के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
नील पड़ना या गुमचोट क्या है, इन दोनों को ही मेडिकल टर्म ब्रूज और कन्टूजन कहा जाता है। नील पड़ने और गुमचोट में कोई अंतर नहीं है। Bruise or Contusion को आम भाषा में हम नील कहते हैं। नील पड़ना यानी किसी चोट की वजह से शरीर के हिस्से का नीला पड़ जाना होता है। ये तब होता है जब शरीर का कोई हिस्सा या कोशिका घायल होने पर उसके आसपास के क्षेत्र पर खून का थक्का जमा हो जाता है। नील पड़ना हिमटोमा का ही एक प्रकार है, जो रक्त वाहिका से खून एक जगह इकठ्ठा करता है। नील पड़ना या गुमचोट (Contusion) सुनने में भले ही छोटी-मोटी समस्या लगे, लेकिन यह कभी-कभी खतरनाक समस्या भी हो सकती है। नील पड़ना या गुमचोट (Contusion) के बारे में जब भी सोचते हैं तो स्किन पर नीले-काले धब्बे की याद आते हैं। हालांकि स्किन के साथ ही हड्डी (Bone) पर खरोंच आने से भी ब्रूज हो जाता है। जिसे बोन कंटूजन भी कहा जाता है। शरीर के दूसरे हिस्सों की तरह हड्डियां ऊतक (Tissue) और रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) से बनी होती हैं। इस पर चोट लगने से एक से अधिक रक्त वाहिकाओं से खून का रिसाव होने की संभावना होती है। कई बार गिरने से, वाहन दुर्घटना या खेल में लगी चोट से बोन कंटूजन हो जाता है।
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नील पड़ना या गुमचोट (Contusion) तब होता है जब शरीर का कोई हिस्सा या कोशिका घायल होने पर उसके आसपास के क्षेत्र पर खून का थक्का जमा हो जाता है। नील पड़ना या गुमचोट (Bruise or Contusion) के लक्षणों में निम्न शामिल है।
नील पड़ना या गुमचोट (Bruise or Contusion) को आमतौर पर एक्स-रे की जांच से देखना असंभव होता है। इसकी जांच करने के लिए डॉक्टर फ्रैक्चर के लक्षणों को कम करने की कोशिश करते हैं, जिससे कि ब्रूज की जांच आसान और संभव हो सके। इसकी जांच के लिए एमआरआई स्कैन तक का इस्तेमाल किया जाता है, इससे बोन कन्टूजन की बेहतर इमेज प्राप्त हो जाती है। इस समस्या को ठीक होने में कुछ दिन से लेकर कई महीने तक भी लग सकते हैं, यह इस पर निर्भर करता है कि चोट कितनी गंभीर है। डॉक्टर दर्द कम करने के लिए कोई एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह दे सकते है। सूजन को कम करने के लिए दिन में 15 से 20 मिनट के लिए प्रभावित हिस्से पर ठंडा पैक लगा सकते है।
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नील पड़ना या गुमचोट तब होता है जब शरीर का कोई हिस्सा या कोशिका घायल होने पर उसके आसपास के क्षेत्र पर खून का थक्का जमा हो जाता है। इसके होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि-
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नील पड़ना या गुमचोट तब होती है, जब शरीर का कोई हिस्सा या कोशिका घायल होने पर उसके आसपास के क्षेत्र पर खून का थक्का जमा हो जाता है। नील पड़ना या गुमचोट ब्रूज को ठीक करने में अक्सर समय लगता है। मुलायम ऊतक पर हुआ ब्रूज ठीक होने में कुछ दिन से लेकर कुछ हफ्ते तक लग सकते है। इसके ठीक होने में कितना समय लगेगा यह चोट की गंभीरता पर भी निर्भर करता है। नील पड़ना या गुमचोट के ठीक हो जाने के बाद भी लक्षणों को कम करने के लिए इन नियमों का पालन कर ब्रूज की समस्या से छुटकारा पा सकते है। ऐसे करें नील पड़ना या गुमचोट का इलाज-
यदि आपको गुमचोट है, तो डॉक्टर आपको इन उपायों के अलावा यह भी कुछ उपाय सुझा सकते हैं, जैसे कि
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उम्मीद करते हैं कि आपको नील क्यों पड़ता है और इससे कैसे बच सकते हैं इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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