मेंटल हेल्थ (Mental Health)
ऐसा माना जाता है कि टीनएजर्स में डिसेबिलिटी और बीमारियों का तीसरा बड़ा कारण है तनाव। ऐसे कई फैक्टर हैं जो इस समस्या का कारण बनते हैं। हिंसा, भटकाव और अवसाद महसूस करना किशोरों में मेन्टल हेल्थ इश्यूज के पीछे के कुछ कारण हैं। 10-19 की उम्र उनके जीवन का महत्वपूर्ण समय है और किशोरों को इस आयु में उचित मानसिक समर्थन मिलना चाहिए।
मोटापा और कुपोषण (Obesity and Malnutrition)
ये दोनों बिल्कुल विपरीत बीमारियां हैं लेकिन यह दोनों किशोरों में पाई जाती हैं। कुपोषण (Malnutrition) की समस्या ज्यादातर विकासशील देशों में पाई जाती है, जहां किशोर कमज़ोर होते हैं और बीमारियों के अधिक शिकार होते हैं। इसके विपरीत, कई किशोर मोटापे (Obesity) का सामना भी करते हैं। इसका कारण अनहेल्दी आहार, खराब लाइफस्टाइल, शारीरिक रूप से एक्टिव न रहना, तनाव आदि हो सकते हैं।
हिंसा (Violence)
हिंसा भी किशोरों में एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि इसके कारण कई किशोरों की जान तक चली जाती है। हालांकि, अधिकतर लड़के ही हिंसा का शिकार होते हैं। इसका कारण हार्मोन में बदलाव (Hormone Changes) है, जिससे टीनएजर्स बहुत जल्दी गुस्से में आ जाते हैं। बढ़ी हुई आक्रामकता हिंसा, परेशान जीवन, शिक्षा या कैरियर में समस्या और कभी-कभी मृत्यु की ओर ले जाती है।
ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस एक गंभीर बीमारी है और किशोर भी इसका बहुत अधिक शिकार हो रहे हैं। इसका कारण अनसेफ सेक्स, ड्रग का सेवन, पहले से प्रयोग की सुईयों का प्रयोग आदि है।
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माता पिता किशोरों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए क्या करें?
जैसा की ऊपर बताई गई बीमारियों से यह बात साफ है कि ये सभी समस्याएं गंभीर हैं, फिर भी इन्हें उचित प्रबंधन के साथ नियंत्रित किया जा सकता है। किशोरों की इन समस्याओं को नियंत्रित करने के कुछ उपाय इस प्रकार हैं।
- मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से पीड़ित किशोर मनोचिकित्सकों की मदद ले सकते हैं। यहां उन्हें उचित मनोवैज्ञानिक सहायता (Psychological Help) मिल सकती है। माता-पिता के साथ बंधन को मजबूत करने के लिए लाइफ बिल्डिंग स्किल प्रोग्राम भी किशोरों के मामलों से निपटने के सहायक हो सकता है।
- पौष्टिक आहार और दैनिक व्यायाम करने से किशोरों को कुपोषण और मोटापे से निपटने में मदद मिल सकती है।
- हिंसा जैसी समस्या से बचने के लिए हार्मोन परिवर्तन जैसे मुद्दों पर डॉक्टर से सही जानकारी और मार्गदर्शन प्राप्त करें।
- किशोरों का स्वास्थ्य परीक्षण आवश्यक है क्योंकि इससे किशोरों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का मूल्यांकन हो सकता है है और उन्हें स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन मिल सकता है।
- जब बच्चे किशोरावस्था (Adolescents) में प्रवेश करते हैं, तो हर माता-पिता की चिंता बढ़ जाती है। ऐसे में न केवल अपने बच्चे के साथ रहेंगे बल्कि उनकी स्वास्थ्य जांच कराएं और डॉक्टर की सलाह लें। डॉक्टर व विशेषज्ञ आपके बच्चे को सही मार्गदर्शन देने में आपकी मदद कर सकते हैं।
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किशोर को माता-पिता कैसे कर सकते हैं गाइड
किशोरावस्था (Adolescents) में आए बदलावों का किशोर और उसके माता-पिता दोनों के जीवन पर प्रभाव पड़ता है। लेकिन माता-पिता के लिए उनका बच्चा महत्वपूर्ण होता है और वो उसके इस मुश्किल चरण में भी साथ दे कर उनकी और अपनी परेशानियों को कम कर सकते हैं। जानिए इस बारे में अधिक कि इस स्थिति में माता-पिता को अपने किशोरों की कैसे गाइड करना चाहिए।
सही जानकारी दें (Give Correct Information)
अपने बच्चे को किशोरावस्था (Adolescents) में होने वाले परिवर्तनों के बारे में पहले से ही बताना शुरू कर दें। उन्हें इसके बारे में पूरी तरह से समझाएं और सही जानकारी दें। उन्हें इस बात के लिए आश्वस्त करें कि इस दौरान उनमें आने वाले शारीरिक परिवर्तन (Physical changes) बिलकुल सामान्य है। इसके साथ उन्हें सेक्स और सेक्सुअलिटी के बारे में भी बताएं। अगर आप उनके सवालों के उत्तर नहीं दे पा रहे हैं तो उन्हें डॉक्टर से बात करने दें, ताकि वो अपने मन में आए हर सवाल का सही जवाब जान सके।