बच्चे भी वो सब महसूस करते हैं, जो बड़े लोग करते हैं। स्कूल, पढ़ाई, ट्यूशन आदि के बाद वो भी थक जाते हैं। यही नहीं, कई बार दोस्तों से मतभेद, पढ़ाई का प्रेशर आदि से बच्चे परेशान हो जाते हैं या तनाव में आ सकते हैं। इस समय आप उन पर पूरा ध्यान दें। इन चीजों से छुटकारा पाने के लिए उन्हें आंखें बंद कर के किसी शांत जगह पर बैठ कर गहरी सांस लेने के लिए कहें। जब वो एक जगह पर स्थायी तरीके से बैठ कर इसे करने लगें। तो उसके बाद उन्हें भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari Pranayama) करने के लिए कहा जा सकता है। यह वो फन ब्रीदिंग तकनीक है जिसमें बच्चे मेडिटेशन करते हुए मधुमक्खी जैसी आवाज निकालते हैं।
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चांट संस्कृत श्लोका (Chant Sanskrit shlokas)
बच्चे अपने आसपास के लोगों और माहौल से बहुत जल्दी प्रभावित हो जाते हैं जैसे टीवी शो, माता-पिता, दोस्त आदि। ऐसे में कई बार वो वास्तविकता से दूर इमेजिनरी वर्ल्ड में रहना पसंद करते हैं। ऐसे में, आप बच्चों को मेडिटेशन (Basics of Meditation for Kids) के लाभ पाने के लिए उन्हें संस्कृत के श्लोकों को गाने के लिए भी कह सकते हैं। शोध से यह बात साबित हुई है कि इन श्लोकों को रिदमिक टोन्स और वायब्रेशन में गानें से बच्चों के दिमाग पर पॉजिटिव प्रभाव पड़ता है और उन्हें स्वस्थ रहने में भी मदद मिलती है।
ग्रुप मेडिटेशन्स में भाग लेने दें (Participate in group meditations)
बच्चे खासतौर पर किशोर अपने दोस्तों के साथ रहना बेहद पसंद करते हैं। ऐसे में उन्हें ग्रुप में मेडिटेशन करने को कहें। आठ से बारह साल के बच्चे को रोजाना दस मिनट मेडिटेशन करने में बेहद लाभ होगा। ग्रुप में मेडिटेशन करने से अन्य बच्चे भी इस के लिए प्रेरित होंगे। इसके अलावा आप बच्चों के लिए मेडिटेशन (Basics of Meditation for Kids) के अन्य तरीके अपना सकते हैं। इसमें एक्सपर्ट की सलाह के बाद यह आपके बच्चे के लिए और भी आसान हो जाएगा।
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यह तो थी बच्चों के लिए मेडिटेशन (Basics of Meditation for Kids) के बारे में जानकारी। बच्चे आसानी से मेडिटेशन करना सीख सकते हैं। उन्हें केवल सही मार्गदर्शन की जरूरत होती है। मेडिटेशन बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए स्ट्रेस दूर करने का आसान तरीका है। जो माता-पिता अपने बच्चे के जीवन में मेडिटेशन को इंट्रोड्यूस करना चाहते हैं, वो किसी एक्सपर्ट्स से इस बारे में बात करें। मेडिटेशन को कहीं भी कभी भी किया जा सकता है और इसे करने में अधिक समय भी नहीं लगता। इसकी शुरुआत केवल दिन में दो मिनट से भी की जा सकती है और उसके बाद धीरे -धीरे समय बढ़ाया जा सकता है। लेकिन, इसे नियमित रूप से करने के लिए धैर्य और प्रैक्टिस जरूरी है।
आप अपने बच्चे को मेडिटेशन कोर्स करने के लिए कह सकते हैं, वीकली मेडिटेशन क्लास ज्वाइन करने के लिए कह सकते हैं, मेडिटेशनल DVD या यूट्यूब वीडियो से भी इसे सीखा जा सकता है। आजकल आपको इस बारे में ऑनलाइन कई ऍप्स भी मिल जाएंगी, जो सही मार्गदर्शन कर सकती हैं। इसके अलावा योग भी आपके बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास में मदद कर सकता है। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।