाइव्स बिना किसी कारण के बार-बार भी हो सकती है।

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    कौन से बच्चों में होता है हाइव्स का खतरा?

    किसी को भी पित्ती की परेशानी हो सकती है। लेकिन एलर्जी वाले बच्चों में पित्ती का खतरा ज्यादा होता है।

    बच्चों में पित्ती के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Hives in Children)

    बच्चों में हाइव्स या बच्चों में पित्ती के सबसे आम लक्षण निम्नलिखित हैं। जैसे:

    • त्वचा पर खुजली, गुलाबी या लाल सूजन वाले क्षेत्र
    • हाइव्स एक जगह, एक समूह में या शरीर के एक बड़े हिस्से में दिखाई दे सकती है
    • पित्ती एक स्थान से 24 घंटे के अंदर जा सकता है लेकिन, किसी और एरिया में दिखाई दे सकता है

    बच्चों में हाइव्स या बच्चों में पित्ती डायग्नोज कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Hives in Children)

    आपका डॉक्टर बच्चों में हाइव्स के लक्षण देखकर इसको डायग्नोज कर सकता है। इसके लिए बच्चे की हेल्थ हिस्ट्री और कुछ टेस्ट की जरूरत होती है। बच्चों में हाइव्स के लिए डॉक्टर कई बार बिना किसी टेस्ट के बताता है हालांकि अगर सीरियस परेशानी है तो डॉक्टर ब्लड टेस्ट (Blood test) की सलाह देता है। ज्यादातर बच्चों में हाइव्स के डॉक्टर केवल लक्षण देखकर बता देते हैं। बच्चों में हाइव्स के कारण अलग-अलग हो सकते हैं। कभी-कभार हाइव्स साबुन और दूसरे प्रोडक्ट की वजह से भी हो सकता है।

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    बच्चों में पित्ती का इलाज कैसे करें? (Treatment for Hives in Children)

    उपचार आपके बच्चे के लक्षणों, आयु और स्वास्थ्य पर निर्भर करेगा। यह इस पर भी निर्भर करेगा कि बच्चों में पित्ती की हालत कितनी गंभीर है। अगर आपको अपने बच्चे के ट्रिगर्स के बारे में जानकारी है, तो उन्हें इन ट्रिगर्स से दूर रखें। अगर हाइव्स एक दवा के कारण होती है, तो आपके बच्चे को उस दवा से दूर रहना चाहिए।

    कई मामलों में बच्चों में हाइव्स या बच्चों में पित्ती के उपचार की जरूरत नहीं होती और वे अपने आप ठीक हो जाते हैं। अगर बच्चों में हाइव्स का निश्चित ट्रिगर पाया जाता है, तो इसे टालना उपचार का हिस्सा है। अगर बच्चों में हाइव्स में खुजली महसूस होती है, तो डॉक्टर ब्लड स्ट्रीम में हिस्टामाइन को रोकने और  एलर्जी ब्रेकआउट को रोकने के लिए एक एंटीहिस्टामाइन दवा लेने का निर्देश दे सकते हैं।

    पुरानी पित्ती के लिए, डॉक्टर हर दिन एक नॉन-सेजिंग (नॉन-ड्राउजिंग) नुस्खा या ओवर-द-काउंटर एंटीहिस्टामाइन (Antihistamine) लेने का सुझाव दे सकता है। हालांकि हर किसी को एक ही दवा से फायदा नहीं होता है, इसलिए अपने बच्चे के लिए सही दवा का पता लगाने के लिए डॉक्टर के साथ काम करना महत्वपूर्ण है।

    अगर एक नॉन-ड्राउजी एंटीहिस्टामाइन (Non Antihistamine) काम नहीं करता है, तो डॉक्टर एक स्ट्रॉन्ग एंटीहिस्टामाइन, एक दूसरी दवा का सुझाव दे सकता है। दुर्लभ मामलों में, एक डॉक्टर पुरानी पित्ती के इलाज के लिए एक स्टेरॉयड गोली या तरल लिख सकता है। आमतौर पर यह हानिकारक स्टेरॉयड (Steroid) के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए सिर्फ एक छोटी अवधि (5 दिन से 2 सप्ताह) के लिए दिया जाता है।

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    बच्चों में हाइव्स या बच्चों में पित्ती के लिए डॉक्टर ये दवाएं दे सकता है

    • एंटीहिस्टेमाइन (Antihistamine) , जैसे कि डिपेनहाइड्रामाइन या हाइड्रॉक्सीजीन (Hydroxygen)
    • दूसरे एंटीहिस्टेमाइन, जो आपके बच्चे को सुस्त महसूस ना कराएं जैसे कि सिट्राजिन या लॉराटाडाइन

    अगर आपके बच्चे को सांस लेने में परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर एपिनेफ्रीन का इंजेक्शन दे सकता है। यह सूजन और खूजली को कम करने में मदद करता है।

    नोट: इन दवाओं का सेवन डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब करने के बाद ही बच्चों को दी जानी चाहिए। ऐसा करने से दवाओं के साइड इफेक्ट्स से बच्चों को बचाया जा सकता है।

    बच्चों में हाइव्स: अपने डॉक्टर से कब बात करें

    अगर बच्चों में हाइव्स ओवर-दि-काउंडर मेडिसिन (OTC Medicine) से ठीक नहीं होता है, तो आपको अपने डॉक्टर से मिलने की जरूरत हो सकती है। कई बार कुछ बच्चों में हाइव्स की परेशानी बढ़ जाती है और उनके चकत्तों में खुजली और दूसरी परेशानी हो जाती है ऐसे में डॉक्टर से मिलना जरूरी हो जाता है। अगर आपके बच्चे के लक्षण बढ़ जाते हैं या उसमें नए लक्षण दिखते हैं, तो अपने बच्चे के डॉक्टर से बात करें।

    अगर आप बच्चों में हाइव्स (Hives in Children) या बच्चों में पित्ती से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे। हालांकि अगर आपका बच्चा हाइव्स (Hives in Children) की समस्या से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर से कंसल्टेशन करें, क्योंकि ऐसी स्थिति में डॉक्टर बच्चे की हेल्थ कंडिशन को ध्यान में रखकर हाइव्स (Hives) ट्रीटमेंट जल्द से जल्द शुरू करेंगे।

    डिस्क्लेमर

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