पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (Peripheral artery disease) तब होती है जब कोलेस्ट्रॉल और फैट से बना स्टिकी प्लाक आर्टरी वॉल्स में जमा हो जाता है। पेरिफेरल का मतलब है कि यह आपके दिल या मस्तिष्क के बाहर रक्त वाहिकाओं में बनता है – आपकी बाहों और पैरों के करीब। बता दें कि डायबिटीज और पेरिफेरल आर्टियल डिजीज (Diabetes and peripheral artery disease) का एक लिंक है। क्योंकि डायबिटीज की बीमारी होने पर पेरिफेरल आर्टियल डिजीज का रिस्क बढ़ जाता है। वही पेरिफेरल आर्टियल डिजीज भी डायबिटीज के रिस्क को बढ़ा देती हैं। इसके साथ ही लोगों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें ब्लड में बहुत अधिक ब्लड शुगर हो जाता है। समय के साथ यह हार्ट और ब्लड वेसल्स को डैमेज कर सकता है। जिसमें कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease), न्यूरोपैथी, किडनी और दूसरे अंग शामिल हैं।
पीएडी आपके पैरों, गर्दन, हाथों और पेट में भी हो सकता है। जब ये धमनियां संकरी हो जाती हैं, तो यह आपके शरीर के इन हिस्सों में रक्त के प्रवाह को धीमा या रोक सकती हैं। आपको कोई लक्षण महसूस नहीं हो सकता है, या आपको प्रभावित क्षेत्रों में दर्द हो सकता है। पेरिफेरल आर्टियल डिजीज दिल का दौरा या स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ाती हैं।
डायबिटीज और पेरिफेरल आर्टियल डिजीज (Diabetes and peripheral artery disease)
यहां तक कि प्रत्येक बीमारी के कुछ लक्षण दूसरे के लिए आपके जोखिम को बढ़ाते हैं। इनमें से कुछ लक्षणों में शामिल हैं:
- सूजन (Inflammation) सूजन होने पर आपके शरीर में कुछ प्रोटीन का स्तर बढ़ जाता है। ये प्रोटीन तब अधिक होते हैं जब आपको पीएडी होता है और जब आपको मधुमेह होता है।
- कोशिकाओं में परिवर्तन (Cell changes)। मधुमेह आपकी रक्त वाहिकाओं में कोशिकाओं के आसपास की परत को प्रभावित करता है। इसका मतलब है कि आपकी रक्त वाहिकाएं उतनी लचीली नहीं हैं जितनी उन्हें रक्त प्रवाह को सुचारू रूप से चलाने में मदद करने की आवश्यकता है। इससे पेरिफेरियल आर्टियल डिजीज का खतरा बढ़ जाता है।
- खून का जमना (Blood Clotting)। जब आपको मधुमेह होता है, तो आपके रक्त प्लेटलेट्स (डिस्क के आकार की कोशिकाएं जो थक्के बनाने में मदद करती हैं) अधिक बार आपस में टकराती हैं। यह उस प्रक्रिया को गति देता है जो PAD का कारण बन सकती है।
- इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin resistance)। डायबिटीज का मतलब है कि आपका शरीर इंसुलिन के लिए सही तरीके से प्रतिक्रिया नहीं करता है। यह आपके रक्त वाहिकाओं को लाइन करने वाली कोशिकाओं के अंदर और बाहर आने वाले रसायनों और अन्य पदार्थों के संतुलन को बिगाड़ देता है। ये कोशिकाएं उतनी अच्छी तरह से काम नहीं कर सकती हैं जितनी उन्हें करनी चाहिए, जिससे आपके पीएडी की संभावना बढ़ जाती है।
20% -30% लोगों को जिनको पीएडी डायग्नोस हुआ है उनको डायबिटीज भी है। वास्तविक संख्या और भी अधिक हो सकती है क्योंकि कुछ लोगों में लक्षण नहीं होते हैं। मधुमेह न केवल आपके पीएडी होने के जोखिम को बढ़ाता है, बल्कि यह लक्षणों को भी खराब कर सकता है और उन्हें और अधिक तेजी ला सकता है।
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रिस्क फैक्टर्स (Risk factors)
इस प्रकार आप समझ सकते हैं कि डायबिटीज और पेरिफेरल आर्टियल डिजीज (Diabetes and peripheral artery disease) का कनेक्शन है। डायबिटीज पेरिफेरल आर्टियल डिजीज के रिस्क को बढ़ा देती है। इसके अलावा भी कुछ रिस्क फैक्टर्स हैं उनके बारे में भी जान लेते हैं।
- उम्र (Age)
- नर्व डैमेज (Nerve)
- हार्ट डिजीज (Heart disease) या पीएडी की फैमिली हिस्ट्री
- अधिक वजन / मोटापा
- फिजिकल इनएक्टिव
- धूम्रपान
- उच्च रक्त चाप (High blood pressure)
- उच्च एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol)
- कोरोनरी धमनी रोग (दिल का दौरा, एंजाइना, एंजियोप्लास्टी या बायपास सर्जरी) या स्ट्रोक की मेडिकल हिस्ट्री
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पेरिफेरल आर्टियल डिजीज के लक्षण क्या हैं? (Peripheral artery disease symptoms)
- दोनों हिप्स, थाईज या काफ मसल्स में किसी एक में कुछ निश्चित एक्टिविटीज के बाद क्रैम्प आना। जैसे कि वॉकिंग और सीढ़िया चढ़ना।
- पैरों का सुन्न होना या पैरों में कमजोरी लगना।
- पैरों में ठंड़क का एहसास होना। खासतौर पर जब दूसरे साइड से तुलना की जाए।
- अंगूठे या पैरों में घाव होना जो भर नहीं रहे हों।
- पैरों के रंग में बदलाव।
- हीलिंग प्रॉसेस बढ़ना।
- पंजों और पैरों के बालों का झड़ना या ग्रोथ कम होना।
- पैर के अंगूठे के नाखून ना बढ़ना।
पीएडी (PAD) का निदान कैसे किया जाता है?
डॉक्टर एंकल ब्रैंकियल इंडेक्स (Ankle-brachial index) टेस्ट का उपयोग इस स्थिति को डायग्नोस करने के लिए करता है। जिसमें हाथ और एड़ियों के ब्लड प्रेशर को कंपेयर किया जाता है। अगर एड़ियों में ब्लड का प्रेशर हाथों के ब्लड प्रेशर से कम है तो आपको पीएडी हो सकती है। अगर डॉक्टर इस टेस्ट से स्थिति को पूर्ण रूप से डायग्नोस नहीं कर पाते, तो वे कुछ दूसरे टेस्ट भी रिकमंड कर सकते हैं। जिसमें मैग्नेटिक रेजोनेंस एंजियोग्राफी, डोप्लर अल्ट्रासाउंड आदि शामिल हैं। टेस्ट के आधार परही मरीज को ट्रीटमेंट रिकमंड किया जाता है।
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डायबिटीज और पेरिफेरल आर्टियल डिजीज (Diabetes and peripheral artery disease) के रिस्क को कम कैसे किया जा सकता है?
डायबिटीज और पेरिफेरल आर्टियल डिजीज (Diabetes and peripheral artery disease) के रिस्क को कम करने के लिए कुछ कदम उठाए जा सकते हैं। जो निम्न प्रकार हैं।
- डायबिटीज और पेरिफेरल आर्टियल डिजीज के रिस्क को कम करने के लिए अपने ब्लड शुगर (Blood sugar) को नियंत्रण में रखें। आपका लक्ष्य 7% से कम HbA1c होना चाहिए।
- डायबिटीज और पेरिफेरल आर्टियल डिजीज के रिस्क को कम करने के लिए धूम्रपान (Smoking) छोड़ना जरूरी है। एक ऐसी तकनीक खोजें जो आदत को दूर करने के लिए आपके लिए काम करे।
- डायबिटीज और पेरिफेरल आर्टियल डिजीज के रिस्क को कम करने के लिए अपने रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को कम करें। अपने चिकित्सक से पूछें कि क्या आपको अपने रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए दवा की आवश्यकता है। आहार और व्यायाम भी मदद कर सकते हैं।
- एस्पिरिन के बारे में पूछें। आपका डॉक्टर आपको एस्पिरिन लेने के लिए कह सकता है ताकि आपके रक्त का प्रवाह अच्छी तरह से हो सके।
- डायबिटीज और पेरिफेरल आर्टियल डिजीज के रिस्क को कम करने के लिए नियमित व्यायाम करें। शारीरिक गतिविधि आपके संपूर्ण हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है। एक कसरत खोजें जो आपके लिए काम करे और सप्ताह में कम से कम 3 दिन आगे बढ़ें। यदि आपने पहले व्यायाम नहीं किया है, तो पहले अपने डॉक्टर से बात करें।
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उम्मीद करते हैं कि आपको डायबिटीज और पेरिफेरल आर्टियल डिजीज (Diabetes and peripheral artery disease) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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