परिचय
हीमोफीलिया (Hemophilia) क्या है?
हीमोफीलिया एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर में ब्लड क्लॉट (Blood clot) नहीं होता है और अत्यधिक रक्तस्त्राव (Bleeding) होने लगता है। यह एक आनुवांशिक बीमारी है। यह माता-पिता से बच्चे में भी हो सकती है। हीमोफीलिया की समस्या महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा होती हैं। गुणसूत्र (क्रोमोसोम) की वजह से यह बीमारी ब्लड रिलेशन में होने की संभावना बढ़ जाती है। हीमोफीलिया से पीड़ित व्यक्तियों के ब्लड में प्रोटीन की मात्रा कम हो जाती है, जिसे क्लॉटिंग फैक्टर (Clotting factor) कहते हैं। हीमोफीलिया 2 तरह के होते हैं:
- हीमोफीलिया-ए (क्लासिक हीमोफीलिया या क्लॉटिंग फैक्टर VIII डेफिशियेंसी)
- हीमोफीलिया-बी (क्रिस्मस डिजीज या क्लॉटिंग फैक्टर IX डेफिशियेंसी)
फैक्टर VIII और फैक्टर IX ब्लड क्लॉट होने के लिए महत्वपूर्ण हैं। फैक्टर्स के जरूरत से ज्यादा कम होने पर हीमोफीलिया (Hemophilia) की बीमारी शुरू हो सकती है। अगर आप हीमोफीलिया से पीड़ित हैं, तो किसी कारण या एक्सिडेंट होने पर ब्लीडिंग लगातार हो सकती है। कभी-कभी इंटरनल ब्लीडिंग (Internal bleeding) होने पर समस्या गंभीर भी हो सकती है।
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हीमोफीलिया (Hemophilia) कितना आम है?
यह एक दुर्लभ आनुवांशिक बीमारी है और आमतौर पर पुरुषों में होती है। ज्यादा जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर होगा।
लक्षण
हीमोफीलिया के लक्षण क्या हो सकते हैं? (Symptoms of Hemophilia)
ब्लड क्लॉटिंग (Blood clotting) की स्थिति पर हीमोफीलिया के लक्षण निर्भर करते हैं, जैसे:
- कटने, एक्सिडेंट, सर्जरी या डेंटल प्रोसेस के बाद ब्लीडिंग ज्यादा हो सकती है।
- गहरे या पुराने जख्म।
- टीकाकरण के बाद ब्लीडिंग होना।
- जॉइंट्स में दर्द, सूजन या कड़ापन महसूस होना।
- स्टूल या यूरिन (Urine) से ब्लड आना।
इनसभी लक्षणों के अलावा और भी लक्षण हो सकते हैं। अगर आपको परेशानी महसूस होती है, तो डॉक्टर से मिलना चाहिए।
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डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए?
अगर आपके बच्चे को बार-बार घाव होता है और ऐसी स्थिति में अगर ब्लीडिंग ज्यादा होती है तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। अगर आप प्रेग्नेंट हैं या प्रेग्नेंसी (Pregnancy) पर विचार कर रही हैं और हीमोफिलिया का पारिवारिक इतिहास रहा है तो अपने डॉक्टर को जरूर बताएं।
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कारण
किन-किन कारणों से होता है हीमोफीलिया? (Cause of Hemophilia)
भ्रूण (Fetus) की प्रत्येक कोशिका 46 गुणसूत्रों से बनती है, जो 23 गुणसूत्र के दो अलग-अलग जोड़े होते हैं। एक भ्रूण को बनाने के लिए 23 गुणसूत्रीय दो कोशिकाएं एक साथ आकर मिलती हैं और 46 जोड़ी जायगोट बनता है। इसके बाद ही यह भ्रूण का रूप लेता है। कुछ मामलों में कोशिकाओं के विभाजन के दौरान गुणसूत्रों का एक अतिरिक्त जोड़ा दोनों गुणसूत्र के जोड़ो में से किसी एक में मिल जाता है। यहां गुणसूत्र के दो जोड़े होने के बजाय तीन जोड़े हो जाते हैं। इस प्रकार की अनियमितता के चलते बच्चे में सामान्य शारीरिक और जन्मजात बदलाव पैदा होते हैं। इसे ही जेनेटिक डिसऑर्डर (Genetic disorder) कहा जाता है।
फैक्टर VIII या IX की कमी से हीमोफीलिया (Hemophilia) की समस्या शुरू हो सकती है। इसलिए, जब सर्जरी या घाव होने की परिस्थिति में ब्लड क्लॉट होना मुश्किल होता है। क्योंकि ब्लड क्लॉट होने वाले प्रोटीन का उत्पादन नहीं होता है। अगर मां हीमोफीलिया की परेशानी से पीड़ित हैं, तो बच्चे में भी हीमोफीलिया का खतरा हो सकता है।
हीमोफीलिया (Hemophilia) सेक्स लिंक्ड डिसऑर्डर की श्रेणी के अंतर्गत है। महिलाओं में हीमोफीलिया के लक्षण नजर नहीं आते हैं, क्योंकि महिलाओं में 2 एक्स क्रोमोसोम (Chromosom) होते हैं और सिर्फ एक ही क्रोमोसोम एफेक्टेड होते हैं। पुरुषों में सिर्फ एक एक्स क्रोमोसोम होता है। इसलिए हीमोफीलिया (Hemophilia) की समस्या हो सकती है।
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हीमोफीलिया की परेशानी किन कारणों से बढ़ती है?
ब्लड रिलेशन में हीमोफीलिया (Hemophilia) की बीमारी होने पर इसका खतरा बढ़ सकता है। लक्षणों और कारणों को नजरअंदाज करने पर भी खतरा बढ़ सकता है। इसलिए डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर होगा।
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। ज्यादा जानकारी के लिए बेहतर होगा की आप अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
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निदान और उपचार को समझें
हीमोफीलिया का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Hemophilia)
ब्लीडिंग की स्थिति को समझते हुए निदान किया जाता है। ब्लड टेस्ट (Blood test) की मदद से उपचार किया जा सकता है।
हीमोफीलिया का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Hemophilia)
इस बारे में जनरल फिजिशन डॉक्टर अशोक रामपाल का कहना है कि ब्लड फैक्टर और दवा की मदद से इलाज किया जा सकता है। मसल और जॉइंट्स में हुए डैमेज को जल्द से जल्द कंट्रोल किया जाना जरूरी है। स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर डॉक्टर क्लॉटिंग फैक्टर की मदद ले सकते हैं। सामान्य स्थिति में डॉक्टर डेमोप्रेसिन (Demosprin) या एमिनोकैरोइक (Amenicairaik) दवा दे सकते हैं। कभी-कभी पीड़ित को ब्लड की जरूरत होती है। ऐसे में जो ब्लड पीड़ित को चढ़ाया जाएगा उसकी जांच अवश्य करें की कहीं ब्लड HIV जैसी बीमारियों से ग्रसित तो नहीं है।
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जीवनशैली एवं और घरेलू उपचार
हीमोफीलिया: जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार (Healthy lifestyle and home remedies for Hemophilia)
निम्नलिखित टिप्स अपनाकर हीमोफीलिया की समस्या को कम किया जा सकता है:
- डॉक्टर द्वारा बताए गए निर्देशों को मानें।
- साल में दो बार अपने डेंटिस्ट से मिलें।
- एक्सरसाइज (Workout) और स्विमिंग (Swimming) करें लेकिन, फुटबॉल आदि खेलने से बचें।
- इंट्रामस्कुलर इंजेक्शन से बचें।
- खुद को चोट लगने से बचाएं।
- ड्राइविंग के दौरान सीट बेल्ट का इस्तेमाल करें।
- इसके साथ ही अपने डायट (Diet) पर भी ध्यान दें। अनार (Pomegranate) प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए एक और बेहतरीन फल है जिसे आप बिना किसी हिचकिचाहट खा सकते हैं। अनार में प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए आवश्यक खनिज पदार्थ मौजूद है। इसके अलावा अनार के बीज में आयरन (Iron) भी मिलता है, जो शरीर में आयरन की कमी को पूरा करता है। अनार का उपयोग प्राचीन काल से उसमें मौजूद स्वस्थ और औषधीय गुणों के लिए किया जाता रहा है। अनार का फल खनिज, एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन-सी (Vitamin-C) से भी समृद्ध है जो कि रोग प्रतिरोधक बूस्टर है।
- वीटग्रास (Wheatgrass) को प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए प्रभावी उपाय माना जाता है। वीटग्रास में क्लोरोफिल की भरपूर मात्रा होती है। क्लोरोफिल की मॉलिक्यूलर संरचना मानव रक्त में मौजूद हीमोग्लोबिन के अणु के करीब होती है। वीटग्रास आपके प्लेटलेट काउंट को पहले से अधिक बढ़ाता है। बस आधा कप के सेवन से ये बहुत ही लाभकारी असर दिखाता है।
इस आर्टिकल में हमने आपको हीमोफीलिया से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
उपरोक्त दी गई सलाह चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।