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प्रेग्नेंसी के दौरान न्यूट्रीशन की कमी से क्या बच्चे हो सकते हैं दिल से जुड़े डिफेक्ट्स?

Written by Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


अपडेटेड 25/10/2021

    प्रेग्नेंसी के दौरान न्यूट्रीशन की कमी से क्या बच्चे हो सकते हैं दिल से जुड़े डिफेक्ट्स?

    हार्ट की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। हार्ट संबंधी समस्याएं अक्सर खराब लाइफस्टाइल के कारण या अधिक उम्र के कारण होती है। कुछ बच्चे हार्ट डिफेक्ट के साथ ही पैदा होते हैं। इसे जन्मजात हृदय दोष (Congenital heart defects) के नाम से जाना जाता है।जन्मजात हृदय दोष (Congenital heart defects) को बर्थ डिफेक्ट्स का मुख्य प्रकार माना जाता है। सीडीसी (CDC) के अनुसार करीब 40000 बच्चों में 1 बच्चा हार्ट डिफेक्ट से प्रभावित होता है। जन्मजात हृदय दोष (Congenital heart defects) क्यों होता है, इसका कारण समझना मुश्किल है लेकिन कुछ रिस्क फैक्टर ऐसे होते हैं, जो जन्मजात हृदय दोष जन्मजात हृदय दोष  को बढ़ाने का काम करते हैं। प्रेग्नेंसी के समय कुछ समस्याएं जन्मजात दोष को बढ़ाने का काम कर सकती हैं। लोगों को नहीं पता होता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान उन्होंने  क्या गलतियां की है? अगर प्रेग्नेंसी के दौरान छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा जाए, तो जन्मजात हृदय दोष (Congenital heart defects) की संभावना को कम किया जा सकता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको प्रेग्नेंसी में न्यूट्रीशन की कमी से हार्ट डिफेक्ट (Heart defects due to lack of nutrition in pregnancy) के बारे में जानकारी देंगे और साथ ही ये भी बताएंगी कि प्रेग्नेंसी के दौरान किस न्यूट्रीशन की कमी से बच्चों में हार्ट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

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    प्रेग्नेंसी में न्यूट्रीशन की कमी से हार्ट डिफेक्ट (Heart defects due to lack of nutrition in pregnancy)

    प्रेग्नेंसी में न्यूट्रीशन की कमी से हार्ट डिफेक्ट

    ये बिल्कुल सच है कि प्रेग्नेंसी कोई बीमारी नहीं है लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान खुद का ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है। ऐसा नहीं है कि आप प्रेग्नेंसी के समय (At the time of pregnancy) या फिर प्रेग्नेंसी से पहले कोई तैयारी न करें। हेल्दी शरीर ही हेल्दी बच्चे को जन्म देता है। अगर आप प्रेग्नेंसी के दौरान खुद का ख्याल नहीं रखेंगे, तो होने वाले बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। यह बुरा प्रभाव हार्ट से भी संबंधित हो सकता है। अगर आप प्रेग्नेंट है या फिर आप कंसीव करने के बारे में सोच रहे हैं, तो इससे पहले आपको कौन-सी जरूरी विटामिन सप्लीमेंट्स लेने की जरूरत है, इस बारे में डॉक्टर से जरूर जानकारी प्राप्त करें।

    प्रेग्नेंट होने से पहले शरीर का हेल्दी और फिट होना बहुत जरूरी है। अगर आपको मोटापे की समस्या (Obesity problem) है या फिर आप किसी और समस्या से जूझ रहे हैं, तो बेहतर होगा कि पहले उसे ठीक करें और उसके बाद प्रेग्नेंट होने के बारे में सोचें। अगर आप किसी गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं तो बिना डॉक्टर की जानकारी लिए कंसीव करने के बारे में न सोचें।प्रेग्नेंसी के दौरान की गई गलतियां बच्चे के हार्ट पर बुरा असर डाल सकती हैं। प्रेग्नेंसी में न्यूट्रीशन की कमी से हार्ट डिफेक्ट (Heart defects due to lack of nutrition in pregnancy) की संभावना बढ़ जाती है। जानिए प्रेग्नेंसी के दौरान किन बातों का ख्याल रखना चाहिए, जिससे होने वाले बच्चे को दिल की बीमारी से (Congenital heart defects) बचाया जा सके।

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     हार्ट डिफेक्ट से बचने के लिए फोलिक एसिड है जरूरी!

    प्रेग्नेंसी के पहले और प्रेग्नेंसी के दौरान फोलिक एसिड का सेवन बहुत जरूरी माना जाता है।प्रेग्नेंसी में न्यूट्रीशन की कमी से हार्ट डिफेक्ट (Heart defects due to lack of nutrition in pregnancy) के लिए फोलिक एसिड की कमी को भी जिम्मेदार माना जा सकता है। फोलिक एसिड विटामिन बी का ही प्रकार है। फोलिक एसिड की कमी के कारण स्पाइना बिफिडा (Spina bifida), जन्मजात हृदय दोष (Congenital heart defects) आदि का खतरा बना रहता है। प्रेग्नेंसी से पहले और प्रेग्नेंसी के दौरान पर्याप्त मात्रा इस सप्लिमेंट का सेवन जरूरी माना जाता है। अगर आप प्रेग्नेंट होने वाली है या फिर प्रेग्नेंट है, तो करीब 400 BE mcg/ माइक्रोग्राम  फोलिक एसिड का सेवन रोजाना करना चाहिए। अगर आपके मन में इस विषय को लेकर कोई प्रश्न हो, तो आप इस बारे में जरूर जानकारी लें।

    प्रेग्नेंसी से पहले या फिर बाद में डायबिटीज की समस्या

    प्रेग्नेंसी में न्यूट्रीशन की कमी से हार्ट डिफेक्ट (Heart defects due to lack of nutrition in pregnancy) के साथ ही डायबिटीज की बीमारी भी बच्चे में हार्ट डिफेक्ट का कारण बन सकती है। अगर आप डायबिटीज के पेशेंट हैं और प्रेग्नेंट होने के बारे में सोच रही हैं, तो आपको अपना खास ख्याल रखने की जरूरत है। अगर प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड में शुगर का लेवल कंट्रोल नहीं रहता है तो इससे होने वाले बच्चे को हार्ट संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। अधिक शुगर की मात्रा प्रेग्नेंसी में कॉम्प्लिकेशंस पैदा करती है। इस कारण से बच्चा मोटा हो सकता है या फिर बच्चे में डायबिटीज की समस्या पैदा हो सकती है। आप ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) को कंट्रोल करने के लिए हेल्दी डाइट लेने के साथ ही रोजाना एक्सरसाइज (Daily exercise) कर सकते हैं। अगर आप रिसीव करने के बारे में सोच रहे हैं, तो डॉक्टर द्वारा बताई गई पिल्स या इंसुलिन रोजाना जरूर लें। और साथ ही रोज चेक करें कि आपका शुगर कंट्रोल में है या फिर नहीं। ऐसा करके आप बच्चे को गंभीर समस्या से बचा सकते हैं।

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    मेडिसिंस भी बन सकती हैं बच्चे में हार्ट डिफेक्ट का कारण

    प्रेग्नेंसी के पहले या पर प्रेग्नेंसी के दौरान किसी प्रकार की दवाओं का सेवन कर रहे हैं, तो इसका असर भी बच्चे के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। कुछ मेडिसिंस होने वाले बच्चे में हार्ट डिफेक्ट की संभावना को बढ़ाने का काम करती हैं। अगर आप उन मेडिसिंस को प्रेग्नेंसी के दौरान या प्रेग्नेंसी के पहले रोक दें, तो इसके दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है। इस बारे में डॉक्टर से सलाह लें और साथ ही उनसे यह भी पूछें कि अगर आप हर्बल मेडिसिन ले रही हैं, तो क्या उसका कोई बुरा असर पड़ सकता है।

    शराब का सेवन भी डालता है बुरा असर

    प्रेग्नेंसी के दौरान न्यूट्रिशन की कमी के कारण हार्ट डिफेक्ट तो होता ही है लेकिन साथ ही अगर प्रेग्नेंसी के दौरान अगर महिला शराब का सेवन करती है या फिर स्मोकिंग करती है, तो इसका असर भी बच्चे के स्वास्थ्य पर पड़ता है। प्रेग्नेंसी के दौरान एल्कोहॉल का सेवन (Alcohol consumption during pregnancy) करने पर बच्चे के हार्ट में समस्याएं पैदा होने का खतरा बढ़ जाता है। जन्मजात हृदय दोष (Congenital heart defects) को रोकने के लिए बेहतर होगा आप प्रेग्नेंसी के दौरान शराब का सेवन ना करें। इस बारे में आप डॉक्टर से अधिक जानकारी ले सकते हैं।

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    प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ इंफेक्शन भी बच्चे की हेल्थ पर बुरा असर डाल सकते हैं। रूबेला और इनफ्लूएंजा फ्लू के लिए वैक्सिनेशन कराना बहुत जरूरी होता है। अगर आप प्रेग्नेंट है या फिर प्रेगनेंसी की तैयारी कर रही हैं, तो डॉक्टर से जानकारी ले कि आपको कौन-सा वैक्सिनेशन कराना चाहिए। समय पर वैक्सीन ना लगने पर बच्चे की हार्ट पर बुरा असर पड़ सकता है।

    प्रेग्नेंसी के दौरान फोलिक एसिड (Folic acid) के साथ ही मल्टीविटामिन (Multivitamin) का सेवन करना भी होने वाले बच्चे की सेहत के लिए लाभकारी होता है। कई महिलाओं में विटामिंस की कमी के कारण बच्चों में हार्ट संबंधी समस्याओं का खतरा पैदा हो जाता है। डॉक्टर आपको प्रेग्नेंसी के पहले या प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ दवाएं लेने की सलाह देंगे। आपको डॉक्टर से उनके डोज के बारे में जानकारी लेनी चाहिए और समय पर उनका सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से आपके शरीर में विटामिंस की कमी नहीं होगी और होने वाले बच्चे को भी किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। प्रेग्नेंसी में न्यूट्रीशन की कमी से हार्ट डिफेक्ट (Heart defects due to lack of nutrition in pregnancy) की समस्या को रोका जा सकता है लेकिन इसके लिए आपको अधिक सावधानी रखने की आवश्यकता है।

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    स्वस्थ रखकर स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया जा सकता है। जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि जन्मजात हृदय दोष (Congenital heart defects) का कोई मुख्य कारण नहीं होता है। कई फैक्टर होते हैं, जो इस समस्या को बढ़ाने का काम करते हैं। अगर आप खुद के न्यूट्रिशन पर ध्यान देते हैं, तो आप काफी हद तक बच्चे में होने वाली हार्ट की समस्या को रोक सकते हैं। आप चाहे तो बच्चों में होने वाले जन्मजात हृदय दोष (Congenital heart defects) के बारे में डॉक्टर से जानकारी प्राप्क कर हैं।

    इस आर्टिकल में हमने आपको प्रेग्नेंसी में न्यूट्रीशन की कमी से हार्ट डिफेक्ट (Heart defects due to lack of nutrition in pregnancy) के बारे में  बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

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