- धीमी हृदय गति
- उच्च रक्त चाप की समस्या
- अनियमित या बहुत धीमी गति से सांस लेना
यदि आपको हाल ही में किसी प्रकार की सिर में चोट लगी है और इन लक्षणों को नोटिस करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। रक्तचाप रक्त वाहिकाओं के अंदर रक्त के बल का माप है। हाय ब्लड प्रेशर संचार प्रणाली को प्रभावित कर सकता है, जिससे दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों के अनुसार, अधिकांश डॉक्टर उच्च रक्तचाप को 130/80mmHg से अधिक मानते हैं। गंभीर रूप से उच्च रक्तचाप 170/100mmHg से अधिक माना जाता है। हाय ब्लड प्रेशर और लो पल्स के संभावित कारणों पर एक नजर डालते हैं।
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बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers)
रक्तचाप रक्त वाहिकाओं के अंदर रक्त के बल का माप है। उच्च रक्तचाप संचार प्रणाली पर अधिक दवाब डाल कर सकता है, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों के अनुसार, अधिकांश डॉक्टर उच्च रक्तचाप को 130/80 से अधिक मानते हैं। गंभीर रूप से उच्च रक्तचाप 170/100 से अधिक माना जाता है। अब उच्च रक्तचाप के संभावित कारणों पर एक नजर डालते हैं। बीटा-ब्लॉकर्स दवाओं का एक वर्ग है, जो डॉक्टर कभी-कभी उच्च रक्तचाप का इलाज करने और दिल की विफलता के प्रभाव को कम करने के लिए देते हैं। बीटा-ब्लॉकर्स के उदाहरणों में शामिल हैं:
ये दवाएं दिल में बीटा रिसेप्टर्स को ब्लॉक करने का काम करती हैं। इन रिसेप्टर्स को उत्तेजित करने से हृदय गति बढ़ जाती है, जबकि उन्हें ब्लॉक करने से हृदय गति कम हो जाती है। कम हृदय गति उस व्यक्ति के लिए फायदेमंद होती है, जिसे हृदय की समस्या है। जब दिल धीमी गति से धड़कता है, तो उसे भी कम ऑक्सिजन की आवश्यकता होती है। यह हृदय पर कम दबाव डालता है। जब हृदय अनियमित रूप से धड़कता है, तो डॉक्टर कभी-कभी उच्च रक्तचाप, कंजेस्टिव दिल की विफलता या कार्डियक प्रॉब्लम वाले लोगों को बीटा-ब्लॉकर्स की सलाह दे सकते हैं। इस कारण से, एक व्यक्ति जिसे पहले से ही उच्च रक्तचाप की समस्या है, उसकी हृदय गति बीटा-ब्लॉकर्स के साथ कम हो सकती है।
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उपचार (Treatment)
डॉक्टर रक्तचाप को कम करने के लिए अन्य दवाएं भी लिख सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
रक्तचाप का इलाज करते समय ये दवाएं आमतौर पर हृदय गति को प्रभावित नहीं करती हैं।
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कुशिंग रिफ्लेक्स (Cushing’s reflex)
कुशिंग रिफ्लेक्स एक दुर्लभ घटना है जो हाय ब्लड प्रेशर और लो पल्स का कारण बन सकती है। रिफ्लेक्स बढ़े हुए इंट्राकैनायल दबाव के लिए शरीर की प्रतिक्रिया का परिणाम है। इंट्राक्रैनील दबाव सिर के अंदर होने वाला दबाव है और मस्तिष्क में रक्तचाप का माप करता है। मस्तिष्क किसी व्यक्ति की खोपड़ी के अंदर का हिस्सा होता है। इसलिए, यदि इसमें सूजन आ जाती है, तो इसके कारण गंभीर समस्याएं हो सकती है। नतीजतन, सूजन के कारण इंट्राकैनायल पर दबाव बढ़ने लगता है। कुशिंग रिफ्लेक्स खोपड़ी में बहुत अधिक होने से दबाव बनाने और रखने के लिए शरीर के तरीकों में से एक है। यह हृदय में रिसेप्टर्स को हृदय गति को धीमा करने के लिए इंट्राकैनायल दबाव को कम करने का संकेत देता है। गंभीर चिकित्सा स्थितियां आमतौर पर कुशिंग रिफ्लेक्स को सक्रिय करती हैं। इनके कारणों में शामिल हैं:
उपचार (Treatment)
कुशिंग रिफ्लेक्स एक आपात स्थिति है। जब डॉक्टर इस स्थिति को पहचान लेते हैं, तो उनका लक्ष्य मस्तिष्क में इंट्राक्रैनील दबाव को कम करने का प्रयास करना और इलाज करना होता है। यदि दबाव बहुत अधिक हो जाता है, तो यह मस्तिष्क को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। अत्यधिक उच्च इंट्राक्रैनील दबाव से एक व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है।
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हाय ब्लड प्रेशर और लो पल्स के बीच के संबंध के बारे में आपने जाना यहां। इसका समय रहते इलाज बहुत जरूरी है, नहीं तो जान का संकट हो सकता है। दिए गए लक्षणों के नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से बात करें। हाय ब्लड प्रेशर और लो पल्स के बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से मिलें।