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पाम रैशेज (Palm rashes) क्यों होते हैं?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 14/07/2022

    पाम रैशेज (Palm rashes) क्यों होते हैं?

    पाम रैशेज (Palm rashes) किसी भी सामान्य स्किन कंडिशन्स की वजह से हो सकते हैं जैसे कि एक्जिमा, इर्टिटेंट और एलर्जन। ज्यादातर मामले गंभीर नहीं होते हैं और इसके कारण पर निर्भर करते हैं। अक्सर ये रैशेज अपने आप ठीक हो जाते हैं और इन्हें उपचार की जरूरत नहीं पड़ती। इस लेख में पाम रैशेज के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में बताया जा रहा है।

    पाम रैशेज के लक्षण (Palm rashes symptoms)

    पाम रैशेज इसके कारण के अनुसार अलग प्रकार के दिखाई दे सकते हैं। ज्यादातर रैशेज सूजन, खुजली और दर्द का कारण बनते हैं। पेल स्किन पर ये लाल और डार्क स्किन पर ये ग्रे या डार्क ब्राउन कलर के दिखाई दे सकते हैं। कुछ रैशेज स्किन का छिलना, पपड़ी निकलना और घाव का कारण भी बन सकते हैं। हाथ में किसी चीज को पकड़ने समय ये रैशेज असुविधा पैदा कर सकते हैं या जब कोई व्यक्ति कुछ पदार्थों को छूता है तो जलन पैदा कर सकता है।

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    पाम रैशेज के कारण (Palm rashes causes)

    पाम रैशेज के संभावित कारणों में निम्न शामिल हो सकते हैं।

    एक्जिमा (Eczema)

    एक्जिमा या एटॉपिक डर्मेटाइटिस एक कॉमन कंडिशन है जो त्वचा का रूखा और संवदेनशील होने का कारण बनती है। यह आमतौर पर किशोरों को प्रभावित करती है और उनके व्यस्क होने तक जारी रह सकती है। खुजली, रूखी त्वचा जिसमें दरारें आ सकती हैं, लाइट स्किन पर लाल पैचेस और डार्क स्किन पर ग्रे या पर्पल हिस्सों का दिखाई देना शामिल है।

    इस कंडिशन का एक रूप जिसे डिसहिड्रोटिक एक्जिमा कहते हैं उसका पाम में होना बहुत आम है। इस प्रकार का एक्जिमा हाथ, पाम और उंगलियों पर पर छोटे घाव का कारण बन सकता है। एक्जिमा का इलाज इसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। कई बार ओवर द काउंटर मॉश्चराइजर का उपयोग राहत दिला सकता है तो कभी कोर्टिकोस्टेरॉइड्स या एंटीहिस्टामिन।

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    कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस (Contact dermatitis)

    कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस एक स्किन कंडिशन है जिसमें स्किन किसी इर्रिटेंट या एलर्जन के संपर्क में आती है। कई प्रकार के सब्सटेंस कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस को ट्रिगर कर सकते हैं। जैसे कि निकल, लैटेक्स और पॉइजन आईवी। जब बॉडी ऐसे किसी के संपर्क में आती है तो उसे खतरे के रूप में लेती है। इसकी वजह से स्किन पर रैशेज हो सकते हैं और यह पाम रैशेज का कारण भी बन सकता है।

    कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस की वजह से स्किन ड्राय हो जाती है और गंभीर मामलों में क्रेक हो सकती है। क्योंकि हाथ कई चीजों के संपर्क में आते हैं और यह सबसे कॉमन जगह है जहां पर कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस विकसित हो सकती है।

    मुख्य उपचार इस स्थिति के ट्रिगर्स की पहचान करना और उनसे बचना है। कौन सा पदार्थ प्रतिक्रिया पैदा कर रहा है यह निर्धारित करने के लिए एक डॉक्टर किसी पर पैच परीक्षण कर सकते हैं। कुछ लोगों को मॉश्चराइजर या कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स से भी फायदा हो सकता है।

    हाइव्स (Hives)

    हाइव्स भी पाम रैशेज का कारण बन सकते हैं। हाइव्स में स्किन पर लाल कलर रंग के चकत्ते बन जाते हैं। ये खुजली का कारण बनते हैं और बॉडी में कहीं पर भी हो सकते हैं जिसमें हाथ और पाम भी शामिल हैं। किसी सब्सटेंस का एलर्जिक रिएक्शन कंडिशन को ट्रिगर कर सकता है। इन सब्सटेंस में फूड, दवाएं या पोलन शामिल हैं।

    इसके अलावा ये किसी इंफेक्शन, हीट या सन एक्सपोजर की प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप हो सकता है। हाइव्स के ज्यादातर मामले एक्यूट होते हैं और जब ट्रिगर एक्सपोजर नहीं होता है तो अपने आप ठीक हो जाते हैं। एंटीहिस्टामाइन सूजन और एलर्जी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि कुछ लोगों को क्रोनिक हाइव्स की प्रॉब्लम होती है। एक एलर्जी स्पेशलिस्ट इस कंउिान का मैनेज करने में मदद कर सकते हैं।

    हैंड, फुट और माउथ डिजीज (Hand, foot, and mouth disease)

    हैंड, फुट और माउथ डिजीज का कारण बनने वाला वायरस ज्यादातर बच्चों को प्रभावित करता है, लेकिन यह एडल्ट को भी परेशान कर सकता है। इसके लक्षणों में फीवर, गले में खराश, सिर में दर्द, माउथ अल्सर, भूख में कमी, पाम रैशेज आदि शामिल हैं। कई बार लोग इस बीमारी को समझ नहीं पाते। हांलाकि, यह बीमारी गंभीर नहीं है और ट्रीटमेंट के बिना ही ठीक हो जाती है। ओटीसी पेन मेडिसिन लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं।

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    फंगल इंफेक्शन (Fungal infection)

    टिनिया मेनम (Tinea manuum) एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन है जो हाथों को प्रभावित करते हैं। रिंगवॉर्म इस कंडिशन को ट्रिगर कर सकते हैं। यही फंगस एथलीट फुट का कारण बन सकता है। यह स्थिति संक्रामक होती है और टच करने से एक एरिया से दूसरे में फैल सकती है। जिसकी वहज से पाम में इंफेक्शन हो सकता है और पाम रैशेज का कारण बन सकता है। इसके लक्षणों में हाथ में छोटे-छोटे रैशेज जो बड़े होते जाते हैं। खुजली और स्किन पीलिंग शामिल है।

    एक व्यक्ति दाद का इलाज ओटीसी टॉपिकल क्रीम से कर सकता है। एक फार्मासिस्ट हाथों पर उपयोग के लिए एंटीफंगल प्रोडक्ट रिकमंड कर सकता है। यदि संक्रमण बना रहता है या गंभीर है, तो डॉक्टर ओरल मेडिसिन लिख ​​सकते हैं।

    यदि किसी व्यक्ति को टिनिया मैन्युम है, तो उसे शरीर के अन्य क्षेत्रों, या अन्य लोगों को उसे छूने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे संक्रमण फैल सकता है। यदि लोगों को शरीर के अन्य भागों में टॉपिकल क्रीम लगाने की आवश्यकता है, तो उन्हें डिस्पोजेबल दस्ताने पहनने चाहिए।

    पाम रैशेज को डायग्नोस कैसे किया जाता है? (Palm rashes diagnosis)

    पाम रैशेज का डायग्नोसिस करने के लिए डॉक्टर उनकी उपस्थिति को अच्छी तरह देखेगा। साथ ही अन्य लक्षणों के बारे में पूछेगा जैसे कि फीवर या दर्द। वे मेडिकल हिस्ट्री या किसी व्यक्ति की फैमिली में मौजूद स्किन कंडिशन के बारे में जानकारी लेंगे। यदि किसी व्यक्ति को कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस, हाइव्स है तो डॉक्टर स्किन प्रिक टेस्ट भी कर सकते हैं।

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    पाम रैशेज की घर पर केयर कैसे करें? (Home care for Palm rashes)

    पाम रैशेज

    पाम रैशेज की घर पर कई प्रकार से केयर की जा सकती है। हालांकि, उपाय इसके कारण पर आधारित हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, फंगल संक्रमण के लिए, एक व्यक्ति को दाने को छूने या अन्य लोगों के साथ व्यक्तिगत वस्तुओं को साझा करने से बचने की आवश्यकता हो सकती है। ओटीसी एंटीफंगल क्रीम बीमारी के इलाज में मदद करेंगी।

    एलर्जी प्रतिक्रियाओं के लिए, ट्रिगर से बचने के लिए लोगों को अपने घर के वातावरण, आहार या जीवन शैली में बदलाव करने की आवश्यकता हो सकती है।

    शुष्क त्वचा, एक्जिमा और कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस के लिए कई घरेलू उपचार हैं, जिनमें शामिल हैं:

    • गुनगुने पानी से नहाना, लेकिन पानी तेज गर्म नहीं होना चाहिए
    • सौम्य क्लींजर का उपयोग करना
    • नहाने या हाथ धोने के बाद मॉश्चराइज का उपयोग करना
    • खरोंच को रोकने के लिए रात में सूती दस्ताने पहनना

    डॉक्टर को कब दिखाएं?

    पाम रैशेज के कारण को जानने के लिए व्यक्ति डॉक्टर से संपर्क कर सकता है। एक मेडिकल प्रोफेशनल ट्रिगर और ट्रीटमेंट सजेस्ट कर सकता है। लोगों को डॉक्टर को दिखना चाहिए यदि उनको दाद है और जो ओटीसी उपचार के प्रति रिस्पॉन्ड नहीं देता है, या रैशेज एक जीवाणु संक्रमण के लक्षण की तरह दिखते हैं। त्वचा पर जीवाणु संक्रमण के लक्षणों में शामिल हैं:

    • मवाद
    • सूजन
    • स्पर्श करने पर गर्म लगना
    • बुखार
    • पित्ती या एलर्जी वाले लोगों को आपातकालीन विभाग से संपर्क करना चाहिए या सांस लेने में परेशानी होने पर तुरंत इमरजेंसी नंबर डायल करना चाहिए।

    उम्मीद करते हैं कि आपको पाम रैशेज से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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