डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति के लिए हायपोग्लाइसेमिया एक चिंता का विषय है। जिसमें पीड़ित व्यक्ति की ब्लड शुगर सामान्य से भी कम हो जाती है। हालांकि, टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति में हायपोग्लाइसेमिया कम सामान्य है। लेकिन, इस स्थिति में व्यक्ति में एंग्जायटी बेहद कॉमन है। ऐसा पाया गया है कि माइंडफुलनेस (Mindfulness) करने वाले लोगों में ग्लाइसेमिक कंट्रोल (Glycemic Control) बढ़ता है जिससे हायपोग्लाइसेमिया की संभावना कम होती है। इससे डायबिटीज मैनेजमेंट (Diabetes Management) से जुड़े मेंटल डिस्ट्रेस (Mental Distress) को कम करने के लिए भी मदद मिलती है। जानिए डायबिटीज और माइंडफुलनेस (Diabetes and Mindfulness) के बीच के अन्य कनेक्शंस के बारे में।
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माइंडफुलनेस, ब्लड प्रेशर और ब्लड ग्लूकोज लेवल (Mindfulness, Blood Pressure and Blood Glucose levels)
ऐसा माना जाता है कि अगर डायबिटिक व्यक्ति में ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है, तो उसे डायबिटीज से जुडी कॉम्प्लीकेशन्स होना का खतरा कम रहता है। जिसमें हार्ट अटैक और स्ट्रोक आदि भी शामिल हैं। एक स्टडी से यह बात भी साबित हो चुकी है कि एक डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता में ब्लड ग्लूकोज लेवल के मुकाबले हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) अधिक प्रभाव डालता है। लेकिन, अमेरिकन डिपार्टमेंट ऑफ़ इंटरनल मेडिसिन (American Department of Internal Medicine) के द्वारा की गई रिसर्च के अनुसार नियमित माइंडफुलनेस मेडिटेशन (Mindfulness Meditation) करने से रोगी में ब्लड प्रेशर को सही रहने में मदद मिलती है। जिससे कारण हार्ट संबंधी समस्याओं के साथ-साथ ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) के सही रहने में भी आसानी होती है। डायबिटीज और माइंडफुलनेस (Diabetes and Mindfulness) में यह जानकारी बेहद जरूरी है।

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डायबिटीज और माइंडफुलनेस: माइंडफुलनेस और स्ट्रेस (Mindfulness and Stress)
स्ट्रेस को डायबिटीज को कंट्रोल करने में एक बाधा माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि चिंता, तनाव या स्ट्रेस के कारण मधुमेह के रोगी के लिए इसे मैनेज करना मुश्किल हो सकता है। लेकिन, माइंडफुलनेस से स्ट्रेस कम होने में मदद मिलती है। जिससे स्लीप डिस्टर्बेंस कम होती है और स्लीप क्वालिटी बढ़ती है। इसके साथ ही स्ट्रेस लेवल, मूड डिस्टर्बेंस और थकावट को कम होने में भी मदद मिलती है। यानी, माइंडफुलनेस कई अन्य समस्याओं को दूर करने में भी बेहद प्रभावी है। कुछ अन्य स्थितियों में भी माइंडफुलनेस (Mindfulness) लाभदायक साबित हो सकती है, जैसे
- दिमाग को शांत करने और विचारों को स्लो डाउन करने में
- अपने और अपने शरीर के बारे में अधिक जागरूक होने के लिए
- अच्छी नींद आने के लिए
- आप उस समय क्या कर रहे हैं, इस पर ध्यान देने के लिए
- आपको रिलैक्स महसूस कराने के लिए
- स्ट्रेस, डिप्रेशन और एंग्जायटी से बचने में