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हार्ट डिजीज में बैलून थेरिपी किस तरह होती है मददगार?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 24/11/2021

    हार्ट डिजीज में बैलून थेरिपी किस तरह होती है मददगार?

    प्रॉपर ब्लड फ्लो के बिना, हार्ट को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे सीने में दर्द हो सकता है जिसे एंजाइना (Angina) कहा जाता है। जब एक या अधिक कोरोनरी आर्टरीज पूरी तरह से ब्लॉक हो जाती हैं, तो हार्ट अटैक (Heart attack) हो सकता है। इस तरह की हार्ट डिजीज में बैलून थेरिपी (Balloon therapy for heart disease) की मदद ली जाती है। बता दें कोरोनरी (हार्ट) आर्टरीज का ब्लॉकेज या नैरो होना एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) कहलाता है।

    कोरोनरी आर्टरीज खोखली ट्यूब के आकार की होती हैं, जिनका काम से ब्लड फ्लो करना होता है, लेकिन एथेरोस्क्लेरोसिस होने से आर्टरीज वॉल्स मोटी हो जाती हैं और उन पर फैट और प्लाक जमा हो जाता है, जिससे हृदय की मांसपेशियों में ऑक्सिजन युक्त ब्लड फ्लो लिमिटेड या ब्लॉक हो जाता है। आज के इस आर्टिकल में जानते हैं कि हार्ट डिजीज में बैलून थेरिपी (Balloon therapy for heart) किस तरह काम करती है, यह कितनी प्रभावी है?

    हार्ट डिजीज में बैलून थेरिपी क्या है? (What is balloon therapy in heart disease?)

    एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis ) के कारण पूरे शरीर में ब्लड वेसल्स नैरो (स्टेनोसिस) हो जाती हैं और कभी-कभी पूरी तरह से ब्लॉक (Block) भी हो जाती हैं। कोरोनरी एंजियोप्लास्टी (Coronary Angioplasty) या बैलून थेरिपी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उपयोग बंद हार्ट आर्टरीज को खोलने के लिए किया जाता है। हालांकि, ज्यादातर मॉडर्न एंजियोप्लास्टी प्रॉसेस में आर्टरी में एक छोटी वायर-मेश ट्यूब (जिसे स्टेंट कहा जाता है) का इस्तेमाल किया जाता है।

    हार्ट डिजीज में बैलून थेरिपी (Balloon therapy in heart disease) को कभी-कभी परक्यूटेनियस ट्रांसल्यूमिनल कोरोनरी एंजियोप्लास्टी (पीटीसीए) के रूप में भी जाना जाता है। स्टेंटिंग के साथ कोरोनरी एंजियोप्लास्टी के कॉम्बिनेशन को आमतौर पर परक्यूटेनियस कोरोनरी इंटरवेंशन (Percutaneous Coronary Intervention) के रूप में जाना जाता है।

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    कोरोनरी एंजियोप्लास्टी (हार्ट डिजीज में बैलून थेरिपी) के क्या लाभ हैं?

    ज्यादातर मामलों में एंजियोप्लास्टी के बाद कोरोनरी आर्टरीज के माध्यम से ब्लड फ्लो में सुधार होता है। बहुत से लोग पाते हैं कि उनके लक्षण काफी बेहतर हो गए हैं। यदि आपको पहले हार्ट अटैक पड़ा है, तो एंजियोप्लास्टी आपके बचने की संभावना को बढ़ा सकती है। एंजियोप्लास्टी ब्लॉक्ड आर्टरीज के लक्षणों में सुधार कर सकती है, जैसे सीने में दर्द और सांस की तकलीफ। एंजियोप्लास्टी का उपयोग अक्सर दिल के दौरे के दौरान ब्लॉक्ड आर्टरी को जल्दी से खोलने और आपके हार्ट को होने वाले नुकसान की मात्रा को कम करने के लिए किया जाता है। साथ ही यह प्रॉसेस फ्यूचर में एक और हार्ट अटैक आने की संभावना को भी कम कर सकती है।

    हार्ट डिजीज में बैलून थेरिपी के रिस्क क्या हैं? (What are the risks of balloon therapy in heart disease?)

    वैसे तो बायपास सर्जरी (Bypass surgery) की तुलना में बंद धमनियों को खोलने के लिए एंजियोप्लास्टी अधिक आसान तरीका है, लेकिन फिर भी इस प्रक्रिया के कुछ रिस्क हैं। जैसे-

    आर्टरी (Artery) का फिर से संकुचित होना

    जब एंजियोप्लास्टी को ड्रग-एल्यूटिंग स्टेंट प्लेसमेंट के साथ कंबाइन किया जाता है, तो एक छोटा रिस्क होता है कि ट्रीटमेंट के बाद आर्टरी फिर से बंद हो सकती है। हालांकि, इसकी पॉसिबिलिटी 5% से भी कम होती है। वहीं, जब बेयर मेटल स्टेंट का उपयोग किया जाता है तो आर्टरी के फिर से नैरो होने का रिस्क लगभग 10% से 20% होता है।

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    ब्लड क्लॉट्स (Blood Clots)

    प्रक्रिया के बाद भी स्टेंट के भीतर रक्त के थक्के बन सकते हैं। ये क्लॉट्स आर्टरी को बंद कर सकते हैं, जिससे हार्ट अटैक पड़ सकता है। इसके लिए कुछ मेडिसिन भी डॉक्टर द्वारा प्रेस्क्राइब की जाती है जो आपके स्टेंट में क्लॉटिंग की संभावना को कम करने में मदद करती हैं।

    ब्लीडिंग (Bleeding)

    आपके पैर या आर्म्स में ब्लीडिंग हो सकती है जहां कैथेटर डाला जाता है। हालांकि, यह काफी हल्का होता है लेकिन कभी-कभी ज्यादा ब्लीडिंग भी होती है और इसके लिए ब्लड ट्रांसफ्यूजन (Blood transfusion) या सर्जिकल प्रॉसेस की आवश्यकता हो सकती है।

    हार्ट डिजीज में बैलून थेरिपी (कोरोनरी एंजियोप्लास्टी) कैसे की जाती है? (How is balloon therapy (coronary angioplasty) done in heart disease?)

    कोरोनरी एंजियोप्लास्टी (Coronary angioplasty) में एक पतली फ्लेक्सिबल ट्यूब जिसे कैथेटर कहा जाता है, ग्रोइन या आर्म में से एक में चीरा लगाकर आपकी आर्टरीज में डाली जाती है। ऐसा एक्स-रे वीडियो की मदद से किया जाता है। कार्डियोलॉजिस्ट कैथेटर को ब्लॉक्ड या नैरो आर्टरी की साइट पर ले जाता है और बैलून को फुलाता है, जो आर्टरी की वॉल के अगेंस्ट प्लाक को कम्प्रेस करता है और ब्लड फ्लो को रिस्टोर करने में मदद करता है।

    यदि एक स्टेंट का उपयोग किया जा रहा है, तो इसे डालने से पहले इसे गुब्बारे के चारों ओर लगा दिया जाता है। जब बैलून को फुलाया जाता है तो स्टेंट का एक्सपैंड होता है और जब बैलून हटा दिया जाता है तो स्टेंट (Stent) अपनी जगह पर बना रहता है। जब प्रक्रिया पूरी हो जाती है, तो सभी कैथेटर और गाइडवायर हटा दिए जाते हैं, और छोटे चीरे को टांके लगाकर बंद कर दिया जाता है। कठिनाई और ब्लॉकेज की संख्या और क्या कोई कॉम्प्लिकेशन प्रक्रिया के दौरान होती है, इन सब के आधार पर एंजियोप्लास्टी में लगने वाले समय को तय किया जाता है।

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    हार्ट डिजीज में बैलून थेरिपी (Balloon therapy in heart disease) के बाद क्या एक्सपेक्ट करें?

    कोरोनरी एंजियोप्लास्टी के बाद, आपको एक स्पेशल केयर यूनिट में ले जाया जाएगा, जहां आप कुछ घंटों या रात भर रखा जाएगा। आपको अपने हाथ या ग्रोइन में वेसल्स को पूरी तरह से सील करने के लिए कुछ घंटों के लिए लेटना चाहिए। जब आप ठीक हो जाएंगे, तब डॉक्टर हार्ट रेट (Heart Rate) और ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) की जांच करेंगे। वे ब्लीडिंग के लिए आपके हाथ या ग्रोइन को भी चेक करेंगे। कुछ घंटों के बाद आप किसी सपोर्ट से चल-फिर सकेंगे। जिस साइट पर ट्यूब डाली गई थी, वहां लगभग एक सप्ताह तक कुछ डिस्कंफर्ट महसूस हो सकता है जो कि नॉर्मल है। हालांकि, यदि कैथेटर साइट पर ब्लीडिंग या स्वेलिंग हो, साइट पर इंफेक्शन के लक्षण, अत्यधिक कमजोरी महसूस हो, चेस्ट पेन (Chest Pain) या ब्रीदिंग प्रॉब्लम्स हो तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

     हार्ट डिजीज में बैलून थेरिपी (Balloon therapy in heart disease) के बाद लाइफस्टाइल क्या करें बदलाव?

    यदि आपने कोरोनरी एंजियोप्लास्टी कराई है, तो भविष्य में और समस्याएं होने के रिस्क को कम करने के लिए आज से ही खुद को तैयार करना जरूरी है। इसके लिए नीचे बताए गए लाइफस्टाइल में चेंजेज को फॉलो किया जा सकता है:

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    स्मोकिंग और अधिक वजन होना हार्ट डिजीज रोग के मुख्य कारणों में से एक हैं। वे ट्रीटमेंट के काम करने की संभावना को भी कम करते हैं।

    कोरोनरी एंजियोप्लास्टी (Coronary angioplasty) या हार्ट डिजीज (Heart disease) में बैलून थेरिपी संकुचित या ब्लॉक्ड कोरोनरी आर्टरीज में ब्लड फ्लो को बढ़ा देती है। इससे आपके चेस्ट में दर्द आम तौर पर कम हो जाता है। एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग होने का मतलब यह नहीं है कि आपकी हार्ट डिजीज दूर हो गई हैं। आपको हेल्दी लाइफस्टाइल की आदतों को जारी रखने और अपने डॉक्टर द्वारा प्रेस्क्राइब दवाओं को लेने की आवश्यकता होगी। हार्ट डिजीज में बैलून थेरिपी के बारे में आपको जरूरी जानकारी मिल गई होगी।

    उम्मीद करते हैं कि आपको हार्ट डिजीज में बैलून थेरिपी (Balloon therapy in heart disease) के उपयोग से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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