के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
स्टेंट मेटल से बना ट्यूब होता है। इस ट्यूब की मदद से धमनी को खुले रहने में मददगार होती है। डॉक्टर आमतौर पर इस छोटी सी ट्यूब को धमनियों के अंदर डालते हैं, जिससे ब्लॉक हुई रक्त वाहिकाओं को खुला रखने में मदद होती है। उस ट्यूब को स्टेंट कहते हैं। इसका मुख्य कार्य रक्त प्रवाह या अन्य तरल पदार्थों आगे पहुंचना है। अगर हृदय तक सही तरीके से ब्लड सर्कुलेशन नहीं हो पाता है तो दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा शुरू हो सकता है। इसलिए अगर ह्रदय संबंधी परेशानी महसूस हो तो इस परेशानी को ज्यादा देर तक इसे टाले नहीं क्योंकि ऐसा करने से स्थिति बिगड़ सकती है। स्टेंट क्या है, इसे समझने के बाद इसका कैसे उपयोग किया जाता है इसे समझने की कोशिश करते हैं।
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आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में हार्ट के पेशेंट की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। ये चिंता का विषय इसलिए भी है क्योंकि भारत में युवाओं में यानी यंग लोगों में हार्ट संबंधि बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। कुछ सालों पहले हार्ट संबंधि समस्याएं केवल अधिक उम्र यानी 50 से 60 साल के लोगों में होती थी, लेकिन अब 20 से 30 साल लोगों को भी ये बीमारी तेजी से जकड़ रही है। अगर अमेरिकी रिचर्स स्टडी पर भरोसा किया जाए तो इंडिया में साल 2015 में करीब छह करोड़ हार्ट पेशेंट थे, जिनमे से करीब ढाई करोड़ पेशेंट की एज 40 से कम थी। अब आप इस बात से अंदाजा लगा सकते होंगे कि भारत में तेजी से हार्ट डिजीज के पेशेंट बढ़ रहे हैं।
हार्ट की बीमारी जिसको हो, उसे स्टेंट की जरूरत कभी भी पड़ सकती है। जब धमनी में किसी वजह से ब्लड का फ्लो प्रभावित होता है तो ब्लड क्लॉट बनने की संभावना अधिक हो जाती है। धमनी में आई रूकावट को हटाने के लिए एंजियोप्लास्टी का सहारा लिया जाता है। एंजियोप्लास्टी में एक ट्यूब का यूज किया जाता है। इस ट्यूब में एक बैलून को जोड़ा जाता है और फिर इसे धमनी तक ले जाया जाता है। जिस कारण से धमनी से ब्लॉकेज हुआ है, उसे बैलून की हेल्प से हटाया जाता है। ऐसा करने से ब्लॉकेज हट जाता है लेकिन भविष्य में ब्लॉकेज की संभावना अधिक हो सकती है, इसलिए उस स्थान में स्टेंट को लगाया जाता है। स्टेंट भविष्य में धमनी के ब्लॉकेज होने की संभावना को कम करने का काम करता है।
यह धातु की जाली, प्लास्टिक, या कभी-कभी बड़ी धमनियों के लिए एक विशेष कपड़े से बनी हो सकती है। इसका उपयोग संकीर्ण या कमजोर धमनियों के इलाज के लिए किया जाता है। धमनियों को फटने से रोकने के अलावा, स्टेंट भी रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाने में मददगार साबित होते हैं। कुछ स्टेंट को दवा के साथ भी इंसर्ट किया जाता है, जिसका मकाद धमनी को फिर से ब्लॉक होने से रोकना है। धमनी में ब्लॉकेज होने पर हार्ट डिजीज का खतरा शुरू हो जाता है। इसलिए यह ब्लॉकेज की समस्या से बचने के लिए बेहतर विकल्प के तौर पर डॉक्टर इसका प्रयोग करते हैं। इससे लोगों की परेशानी दूर भी होती है।
स्टेंट क्या है इसकी जानकारी के बाद इसका मुख्य उपयोग क्या है?
स्टेंट क्या है और इसके फायदे निम्नलिखित हैं। जैसे-
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रक्त वाहिका में स्टेंट की तैयारी के लिए आपको निम्नलिखित बातों या टिप्स को अपनाना जरूरी है। जैसे-
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डॉक्टर न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया करते हैं। और रक्त वाहिकाओं के माध्यम से विशेष साधनों द्वारा स्टेंट को उसकी आवश्यकता वाले क्षेत्र तक पहुंचाते हैं। चीरा अक्सर कमर या बांह में होता है। किसी एक स्टेंट को छोटा कैमरा लगाया जाता हैं जिससे स्टेंट निर्देशन में मदद हो सके। प्रक्रिया के दौरान, इमेजिंग तकनीक, एंजियोग्राम भी वेसल के माध्यम से स्टेंट को मार्गदर्शन के लिए डॉक्टर को सहायता आवश्यकता हो सकती है।
टूटे या ब्लॉक वेसल का पता लगाने के बाद, डॉक्टर यह स्थापित करेंगे। फिर सभी उपकरण आपके शरीर से बाहर निकाल कर डॉक्टर चीरा बंद कर देंगे।
कोरोनरी स्टेंट, कैरोटिड स्टेंट, या वायुमार्ग स्टेंट लगाने की प्रक्रिया के बाद, आप कुछ घंटों या रात भर के लिए अस्पताल में ठीक हो जाएंगे। स्टेंट ग्राफ्ट्स के लिए, आप अधिक समय तक अस्पताल में रह सकते हैं। हालांकि यह आम नहीं है, आप स्टेंटिंग प्रक्रिया से जटिलताओं का अनुभव भी कर सकते हैं।
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स्टेंट क्या है, आपको ये जानकारी तो मिल गई होगी, लेकिन ये भी जान लें कि इससे शरीर को लाभ भी मिलता है लेकिन, एक बार स्टेंट लगने के बाद उसे फिक्स कर दिया जाता है और कुछ समय बाद स्टेंट उसी स्थान पर सही तरह से स्थापित हो जाता है। कई लोग इस बात को लेकर भी चिंतित होते हैं की स्टेंट क्या है और इसे इंसर्ट करने के बाद क्या यह अपने जगह से हिल भी सकता है। वैसे तो हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार ऐसी कोई भी परेशानी नहीं होती है लेकिन, अगर पेशेंट को परेशानी महसूस होती है तो इसे नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से संपर्क करें। आजकल लगाए जाने वाले स्टेंट लगभग एक ही साल में गल जाते हैं और किसी भी तहर की परेशानी भी नहीं होती है। फिर भी अगर आप आसमंजस में हैं तो आप इस बारे में डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।
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स्टेंट की सहायता से धमनियों यानी एर्टरी को क्लीन करने में हेल्प मिलती है। स्टेंट की कीमत भारत में और विदेशों में अलग-अलग हो सकती है। अगर ये कहा जाए कि स्टेंट की कीमत हजार रूपय से लाख रुपय तक हो सकती है तो ये गलत नहीं होगा। स्टेंट की कीमत अस्पताल पर भी निर्भर करती है। अगर आप सरकारी अस्पतास में स्टेंट लगवा रहे हैं तो उसकी कीमत कम होगी, वहीं प्राइवेट अस्पताल में इसकी कीमत अधिक हो सकती है। आपको स्टेंट के लिए 60 से 70 हजार रूपया हो सकती है। भारत में लगातार दिल के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, इसलिए स्टेंट की डिमांड भी बढ़ती जा रही है। मेटल के बने स्टेंट का यूज कहीं न कहीं परेशानी खड़ी कर सकता है, इसलिए डॉक्टर बायोडिग्रेडेबल स्टेंट की सलाह भी देते हैं। आपको बताते चले की मेटल स्टेंट की कीमत बायोडिग्रेडेबल स्टेंट के मुकाबले कम होती है।
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स्टेंट को लगाए जाने के बाद लोगों के मन में ये शंका जरूर आ सकती है कि कहीं स्टेंट लगाने के कुछ समय बाद ही बंद न हो जाए। ये बात सच है कि तकनीकी के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। ठीक यही बात स्टेंट पर भी लागू होती है। स्टडी में ये बात सामने आई है कि स्टेंट लगावाने के बाद बहुत कम प्रतिशत मरीजों को इस प्रकार की समस्या होती है। यानी ये कहना गलत है कि स्टेंट लगवाने के कुछ ही समय बाद उसके बंद हो जाने का खतरा रहता है। स्टेंट लगवाने के बाद डॉक्टर पेशेंट को बहुत सी सावधानी बरतने के लिए कहते हैं।
जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि खराब लाइफस्टाइल के कारण हार्ट संबंधि समस्या होती है, इसलिए इलाज के बाद आपको हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए। डॉक्टर आपको रेगुलर मेडिसिन के साथ ही खाने में कुछ परहेज और एक्सरसाइज की सलाह दे सकते हैं। अगर आप डॉक्टर की बताई गई बातों पर अमल करेंगे तो पाएंगे कि आपकी समस्याएं अब कम होने लगी हैं। ब्लॉकेज कैसा है, इसके अनुसार ही डॉक्टर ट्रीटमेंट देते हैं। जिन पेशेंट की धमनी में कैल्शियम अधिक मात्रा में जम जाता है, उन्हें हटाने के लिए डॉक्टर तकनीकी की सहायता से उसे हटाते हैं।
अगर आप स्टेंट क्या है या इसके फायदे से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। आपको इस आर्टिकल के माध्यम से स्टेंट के बारे में जानकारी मिल गई होगी। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
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