इन सभी जांच के माध्यम से कैंसर की जानकारी मिलने के साथ-साथ स्टेज की भी जानकारी मिलती है। ब्रेस्ट कैंसर के 5 स्टेज होते हैं। कैंसर विषेशज्ञों के अनुसार शुरुआती स्टेज में इस बीमारी से लड़ना आसान होता है लेकिन, स्टेज बढ़ने के साथ-साथ खतरा भी बढ़ता जाता है।
लोब्यूलर ब्रेस्ट कैंसर (Lobular breast cancer treatment) का इलाज कैसे किया जाता है ?
डॉक्टर लोब्यूलर ब्रेस्ट कैंसर (Lobular breast cancer)से पीड़ित महिलाओं के ब्रेस्ट की सर्जरी की जाती है। लेकिन, ज्यादातर महिलाओं के पूरे स्तन को हटाए बिना सिर्फ कैंसरस सेल्स को हटाया जा सकता है। इसके साथ ही कीमोथेरिपी की प्रक्रिया, रेडिएशन थेरिपी और हॉर्मोन थेरिपी से भी इलाज करते हैं।
अगर परिवार (ब्लड रिलेशन) में कोई ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित है या रह चुका है, तो ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर एनास्ट्रोजोल (Arimidex), एक्सटेस्टेन (Aromasin), रालॉक्सिफेन (Evista), टैमोक्सीफेन (Nolvadex) जैसी अन्य दवा लेने की सलाह दी जाती है। इन दवाओं से कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। लेकिन, दवाओं का सेवन खुद से न करें बल्कि डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही करें।
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ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं को निम्नलिखित बातोंन रखना चाहिए:
- शराब, ध्रूमपान और तम्बाकू का सेवन नहीं करना चाहिए।
- वजन संतुलित रहना चाहिए।
- डॉक्टरों के संपर्क में रहें।
- ध्रूमपान कर रहें व्यक्तियों के पास खड़े न रहें।
- डॉक्टर से जिन बातों की सलाह दी हो, उसे जरूर ध्यान रखें।
- डॉक्टर की ओर से बताई गई दवाओं को समय पर खाएं।
- नियमित स्वस्थ्य जीवनशैली को अपनाना आपकी प्राथमिकता होना चाहिए।
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इन बातों का भी ध्यान रखें:
- गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन न करें।
- एल्कोहॉल, सिगरेट और तंबाकू-गुटखा का सेवन न करें।
- जंक फूड को अपने आहार में शामिल नहीं करें।
- बच्चों को स्तनपान जरूर कराएं।
- पौष्टिक आहार और पानी का सेवन करें।
- महिलाओं को 40 साल की उम्र के बाद मैमोग्राफी करवाना चाहिए।
- समय -समय पर अपने ब्रेस्ट में आने वाले बदलावों को नजरअंदाज न करें।
- लाइफस्टाल में बदलाव करना बहुत जरूरी हैं।
- रोजाना योगा व एक्सरसाइज जरूर करें।
- ब्रा का सही साइज ही पहनें, टाइट ब्रा का चयन न करें।
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कैंसर किसी भी प्रकार का हो, अगर उसकी शुरुआती स्टेज में जांच हो जाती है तो ट्रीटमेंट में आसानी होती है। ये सच है कि अगर कैंसर का पहली स्टेज में ट्रीटमेंट किया जाता है तो करीब 70 से 80 फीसदी तक उम्मीद रहती है कि पेशेंट पूरी तरह से ठीक हो जाएगा। वहीं कैंसर की स्टेज बढ़ने से पेशेंट की ठीक होने की उम्मीद घटती जाती है। बेहतर होगा कि अगर आपको अपने स्तन में किसी भी प्रकारा का बदलाव नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आप अपने हाथों की सहायता से भी स्तन में गांठ को महसूस कर सकते हैं। स्तन में पेन होने पर लापरवाही न बरतें। अगर आपको लंबे समय में ब्रेस्ट पेन की समस्या है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। आप चाहे तो डॉक्टर से पूछ सकती हैं कि किस तरह से ब्रेस्ट में गांठ की जांच की जाएं। ऐसा करने से आप ब्रेस्ट कैंसर के प्रति हमेशा सचेत रहेंगे और भविष्य में आने वाले किसी भी खतरे को टाल सकते हैं। जरा सी सावधानी कैंसर के बड़े खतरे को टाल सकती है।
ब्रेस्ट या शरीर से जुड़ी किसी भी परेशानी को नजरअंदाज नहीं करें। क्योंकि छोटी सी बीमारी ही बड़ी हो जाती है और फिर इससे लड़ना मुश्किल हो जाता है। इसलिए लक्षण नजर आने पर या परेशानी महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर होगा। उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। आपको लोब्यूलर ब्रेस्ट कैंसर (Lobular breast cancer) की जानकारी के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करना चाहिए। अगर आपको ब्रेस्ट कैंसर से संबंधित किसी जांच के बारे में जानकारी चाहिए तो आप ब्रेस्ट कैंसर एक्सपर्ट से भी सलाह कर सकती हैं। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी प्रकार की चिकित्सा और उपचार प्रदान नहीं करता है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।