आपने बचपने से ही हिप्नोटाइज शब्द कई बार सुना होगा। यह मेडिकल फील्ड का ऐसा सब्जेक्ट है, जिसे लोग जादूगरी से जोड़कर देखते हैं। आज आप इस आर्टिकल में जानेंगे कि आखिर हिप्नोटाइज हकीकत में क्या है और कैसे किसी व्यक्ति हिप्नोटाइज हो जाता है।
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
आपने बचपने से ही हिप्नोटाइज शब्द कई बार सुना होगा। यह मेडिकल फील्ड का ऐसा सब्जेक्ट है, जिसे लोग जादूगरी से जोड़कर देखते हैं। आज आप इस आर्टिकल में जानेंगे कि आखिर हिप्नोटाइज हकीकत में क्या है और कैसे किसी व्यक्ति हिप्नोटाइज हो जाता है।
वास्तव में हिप्नोसिस, हिप्नोटाइज या सम्मोहन क्या है, इसके बारे में कुछ भी कह पाना वास्तविकता से कहीं अलग हो सकता है। हिप्नोटाइज क्या है इसकी अलग-अलग परिभाषाएं पाई जाती है। अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के मुताबिक, सम्मोहन दो लोगों के बीच की आपसी बातचीत हो सकती है जो एक प्रकार से गुप्त हो सकती है। इसमें एक प्रतिभागी होता है और दूसरा उसे सम्मोहन करने वाला यानी हिप्नोटाइज करने वाला, जो प्रतिभागी से अपने किसी भी सवाल का जवाब जान सकता है या प्रतिभागी के जीवन से जुड़ी सभी कड़ियों की कहानी उससे काफी आसानी से सुन सकता है।
वहीं, हिप्नोसिस शब्द ग्रीक शब्द है जिसका अर्थ सोना (नींद/Sleep) होता है। लेकिन, हिप्नोसिस और स्लीप में अंतर है। जब हम सो रहे होते हैं, तो हम कान्शस रहते हैं। आसपास की जानकारी रहती है पर हिप्नोसिस में चेतना नहीं रहती है। व्यक्ति अपने आसपास होने वाली गतिविधियों को समझ नहीं पाता है।
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अधिकांश लोग हिप्नोटाइज के इस्तेमाल पर अपनी अलग-अलग राय रखते हैं। जहां कुछ लोग हिप्नोटाइज का अभिप्राय किसी शख्स को अपने बस में करना मनते हैं, वहीं हिप्नोटाइज का इस्तेमाल मनोवैज्ञानिक चिकित्सा में एक थेरिपी के तौर पर किया जाता है। हिप्नोटाइज की मदद से डिप्रेशन या अन्य मानसिक परेशानी का सामना कर रहे लोगों की मदद भी की जा सकती है।
मनोवैज्ञानिक जॉन किहलस्ट्रॉम के अनुसार, “सम्मोहित व्यक्ति व्यक्ति को सम्मोहित नहीं करता है। बल्कि सम्मोहित व्यक्ति एक प्रकार के कोच या ट्यूटर के रूप में कार्य करता है जिसका काम व्यक्ति को सम्मोहित करने में मदद करना होता है।’ सम्मोहित व्यक्ति एक तरह से नींद में रहता है, जिसे कृत्रिम नींद कहा जा सकता है। इसके अलावा मनोविज्ञान में, सम्मोहन को कभी-कभी हिप्नोथेरिपी के रूप में भी संदर्भित किया जाता है और इसका उपयोग मानसिक दर्द को कम करने और उपचार जैसे उद्देश्यों के लिए किया जाता है। सम्मोहन आमतौर पर एक प्रशिक्षित चिकित्सक द्वारा किया जाता है जो एक कृत्रिम निद्रावस्था के जरिए व्यक्ति को सम्मोहित करके उसका उपचार कर सकता है।
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हिप्नोसिस से जुड़ी रोचक बातें :
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हिप्नोसिस से जुड़ी सबसे आम गलतफहमी (ऐसा नहीं होता है):
हिप्नोटाइज से जुड़े धारणाओं पर ध्यान नहीं देना चाहिए। अगर आपके किसी करीबी ऐसी किसी समस्या से पीड़ित हैं तो आपको हिप्नोसिस एक्सपर्ट से मिलना चाहिए।
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हिप्नोसिस का अनुभव अलग-अलग व्यक्ति में अलग-अलग हो सकता है। कुछ लोग सम्मोहित अवस्था के दौरान खुद को शांत और स्वस्थ महसूस करते हैं, तो वहीं कुछ अपने मन को बहुत ज्यादा परेशान और भ्रमित भी कर सकते हैं। हालांकि, सम्मोहित हुआ व्यक्ति पूरी तरह से होश में रह सकते हैं लेकिन उसका दिमाग किसी और की बाते सुनने और समझने पर जोर देता है।
शोधकर्ता अर्नेस्ट हिलगार्ड द्वारा किए गए प्रयोगों में इसका दावा किया गया है कि कैसे सम्मोहन का उपयोग मानसिक रूप से धारणाओं को बदलने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने अपने अध्ययन में पाया है कि सम्मोहित हुआ व्यक्ति किसी भी तरह के मानसिक या शारीरिक दर्द को महसूस करने में असमर्थ होता है। अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों ने अपनी बांह तो तब तक बर्फ के पानी में रखा गया था, जब तक उन्हें सम्मोहित करने वाले व्यक्ति ने अगला आदेश नहीं दिया था। जबकि गैर-सम्मोहित व्यक्तियों ने कुछ ही पल में अपना हाथ बर्फ के पानी में से बाहर निकाल। उन्हें कुछ ही सेकेंड में बर्फ के पानी से दर्द महसूस हुआ, जबकि सम्मोहित हुए व्यक्तियों में एक मिनट तक अपना हाथ बर्फ के पानी में रखा था।
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Dr Sharayu Maknikar