परिचय
एमआरआई टेस्ट (MRI Test) क्या होता है?
एमआरआई टेस्ट (MRI) को मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग कहते हैं। एमआरआई टेस्ट में कंप्यूटर बेहद ताकतवर चुंबक और रेडियो तरंगों का इस्तेमाल कर शरीर के अंदरूनी हिस्सों की तस्वीर बना लेता है।
एमआरआई टेस्ट टेस्ट का इस्तेमाल कर डॉक्टर यह देख सकता है कि किसी इलाज का आपके शरीर पर कैसा असर हो रहा है। यह एक्स-रे और सीटी स्कैन तकनीक से अलग है, क्योंकि इसमें रेडिएशन का इस्तेमाल नहीं होता।
एमआरआई टेस्ट क्यों किया जाता है?
एमआरआई तकनीक के जरिए डॉक्टर किसी बीमारी का उपचार, किसी चोट का पता या बीमारी के लिए दिए गए ट्रीटमेंट के असर को देख सकता है। शरीर के विभिन्न हिस्सों पर एमआरआई की जा सकती है।
दिमाग और रीढ़ की हड्डी की एमआरआई निम्न कारणों से की जा सकती हैः
- रक्त वाहिकाओं को पहुंचने नुकसान देखने के लिए
- दिमाग को पहुंची क्षति देखने के लिए
- कैंसर की जांच के लिए
- रीढ़ की हड्डी में चोट देखने के लिए
- स्ट्रोक की स्थिति में
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जानने योग्य बातें
दिल और रक्त वाहिकाओं की एमआरआई निम्न कारणों से की जा सकती हैः
- रक्त वाहिकाओं में रुकावट होने पर
- हार्ट अटैक से दिल को पहुंचे नुकसान देखने के लिए
- किस अन्य ह्दय रोग में
- दिल की संरचना में कोई विकार होने पर
हड्डियों और जोड़ो की एमआरआई निम्न कारणों से की जा सकती हैः
- हड्डी में इंफेक्शन देखने के लिए
- कैंसर
- जोड़ों में नुकसान
- रीढ़ में डिस्क की समस्या होने पर
इसके अलावा इन अंगों में परेशानी होने पर भी एमआरआई की जा सकती हैः
- स्तन
- लीवर
- किडनी
- अंडाशय (ovary)
- आंत
- प्रोस्टेट
वहीं एक खास तरह की एमआरआई भी की जाती है, जिसे फंक्शनल एमआरआई (fMRI) कहते हैं। इस तरह की एमआरआई दिमागी गतिविधियों की निगरानी करती हैं। इस टेस्ट में खून के प्रवाह से देखा जाता है कि किसी खास काम को करने के दौरान आपके दिमाग का कौनसा हिस्सा काम करता है। इसकी मदद से कई दिमागी समस्याओं का उपचार किया जा सकता है।
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सावधानियां और चेतावनी
एमआरआई टेस्ट कराने से पहले ये बातें भी जान लें
एमआरआई टेस्ट के पहले आपको कुछ सवालों के सही-सही जवाब देने होते हैं। इन प्रश्नों के जवाबों के माध्यम से डॉक्टर आपके बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं और आपकी सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाते हैं। इन सवालों के माध्यम से रेडियोलॉजिस्ट ये भी जान लेते हैं कि पहले आपकी किसी तरह की सर्जरी तो नहीं हुई या कोई डिवाइस आपके शरीर में लगाया तो नहीं गया। क्योंकि एमआरआई के दौरान ऐसी स्थिति में समस्या पैदा हो सकती है।
एमआरआई स्कैनर तस्वीरें लेते वक्त बहुत आवाज करता है और यह बेहद सामान्य है। हो सकता है डॉक्टर इस दौरान आपको किसी तरह के हैडफोन लगाने के लिए दे सकता है या आप गाने भी सुन सकते हैं।
अगर इस टेस्ट में डाई या कॉन्ट्रास्ट की मदद होती है तो इसे इंजेकशन के माध्यम से आपकी नसों में डाला जा सकता है। इससे ठंडक जैसा अहसास होता है। डाई के माध्यम से शरीर के कुछ अंग ठीक तरह से तस्वीर में नजर आते हैं।
याद रखें कि डॉक्टर ने आपको एमआरआई की सलाह इसलिए दी है, जिससे शरीर के बारे में कुछ जरूरी जानकारियां जुटाई जा सकें। अगर आपको इसकी प्रक्रिया को लेकर कोई और सवाल हैं, तो डॉक्टर से इस बारे में जरूर पूछें।
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प्रक्रिया
कैसे होती है एमआरआई टेस्ट की तैयारी?
इस टेस्ट के लिए यूं तो किसी खास तैयारी की जरूरत नहीं पड़ती, पर टेस्ट के पहले आपको हॉस्पिटल गाउन पहनना होता है। इसके अलावा इस बात का ख्याल रखा जाता है कि आपके पास किसी तरह का धातु ना हो, क्योंकि इस तकनीक में बेहद शक्तिशाली चुंबक का प्रयोग किया जाता है। ऐसे में ज्वैलरी उतारने की भी सलाह दी जाती है।
इसके अलावा डॉक्टर जरूरत पड़ने पर आपके शरीर में डाई या कॉन्ट्रास्ट का इंजेक्शन लगाता है, जिससे कई बॉडी टिशू और अंग साफ नजर आएं। इसके बाद मरीज को एमआरआई स्कैनर में लेटने के लिए मदद की जाती है।
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जानिए क्या होता है
क्या होता है एमआरआई टेस्ट के दौरान?
स्कैनर पर आपको लिटाए जाने के बाद बेल्ट से कसकर बांध दिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे आप स्कैनिंग के दौरान हिलें नहीं। इस दौरान आपके शरीर को कोई खास हिस्सा या पूरा शरीर स्कैनर के अंदर किया जा सकता है।
इसके बाद एमआरआई मशीरन आपके शरीर के अंदर एक बेहद शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र बना देती है। इसके बाद इन तरंगों के माध्यम से कंप्यूटर शरीर के अंदर का नक्शा तैयार करता है।
आप इस दौरान मशीन की जोर से आवाज सुन सकते हैं। यह आवाज इसलिए आती है क्योंकि मशीन फोटो लेने के लिए अत्यधिक चुंबकीय उर्जा बनाती है। इसी वजह से ईयरफोन लगाए जा सकते हैं।
टेस्ट के दौरान आपको शरीर में खिंचाव जैसे महसूस हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि एमआरआई मशीन नसों को उत्तेजित करती है। यह सामान्य है और इसमें चिंता की कोई बात नहीं।
यह पूरी प्रक्रिया 20 मिनट से 90 मिनट के बीच पूरी हो जानी चाहिए।
क्या होता है एमआरआई के बाद?
एमआरआई के बाद रेडियोलॉजिस्ट प्राप्त तस्वीरों का परीक्षण करता है। इसमें यह तय किया जाता है कि कहीं और एमआरआई की आवश्यक्ता तो नहीं है। अगर रेडियोलॉजिस्ट तस्वीरों से संतुष्ट हो जाता है, तो पेशेंट घर जा सकता है। इसके बाद रेडियोलॉजिस्ट इसपर एक रिपोर्ट तैयार कर डॉक्टर को देता है। डॉक्टर रिपोर्ट के साथ दोबारा मरीज से मिलता है।
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परिणाम
क्या कहते हैं एमआरआई टेस्ट के नतीजे?
रेडियोलॉजिस्ट की रिपोर्ट डॉक्टर तक पहुंचने के बाद डॉक्टर इसका बारीकी से अध्ययन करता है। इसके बाद वो आपको आपके एमआरआई परिणाामों के बारे में बताता है। इसमें शरीर में किसी भी विकार, समस्या या उपचार के बाद लक्षणों के बारे में जानकारी मिलती है।
अगर आपको अपनी समस्या को लेकर कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लेना ना भूलें। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की मेडिकल सलाह, निदान या सारवार नहीं देता है न ही इसके लिए जिम्मेदार है।
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