के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
मोरपंखी का पौधा एक सदाबहार पौधा है। इसके बीजों और पत्तेदार टहनियों का इस्तेमाल दवाइयां बनाने में होता है। प्लैटाइक्लडस प्रजाति में यह शंकुधारी पौधा एक अलग जीन से संबंधित है। मोरपंखी को चाइनीज थूजा, प्लेटक्लायडस ओरिएंटलिस और ओरिएंटल थूजा के नाम से भी जाना जाता है। यह मुख्य रूप से चीन में पाया जाता है।
निम्नलिखित समस्याओं में मोरपंखी का इस्तेमाल होता है:
कुछ लोग मोरपंखी का पौधा बवासीर में होने वाली अत्यधिक ब्लीडिंग और उल्टी, स्टूल और यूरिन में खून आने की स्थिति में इस्तेमाल करते हैं। साथ ही इसका इस्तेमाल बॉडी में फ्लूड के इकट्ठा होने पर भी किया जाता है। वहीं, महिलाएं थूजा का इस्तेमाल मासिक धर्म से जुड़ी समस्याएं जैसे ऐंठन, हैवी फ्लो और पीरियड्स में अनियमित्ता होने पर करती हैं।
कुछ पुरुष मोरपंखी का पौधा इजेक्युलेशन से जुड़ी समस्याओं में इस्तेमाल करते हैं। नाक से खून बहने, बवासीर, जलने और स्केल्ड्स में थूजा को सीधे ही त्वचा पर लगाया जाता है। वहीं, सिर के स्काल्प पर इसे हेयर टॉनिक के रूप में लगाया जाता है और त्वचा के रूखेपन में इसे सोने से पहले लगाया जाता है।
मोरपंखी का पौधा कैसे कार्य करता है, इस संबंध में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें। हालांकि, ऐसा माना जाता है कि मोरपंखी का पौधा कुछ बैक्टीरिया के खिलाफ विशेष प्रकार से कार्य करता है।
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निम्नलिखित परिस्थितियों में इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें:
अन्य दवाइयों के मुकाबले औषधियों के संबंध में रेग्युलेटरी नियम अधिक सख्त नहीं हैं। इनकी सुरक्षा का आंकलन करने के लिए अतिरिक्त अध्ययनों की आवश्यकता है। मोरपंखी का पौधा का इस्तेमाल करने से पहले इसके खतरों की तुलना इसके फायदों से जरूर की जानी चाहिए। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
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प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग: गर्भावस्था के दौरान मोरपंखी के पौधे का सेवन असुरक्षित हो सकता है। इसमें थूजोन (thujone) नामक कैमिकल होता है, जो यूट्रस के सिकुड़ने का कारण बन सकता है। यदि आप प्रेग्नेंट हैं तो इसका इस्तेमाल न करें। प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग दोनों ही विशेष स्थितियां हैं जब हर महिला की बॉडी के हार्मोन अलग प्रकार से क्रिया करते हैं। इस स्थिति में ली जाने वाली किसी भी दवा या औषधि का बॉडी पर क्या असर पड़ेगा, पूर्व में इसका अंदाजा लगाना काफी मुश्किल है। कई बार प्रेग्नेंसी के दौरान यह दवाइयां प्लेसेंटा के जरिए भ्रूण में प्रवेश कर जाती हैं। ऐसा होने पर भ्रूण के लिए नुकसानदायक तो होता ही है साथ ही मां और शिशु दोनों के लिए घातक भी साबित हो सकता है।
पोरफाइरिया (Porphyria), वंशानुगत होने वाली समस्या: मोरपंखी का पौधा इस स्थिति को और भी बदतर बना सकता है।
गुर्दों की समस्या: गुर्दों की समस्या में मोरपंखी के पौधे का सेवन करने से स्थिति और खराब हो सकती है।
मोरपंखी के पौधे या थूजा में थूजोन (thujone) नामक विषैला रसायन होता है, जो बेचैनी, दिमागी बदलाव, उल्टी, चक्कर आना, थरथराहट, गुर्दों को खराब, दौरा पड़ना और अन्य साइड इफेक्ट्स का कारण बन सकता है, विशेषकर लंबे वक्त या अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से यह दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
हालांकि, हर व्यक्ति को यह साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं। उपरोक्त दुष्प्रभाव के अलावा भी मोरपंखी का पौधा या थूजा के कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है। यदि आप इसके साइड इफेक्ट्स को लेकर चिंतित हैं तो अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।
मोरपंखी का पौधा या थूजा आपकी मौजूदा दवाइयों या मेडिकल कंडिशन के साथ रिएक्शन कर सकता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं हो सकती। इसका इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।
हर मरीज के मामले में मोरपंखी का पौधा या थूजा का डोज अलग हो सकता है। जो डोज आप ले रहे हैं वो आपकी उम्र, हेल्थ और दूसरे अन्य कारकों पर निर्भर करता है। औषधियां हमेशा ही सुरक्षित नही होती हैं। मोरपंखी का पौधा या थूजा के उपयुक्त डोज के लिए अपने हर्बालिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
मोरपंखी का पौधा निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध हो सकता है:
डिस्क्लेमर
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