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20 सालों में टाइप 2 डायबिटीज के साथ कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस में क्या आता है बदलाव?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 11/02/2022

    20 सालों में टाइप 2 डायबिटीज के साथ कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस में क्या आता है बदलाव?

    डायबिटीज की बीमारी कहीं ना कहीं हमारी लाइफस्टाइल से जुड़ी हुई है। अगर आप एक्सरसाइज नहीं करते हैं या फिर खानपान पर भी ध्यान नहीं देते हैं, तो यह बीमारी आप पर अटैक क सकती है। जो लोग नियमित रूप से व्यायाम करते हैं और अपनी सेहत का ख्याल रखते हैं, उन लोगों को डायबिटीज का खतरा बहुत कम रहता है। अगर लंबे समय तक व्यायाम किया जाए, तो उसका डायबिटीज पर क्या प्रभाव पड़ता है या फिर डायबिटीज पेशेंट अगर लंबे समय तक व्यायाम करें, तो उसका क्या असर पड़ता है, इससे संबंधित स्टडी की गई है। आज इस आर्टिकल में हम आपको डायबिटीज के साथ कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस (Cardiorespiratory Fitness With Incident Type 2 Diabetes) स्टडी के बारे में बताएंगे। पहले जान लेते हैं क्या होती है टाइप 2 डायबिटीज (type 2 diabetes) की बीमारी।

    टाइप 2 डायबिटीज (type 2 diabetes) हॉर्मोन से संबंधित बीमारी है। हमारे शरीर में ब्लड में शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन हॉर्मोन बनता है। यह इंसुलिन हॉर्मोन अग्नाशय में बनता है। जब हमारा शरीर इंसुलिन हॉर्मोन (Insulin hormone) को सही से इस्तेमाल ना कर पाए या फिर इंसुलिन की मात्रा कम होने लगे, तो टाइप टू डायबिटीज (type 2 diabetes) की समस्या हो जाती है। 40 से ज्यादा की उम्र के लोगों में इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है। ऐसा नहीं है कि कम उम्र के लोगों में ये बीमारी होने का खतरा न हो।

    जो लोग हेल्दी लाइफस्टाइल नहीं अपनाते हैं या फिर खाने में हेल्दी फूड नहीं अपनाते हैं उन्हें यह बीमारी होने का अधिक खतरा है। डायबिटीज की बीमारी स्ट्रेस के कारण भी हो सकती है। पर्याप्त मात्रा में नींद ना लेना एक्सरसाइज ना करना थाने में फैटी चीजों को शामिल करना या फिर अधिक मोटापा होना आदि सभी कारण टाइप 2 डायबिटीज से जुड़े हो सकते हैं। टाइप 2 डायबिटीज की बीमारी किसी को भी हो सकती है। अगर समय पर दवाओं का सेवन किया जाए और लाइफस्टाइल में सुधार किया जाए, तो इस बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है। जानिए डायबिटीज के साथ कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस (Cardiorespiratory Fitness With Incident Type 2 Diabetes) के संबंध में क्या स्टडी की जा चुकी है।

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    डायबिटीज के साथ कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस (Cardiorespiratory Fitness With Incident Type 2 Diabetes)

    शरीर के लिए व्यायाम बहुत आवश्यक है। मधुमेह की बीमारी में व्यायाम के साथ ही सही समय पर दवाओं का सेवन बहुत जरूरी होता है, तभी ब्लड में ग्लूकोज का लेवल मेंटेन रह पाता है। जैसा कि आपको पता ही होगा कि डायबिटीज की बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है और ये बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को प्रभावित कर सकती है। कम आयु में मधुमेह या डायबिटीज की बीमारी होने पर लंबे समय और फिर लंबे समय फिटनेस चेंजेस का शरीर पर क्या असर पड़ता है, इस संबंध में स्टडी की गई। स्टडी के दौरान डायबिटीज के विकास पर 7 और 20 वर्षों में फिटनेस परिवर्तन के बारे में जानकारी ली गई। जानिए इस स्टडी के बाद क्या रिजल्ट सामने आए।

    स्टडी के दौरान ये जानकारी मिली कि मधुमेह से पीड़ित महिलाओं में प्रति 1000 लोगों में 4 की दर से विकास हुआ। औसतन 7 वर्षों में महिलाओं में फिटनेस में 7.6% और पुरुषों में 9.2% की गिरावट आई है। जिन पार्टिसिपेंट्स ने 20 वर्षों में डायबिटीज का विकसित किया, उन्होंने 20 वर्षों में फिटनेस में काफी बड़ी गिरावट का अनुभव भी किया किया। आप इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि डायबिटीज के साथ ही लो फिटनेस महत्वपूर्ण रूप से जुड़ा हुआ है। फिटनेस और बीएमआई के बारे में जांच करते समय इस संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त हुई।

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    डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए इन बातों का जरूर रखें ख्याल!

    डायबिटीज के साथ कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस से संबंधित स्टडी के बारे में तो आपको जानकारी मिल ही गई होगी।डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव बहुत जरूरी है। यहां आपको हम कुछ जरूरी बातें बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपनाने के बाद आप डायबिटीज की बीमारी को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं।

  • डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए आपको सबसे पहले अपने खान-पान पर ध्यान देना होगा। आपको खाने में ऐसे फूड्स को जरूर शामिल करना चाहिए, जिनकी लो ग्लाइसेमिक वैल्यू हो। प्रोसेस्ड फूड्स को इग्नोर करें और साथ ही जिन फूड्स में शुगर अधिक मात्रा में पाई जाती हो, जिन फूड्स में फैट अधिक हो, उन्हें डायट से हटा दें। खाने में फाइबर युक्त फूड्स का सेवन करने के साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी भी पीना चाहिए।
  • खानपान के साथ ही आपको रोजाना एक्सरसाइज भी करनी चाहिए। आप कार्डियो एक्सरसाइज के साथ ही योग को भी अपने जीवन में शामिल कर सकते हैं। अगर आपने कभी एक्सरसाइज न की हो, तो आप रोजाना आधे घंटे की वॉक को भी शामिल कर सकते हैं।
  • अगर आपको स्ट्रेस की समस्या (Stress problem) रहती है, तो बेहतर होगा कि आप रोजाना मेडिटेशन भी करें। डायबिटीज और स्ट्रेस का गहरा संबंध है। बेहतर होगा कि स्ट्रेस को दूर भगाएं।
  • डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए समय-समय पर ब्लड शुगर लेवल की जांच कराना भी बहुत जरूरी है। ऐसा करने से आपको समय-समय पर यह पता चलता रहेगा कि आपका डायबिटीज कंट्रोल में रहता है या फिर नहीं। आप डॉक्टर से पूछें कि कैसे घर में ब्लड शुगर लेवल की जांच की जा सकती है।
  • कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस को बेहतर बनाने और बनाए रखने के लिए नियमित शारीरिक एक्टिविटी हेल्दी लाइफस्टाइल का एक महत्वपूर्ण घटक है। ये बहुत दुख का विषय है कि राष्ट्रीय आंकड़ों के अनुसार शारीरिक गतिविधि का स्तर उम्र के साथ घटता है और पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कम होता है। एक परिणाम यह भी सामने आया है कि वृद्ध वयस्कों और महिलाओं में कम फिटनेस होने का खतरा होता है और उनमें मधुमेह विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर कुछ बातों पर ध्यान दिया जाए, तो सभी उम्र के लोग इस गंभीर बीमारी से बच भी सकते हैं और अगर बीमार है, तो इस बीमारी को नियंत्रित भी कर सकते हैं।

    अगर आपको डायबिटीज के साथ कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस (Cardiorespiratory Fitness With Incident Type 2 Diabetes) से संबंधित किसी भी विषय में जानकारी चाहिए, तो आपको सीधे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर आपको बताएंगे कि आपको डाइट में क्या लेना चाहिए और साथ ही आपकी दिनचर्या कैसी होनी चाहिए।

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    इस आर्टिकल में हमने आपको डायबिटीज के साथ कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस (Cardiorespiratory Fitness With Incident Type 2 Diabetes)  को लेकर जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

    डिस्क्लेमर

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