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मुंह के जरिए हायपरटेंशन के सिम्टम्स पहचानना है आसान, बस रखना होगा थोड़ा ध्यान!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 20/11/2021

    मुंह के जरिए हायपरटेंशन के सिम्टम्स पहचानना है आसान, बस रखना होगा थोड़ा ध्यान!

    हायपरटेंशन की समस्या किसी भी व्यक्ति के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। हायपरटेंशन जिसे हाय ब्लड प्रेशर और उच्च रक्तचाप की समस्या भी कहा जाता है, यह शरीर में हो रहे रक्त के प्रेशर में बदलाव की वजह से होती है। हायपरटेंशन की समस्या का यदि समय पर इलाज न कराया जाए, तो यह व्यक्ति के लिए जान का जोखिम भी खड़ा कर सकती है। हायपरटेंशन (Hypertension) का सीधा प्रभाव व्यक्ति की हार्ट हेल्थ पर पड़ता है, जिससे उसे हार्ट से संबंधित समस्याएं हो सकती है। इसलिए हायपरटेंशन की स्थिति को समझना बेहद जरूरी माना जाता है। जैसा कि आप सभी जानते हैं हायपरटेंशन की समस्या को पहचानने के लिए इसके लक्षणों पर ध्यान देने की जरूरत पड़ती है। हायपरटेंशन की वजह से शरीर के अलग-अलग भागों में अलग-अलग तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। इन्हीं में से शरीर का एक मुख्य अंग है आपका मुंह। आपको जानकर हैरानी होगी कि हायपरटेंशन के कारण आपकी ओरल हेल्थ पर सीधा प्रभाव पड़ता है, इसलिए आप मुंह के जरिए हायपरटेंशन के सिम्टम्स (Hypertension signs in mouth) पहचान सकते हैं। आइए जानते हैं किस तरह मुंह के जरिए हायपरटेंशन के सिम्टम्स (Hypertension signs)  को पहचाना जा सकता है। लेकिन इससे पहले जानते हैं कि हायपरटेंशन की समस्या आखिर कैसे होती है।

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    कैसे होती है हायपरटेंशन (Hypertension) की समस्या?

    हायपरटेंशन, जिसे हाय ब्लड प्रेशर भी कहा जाता है, यह स्थिति तब पैदा होती है जब आपकी आर्टरी वॉल्व पर जरूरत से ज्यादा दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में आपका ब्लड में प्रेशर बढ़ जाता है और आपको इससे जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। समय पर हायपरटेंशन का इलाज न कराने पर आपको हार्ट से संबंधित समस्याएं, जैसे हार्ट अटैक और स्ट्रोक की तकलीफ भी हो सकती है। हायपरटेंशन (Hypertension) को समझने के लिए आपको ब्लड प्रेशर रीडिंग की जरूरत पड़ती है। ब्लड प्रेशर रीडिंग की मदद से आप हाय ब्लड प्रेशर की समस्या को पहचान सकते हैं। हायपरटेंशन एक बेहद सामान्य समस्या मानी जाती है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। आमतौर पर यह बड़ी उम्र के व्यक्ति की स्थिति को बिगाड़ सकती है। लेकिन इसके लक्षणों को पहचान कर व्यक्ति हायपरटेंशन की स्थिति को समझ सकता है। खासतौर पर मुंह के जरिए हायपरटेंशन के सिम्टम्स (Hypertension signs in mouth) पहचाने जा सकते हैं, लेकिन इन सिम्टम्स के बारे में जानने से पहले आइए जानते हैं हायपरटेंशन के रिस्क फैक्टर क्या हो सकते हैं।

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    ये हो सकते हैं हायपरटेंशन के रिस्क (Hypertension risks)

    मुंह के जरिए हायपरटेंशन के सिम्टम्स (Hypertension signs in mouth) पहचानने से पहले आपको हायपरटेंशन के रिस्क फैक्टर के बारे में जरूर पता होना चाहिए। आपको जान कर जानकार हैरानी होगी कि आपका जेंडर आपके ब्लड प्रेशर को अफेक्ट कर सकता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार पुरुषों में महिलाओं की तुलना में हाय ब्लड प्रेशर के केस ज्यादा देखे जाते हैं, लेकिन यह स्थिति 64 साल से कम उम्र के लोगों में देखी गई है। वहीं यदि 65 साल से ज़्यादा की उम्र के लोगों की बात करें, तो महिलाओं में हायपरटेंशन की स्थिति ज्यादा देखी जा रही है। हायपरटेंशन (Hypertension) की समस्या के रिस्क फैक्टर कुछ इस तरह हो सकते हैं –

    • फैमिली में हाय ब्लड प्रेशर की समस्या
    • मोटापे की समस्या
    • डायबिटीज की समस्या
    • हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या
    • किडनी डिजीज

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    इसके अलावा लाइफस्टाइल भी एक ऐसा फैक्टर है, जो हायपरटेंशन की स्थिति को प्रभावित करता है। इसके अलावा जिन लोगों को स्लीप एप्निया की समस्या होती है, उन लोगों में भी हायपरटेंशन (Hypertension) की समस्या आमतौर पर देखी जाती है। स्लीप एप्निया के दौरान जब आप लंबे समय तक सांस नहीं लेते, तो यह आपके हृदय के काम को अफेक्ट करता है। यदि आप ठीक ढंग से नींद में सांस नहीं ले पा रहे, तो आपके ब्लड में ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाता है और इससे आपका ब्लड प्रेशर बढ़ता है। यदि लंबे समय तक कोई व्यक्ति स्लीप एप्निया से जूझ रहा है तो उससे आगे चलकर हायपरटेंशन की समस्या हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लेकर हाय बीपी का इलाज शुरू करवाना चाहिए। जैसा कि आपने जाना हायपरटेंशन की समस्या के कई तरह के रिस्क फैक्टर हो सकते हैं, लेकिन इसके लक्षणों को किस तरह पहचाना जाए, यह जानकारी भी आपको होनी चाहिए। खासतौर पर मुंह के जरिए हायपरटेंशन के सिम्टम्स (Hypertension signs in mouth) किस तरह पहचाने जा सकते हैं, यह जानना भी आपके लिए जरूरी है। आइए जानते हैं इससे जुड़ी यह जरूरी बातें।

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    मुंह के जरिए हायपरटेंशन के सिम्टम्स कैसे पहचाने जा सकते हैं? (Hypertension signs in mouth)

    मुंह के जरिए हायपरटेंशन के सिम्टम्स (Hypertension signs in mouth)

    नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफॉरशन में छपी एक क्लिनिकल स्टडी के मुताबिक हायपरटेंशन (Hypertension) का सीधा प्रभाव आपके ओरल हेल्थ पर पड़ता है। हायपरटेंशन और ओरल हेल्थ हेल्थ एक दूसरे से सीधी तौर पर जुड़े हुए हैं, इसलिए मुंह के जरिए हायपरटेंशन के सिम्टम्स (Hypertension signs in mouth) को पहचान जा सकता है। 465 हायपरटेंसिव पेशेंट पर हुई एक स्टडी के मुताबिक हायपरटेंसिव पेशेंट में ओरल मेनिफेस्टेशन की फ्रीक्वेंसी सबसे ज्यादा देखी गई है। जिसमें ज्यादातर जिंजिवाइटिस और पीरियोडोंटल पैथोलॉजी से जुड़ी समस्याएं हायपरटेंसिव पेशेंट में देखी गईं। स्टडी के मुताबिक हायपरटेंशन से जूझ रहे पेशेंट में कुछ ओरल समस्याएं सामान्य तौर पर दिखाई दीं, जिसमें जिंजिवाइटिस, पीरियोडोंटाइटिस, लाइकेनॉइड रिएक्शन, हाइपो सलाइवेशन और फेशियल नर्व पैरालिसिस (Gingivitis, periodontitis, lichenoid reaction, hypo salivation and facial nerve paralysis) जैसी समस्याएं देखी गईं। इसमें ज्यादातर लोगों में हाइपो सलाईवेशन की समस्या मुख्य तौर पर पाई गई।

    स्टडी के मुताबिक यह ओरल समस्याएं 41 से 50 साल के लोगों में मुख्य रूप से देखी गईं। स्टडी से पता चला कि बड़ी उम्र के लोगों में हायपरटेंशन की वजह से ओरल हेल्थ की समस्या होने के चांसेस 90% तक दिखाई दिए। जिससे यह पता चला कि हायपरटेंशन (Hypertension) या हाय ब्लड प्रेशर के अलावा आर्टिरियल हायपरटेंशन की समस्या में जब ह्रदय को जरूरत से ज्यादा काम करने की जरूरत पड़ी, तो इसका प्रभाव आपकी ओरल हेल्थ पर पड़ा। जिसकी वजह से आपको कई तरह की मुंह से संबंधित समस्याएं हो सकती है इस स्टडी से ये पता चला कि यदि आपको जिंजिवाइटिस या हाइपो सलाईवेशन जैसी ओरल समस्याएं हो रही हैं, तो आप हायपरटेंशन के शिकार हो सकते हैं। इस तरह मुंह के जरिए हायपरटेंशन के सिम्टम्स (Hypertension signs in mouth) को पहचाना जा सकता है।

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    इसके अलावा इस स्टडी में पता चला कि यदि कोई व्यक्ति हायपरटेंशन (Hypertension) से प्रभावित है और वह इससे जुड़ी मेडिसिन ले रहा है, तो उसकी वजह से भी उसे ओरल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इस स्टडी में यह बात सामने आई कि हायपरटेंशन से जुड़ी हुई दवाइयों की वजह से व्यक्ति के मसूड़ों में सूजन और अन्य तरह की समस्याएं देखी गईं। वहीं हायपरटेंशन से जुड़ी दवाइयों की वजह से दांत से जुड़ी समस्याएं भी व्यक्ति में दिखाई दीं। स्टडी की माने तो हायपरटेंशन के कारण आपकी ओरल हेल्थ पर प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन यदि हायपरटेंशन से जुड़ी दवाएं आप ले रहे हैं, तो भी आपको ओरल हेल्थ की समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए डॉक्टर से सलाह लेकर आपको हायपरटेंशन की स्थिति में आपकी ओरल हेल्थ पर खास ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है। मुंह के जरिए हायपरटेंशन के सिम्टम्स (Hypertension signs in mouth) को पहचाना जा सकता है, लेकिन इसके लिए आपको अपनी ओरल हेल्थ पर ध्यान देने की जरूरत पड़ती है। यदि आपको ओरल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हैं, तो आप हायपरटेंशन के शिकार हो सकते हैं। इसलिए समय-समय पर आपको ओरल हेल्थ पर चेकअप की जरूरत पड़ती है। खासतौर पर तब, जब आप पहले से ही हायपरटेंशन के शिकार हैं। जैसा कि आपने जाना मुंह के जरिए हायपरटेंशन के सिम्टम्स (Hypertension signs)  को पहचाना जा सकता है, लेकिन हायपरटेंशन की स्थिति को मैनेज करना भी आपके लिए जरूरी है। आइए आप जानते हैं हायपरटेंशन की समस्या को मैनेज किस तरह किया जा सकता है।

    कैसे मैनेज की जा सकती है हायपरटेंशन की समस्या? (Management of high blood pressure)

    हायपरटेंशन (High blood pressure) की समस्या, आमतौर पर आपकी लाइफस्टाइल में हो रही परेशानियों की वजह से हो सकती है। इसलिए लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर आप हाय ब्लड प्रेशर की स्थिति में आराम पा सकते हैं। हेल्दी आहार का चुनाव करके, रोजाना व्यायाम करके और पूरी नींद लेकर आप हायपरटेंशन की स्थिति को बेहतर बना सकते हैं। साथ ही स्मोकिंग और ड्रिंकिंग जैसी आदतों से दूर रहकर आप हायपरटेंशन (Hypertension) की स्थिति को बिगड़ने से बचा सकते हैं। हालांकि कुछ लोगों में हायपरटेंशन के लिए मेडिकेशन की भी जरूरत पड़ती है, जिसे आपको रोजाना लेना चाहिए। साथ ही इन दवाओं का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के बग़ैर बंद नहीं करना चाहिए। इससे आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जैसा कि आपने जाना हायपरटेंशन की समस्या को मैनेज करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव लाना बेहद जरूरी माना जाता है, इसके अलावा दवाओं का सही समय पर इस्तेमाल भी जरूरी है। इसलिए हायपरटेंशन की समस्या में आपको लाइफ स्टाइल में बदलाव लाकर और ओरल हेल्थ पर ध्यान देकर बेहतर बनाया जा सकता है।

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    मुंह के जरिए हायपरटेंशन के सिम्टम्स (Hypertension signs in mouth) पहचानना आपके लिए तब आसान होगा, जब आप अपनी ओरल हेल्थ पर ध्यान देंगे। यदि आप मुंह से संबंधित समस्याओं को देख रहे हैं, तो बिना देर किए आपको डॉक्टर की से संपर्क करना चाहिए, जिससे आपकी समस्याएं जरूरत से ज्यादा ना बढ़े। इस तरह आप मुंह के जरिए हायपरटेंशन के सिम्टम्स (Hypertension signs) को आसानी से पहचान पाएंगे और समय रहते हायपरटेंशन का इलाज करवा पाएंगे।  

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