backup og meta

सेफ बर्थ के लिए इन 9 महीनों में रखें इस तरह की लाइफस्टाइल- जानें एक्सपर्ट की राय

Written by डाॅ. रसिका परब · डायटेटिक्स और न्यूट्रिशन · Fortis Hospital, Mulund


अपडेटेड 23/09/2021

    सेफ बर्थ के लिए इन 9 महीनों में रखें इस तरह की लाइफस्टाइल- जानें एक्सपर्ट की राय

    प्रेग्नेंसी प्लानिंग के साथ गर्भतवी महिला को आने वाले नौ महीनों और डिलीवरी को लेकर के भी तनाव होने लगता है। यह होना स्वाभाविक भी है। सुरक्षित प्रेग्नेंसी के लिए मां और शिशु दोनों का ही स्वस्थ्य होना बहुत जरूरी है। लेकिन डिलीवरी का समय (During Delivery) किसी भी प्रेग्नेंट महिला के लिए काफी डर भर होता है कि आखिर होगा क्या।  मां के लिए काफी तनाव भरा होता है, शिशु के जन्म को लेकर। इसलिए आज इस आर्टिकल में आपके साथ सेफ बर्थ और प्रेग्नेंसी (Safe birth and Pregnancy) से जुड़ी सभी जानकारी शेयर करेंगे।

    यदि किसी का पहला बच्चा है, तो खासतौर पर यह उनके लिए काफी डर भरा होता है। सुरक्षित डिलीवरी के लिए 9 महीने एक मां को कई विशेष बातों का ध्यान और सावधानी रखनी की आवश्यकता होती है। आज हम यहां बात करेंगे कि सेफ बर्थ और प्रेग्नेंसी (Safe birth and Pregnancy) के लिए प्रेग्नेंट महिला को किन-किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। इसी के साथ सेफ बर्थ और प्रेग्नेंसी (Safe birth and Pregnancy) के लिए गर्भवती महिलाओं की लाइफस्टाइल कैसी होनी चाहिए।

    और पढ़ें: क्यों प्रेग्नेंसी के दौरान जरूरी होता है कोरिओनिक विलस सैंपलिंग टेस्ट (Chorionic Villus Sampling Test)

    सेफ बर्थ और प्रेग्नेंसी (Safe birth and Pregnancy) के लिए प्रेग्नेंट महिलाएं इन बातों का रखें ध्यान

    सेफ बर्थ एंड प्रेग्नेंसी के लिए जरूरी है कि प्रेग्नेंसी के शुरूआत से ही गर्भवती महिला का कई बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। इससे सुरक्षित प्रेग्नेंसी की जा सकती है, जिसमें उन्हें अपने डायट से लेकर एक्सरसाइज तक, हर एक चीज का ध्यान रखना होगा, जानिए यहां:

    प्रेग्नेंसी के दौरान इन बातों का रखें ध्यान (Tips to remember during pregnancy)

    सही डायट है जरूरी (Eat right)

    गर्भवती महिला के लिए उचित पोषण (Balance diet) लेना बहुत जरूरी है। केवल खुद के लिए ही नहीं, बल्कि शिशु के अच्छे स्वास्थ के लिए भी जरूरी है। उचित पोषण सेफ बाथ् सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। प्रेग्नेसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes) से बचने के लिए जरूरी है कि आप चीनी का सेवन कम करते हुए भरपूर मात्रा में प्रोटीन और सब्जियां को अपने प्लेट में शामिल करें। पोषण युक्त खानपान से गर्भावस्था से संबंधित स्थितियों के जोखिम (Risk) को कम करने में मदद मिलती है। सही खानपान से शरीर में एनर्जी भी बनी रहती है। ताकि डिलीवरी के समय (During Delivery) आपका शरीर मजबूत बना रहे। एक अध्ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं ने गर्भावस्था के अपने अंतिम चार हफ्तों में प्रतिदिन छह खजूर का सेवन किया, उन्हें सेफ बर्थ में काफी  मदद मिले।

    और पढ़ें: सिकल सेल डिजीज महिलाओं को करती है बुरी तरह प्रभावित, पीरियड्स से लेकर प्रेग्नेंसी तक होते हैं कॉम्प्लिकेशन

     ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें (Practice breathing)

    प्रसव के दौरान, धीरे-धीरे और गहरी सांस लेने से आपको आराम करने में मदद मिलती है और यह आपकी मांसपेशियों में  होने वाले तनाव को भी रोकता है, जिससे आपके गर्भाशय ग्रीवा का विस्तार होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान कई महिलाओं को सांस फूलने की तकलीफ होती है। तो ऐसे में ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने से आपको डिलीवरी के समय काफी आसानी होगी। सांस की समस्या से बचने के लिए प्रेग्नेंसी के दौरान आप इस तरह से खुद को सक्रिए रखें। जिनमें ब्रीदिंग एक्सरसाइज (Breathing workout) के अलावा शामिल है-

    और पढ़ें: प्रेग्नेंसी में एक्यूट पायलोनेफ्राइटिस होने पर अपनाएं यह उपाय, बच सकती हैं गंभीर स्थिति से

    डिलिवरी के दौरान ट्राई करें इस तरह के पोजिशन

    सेफ ब्रर्थ के लिए आप कुछ ऐसे पाेजिशन अपना सकते हैं, जिससे सेफ ब्रर्थ (Safe birth) के साथ आपकी डिलीवरी भी आसान हो सकती है। इसके लिए कुछ पोजिशन है, जिसे आप अपना सकते हैं। जिनमें शामिल हैं:

    विभिन्न पदों की कोशिश करें और अपने स्वास्थ्य पेशेवरों के साथ संवाद करके उन पदों को खोजें जो आपके लिए सबसे अच्छा काम करते हैं।

    और पढ़ें:प्रेग्नेंसी के तीसरी तिमाही में हाे सकती है सांस की दिक्कत और सूजन, खुद को ऐसे करें ट्रीट

    प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सराइज के लिए इन बातों का रखें ध्यान (Workout tips to follow during pregnancy)

    अधिकांश महिलाएं प्रेग्‍नेंसी के दौरान हल्‍की-फुल्‍की फिटनेस गतिविधियों का आनंद ले सकती हैं, लेकिन अपने डॉक्‍टर से आपको व्‍यायाम करने के तरीके और रूटीन पर चर्चा अवश्‍य करनी चाहिए। डॉक्‍टर आपको आपकी मेडिकल हिस्‍ट्री के आधान पर व्‍यायाम करने के लिए गाइड करेगा।

    जो महिलाएं प्रेग्‍नेंट होने से पहले ही रनिंग (Running) जैसी जोरदार गतिविधि कर रही थीं वह इस रूटीन को जारी रख सकती हैं, लेकिन इसके लिए भी वह एक बार अपने डॉक्‍टर से परामर्श जरूर लें।

    और पढ़ें:प्रेग्नेंसी में एक्यूट पायलोनेफ्राइटिस होने पर अपनाएं यह उपाय, बच सकती हैं गंभीर स्थिति से

    गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ कार्डियो एक्सरसाइज (Cardio workout for pregnant lady)

    यदि आपको काेई हेल्थ कंडिशन नहीं है, तो आप डॉक्‍टर की सलाह के बाद एक्‍सरसाइज को भी अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं। इससे आपकी बाॅडी भी एक्टिव बनी रहे, ब्‍लड सर्कुलेशन को बढ़ाने, मांसपेशियों को टोन रखेने और धीरज बढ़ाने में मदद करती हैं-

    • स्विमिंग (Swimming) करना
    • रोज वॉक (Walk) करना सेहत के लिए ज्यादा अच्छा होता है
    • हल्की एरोबिक एक्‍सरसाइज (Aerobic exercise) कर सकते हैं
    • डॉक्टर की सलाह पर वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज (Weight lifting exercise)
    • योगा (Yoga)

    और पढ़ें:प्रेग्नेंसी में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है भारी, इन न्यूट्रिशन को शामिल करें अपने प्लेट में जरूर!

    अतिरिक्त गतिविधियां हैं:

    • स्क्वाट्स (Squats)
    • बटरफ्लाई एक्‍सरसाइज (Butterfly exercise)
    • प्राणायाम (Pranayam)
    • सोलफुल चौंटिंग (Soulful chanting)
    • सकारात्मक साहित्य पढ़ना (Positive books reading)

    प्रेग्नेंट महिला के लिए पूरे 9 महीने और आ्गे डिलिवरी की चिंता को लेकर एक तनाव बना रहता है। तो ऐसे में जरूरी है कि सेफ बर्थ (Safe birth) को लेकर गर्भवती महिला अपने खानपान में इन सभी बातों का ध्यान रखें। अपने लाइफस्टाइल में सुधार लाएं। अच्छी लाइफ स्टाइल उनकी सुरक्षित प्रेग्नेंसी में मददगार है। इसके अलावा जिन गर्भवती महिलाओं की कोई हेल्थ कंडिशन चल रही है। उन्हें कोई भी एक्सरसाइज और डायट अपने मन से नहीं करनी चाहिए। इसके लिए जररूरी आप यह सभी चीजें अपने डॉक्टर की सलाह पर ही करें। क्योंकि जरूरी नहीं है कि यह सभी डायट (Diet) या एक्सराइज (Workout) सभी के लिए प्रभावकारी हो। यह सामान्य लोगों के लिए है। लेकिन कोई हेल्थ कंडिशन होने पर कुछ भी अपने मन से न करें। अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से मिलें।

    सेफ बर्थ और प्रेग्नेंसी (Safe birth and Pregnancy) से जुड़े अगर आपके मन में कोई सवाल है और आप उसका जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य के हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जल्द से जल्द जवाब देने की कोशिश करेंगे।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    Written by

    डाॅ. रसिका परब

    डायटेटिक्स और न्यूट्रिशन · Fortis Hospital, Mulund


    अपडेटेड 23/09/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement