आमतौर पर एक बच्चे को उसके सभी गुण दोष अपने माता-पिता से मिलते हैं। अगर माता और पिता में समान दोष हों, तो बच्चे में उसके प्रभाव के गुण बढ़ सकते हैं, जिसके कारण बच्चे के घुटनों के दर्द रहना, हमेशा माइग्रेन होना, किसी भी वस्तु के संपर्क में आने पर बहुत जल्दी एलर्जी होना, कैंसर जैसी कई बीमारियों के लक्षण देखे जा सकते हैं।
और पढ़ें : ऑफिस रिलेशन टिप्स : ऑफिस में सहकर्मी के साथ कैसा रिलेशन रखें?
खून के रिश्ते में शादी (Marriage in blood relation) न करने के क्या कोई फायदे भी हैं?
खून के रिश्ते में शादी न करना यह कई मायनों में काफी खास हो सकता है। इसकी खासियत सिर्फ सामाजिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक तथ्यों से भी यह साबित किया जा चुका है। दरअसल, मनुष्य को अपनी नस्ल में सुधार करने के लिए हमेशा एक नए जीन की जरूरत होती है। जाहिर सी बात है अगर दो लोग अपने ही खून के रिश्ते में शादी करेंगे, तो उनसे होने वाले बच्चे में उनके ही जीन्स के गुण पाए जाएंगे। ऐसे में उस बच्चे के शरीर में किसी भी नए जीन का निर्माण नहीं होगा। लेकिन अगर यही बच्चा दो अलग-अलग जीन के लोगों के जरिए जन्म लेता है, तो उसके शरीर में दोनों ही जीन्स के गुण पाए जा सकते हैं। साथ ही, बच्चा मानसिक और शारीरिक रूप से भी पूरी तरह से स्वस्थ्य हो सकता है। उसके कार्य करने की क्षमता, सोचने की क्षमता उसके माता-पिता से कहीं अधिक हो सकती है, क्योंकि उसके जीन में उन दोनों के ही गुण मौजूद होंगे।
और पढ़ें : फर्स्ट टाइम सेक्स के बाद ब्लीडिंग होना सामान्य है या असामान्य, इसके पीछे का कारण जानें