NIDDM वाले नॉर्मोटेंसिव पेशेंट्स में एक्सरसाइज इंड्यूज हायपरटेंशन (Exercise-Induced Hypertension in Normotensive Patients With NIDDM)
ऐसा माना जाता है कि डायबिटीज और हायपरटेंशन दोनों के होने से रोगी के कार्डियक और पेरीफेरल वैस्कुलर स्ट्रक्चर व फंक्शन (Cardiac and peripheral vascular structure and function) को नुकसान होता है। हालांकि, टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) के लक्षणों को मैनेज करने के लिए व्यायाम को बेहद जरूरी माना गया है। लेकिन, व्यायाम और डायबिटीज के बारे में की जाने वाली अधिकांश स्टडीज में टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) को नियंत्रित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, लेकिन इनमें हार्ट हेल्थ पर ध्यान नहीं दिया जाता है।
NIDDM वाले नॉर्मोटेंसिव पेशेंट्स में एक्सरसाइज इंड्यूज हायपरटेंशन (Exercise-Induced Hypertension in Normotensive Patients With NIDDM) के बारे में की गई एक स्टडी का उद्देश्य यह जानना था कि क्या एक्सरसाइज से उस व्यक्ति का ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) कम हो सकता है और कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ सुधर सकती है, जिसे टाइप 2 डायबिटीज (type 2-diabetes) और हायपरटेंशन (Hypertension) जैसी दोनों समस्याएं हैं? यह स्टडी विभिन्न जेंडर और उम्र के लोगों पर की गई। इस स्टडी का उद्देश्य यह जानना भी था कि माइल्ड और मॉडरेट एक्सरसाइज के दौरान नॉन-इंसुलिन-डिपेंडेंट डायबिटीज मेलिटस (Non-insulin-dependent diabetes mellitus) के रोगियों में ब्लड प्रेशर एब्नार्मल था या नहीं? जिन लोगों पर यह स्टडी की गई, वो सभी नॉर्मोटेंसिव पेशेंट्स थे।
20 मिनट की टारगेट ड्यूरेशन के साथ 70-75 W की स्टेडी स्टेट में ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) पर व्यायाम के प्रभाव का आकलन करने के लिए साइकिल एर्गोमेट्री ( Bicycle ergometry) का उपयोग किया गया था। इसके साथ ही ब्लड प्रेशर को हर पांच मिनट में मापा जा रहा था। इस स्टडी में ऐसा पाया गया कि NIDDM वाले नॉर्मोटेंसिव पेशेंट्स में ग्रेटर एक्सरसाइज-इंड्यूज्ड सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर अधिकतम 208.0 से 177.0 mmHg रहा। उनमें एक्सरसाइज से पहले या दौरान न तो पल्स रेट और न ही डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर में कोई अंतर था।

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NIDDM वाले नॉर्मोटेंसिव पेशेंट्स में एक्सरसाइज इंड्यूज हायपरटेंशन के बारे में अधिक जानकारी (Exercise-Induced Hypertension in Normotensive Patients With NIDDM)
इस स्टडी में यह भी पाया गया कि NIDDM वाले सेडेंटरी पेशेंट्स में माइल्ड से मॉडरेट एक्सरसाइज, ग्रेटर सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (Systolic blood pressure) इंड्यूज करती है। हालांकि, डायबिटीज और हायपरटेंशन में एक थेराप्यूटिक मोबिलिटी (Therapeutic Mobility) के रूप में व्यायाम करने की सलाह दी जाती है, इसलिए ट्रीटमेंट के इस रूप की सेफ्टी का आकलन करने के लिए इंट्राएक्सरसाइज ब्लड प्रेशर पर विचार किया जाना चाहिए। उम्मीद है कि NIDDM वाले नॉर्मोटेंसिव पेशेंट्स में एक्सरसाइज इंड्यूज हायपरटेंशन (Exercise-Induced Hypertension in Normotensive Patients With NIDDM) के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। अब जानते हैं कि NIDDM यानी नॉन-इंसुलिन डिपेंडेंट डायबिटीज मेलिटस (Non-insulin-dependent diabetes mellitus) से पीड़ित लोगों को किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए यह जान लेते हैं।
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NIDDM वाले नॉर्मोटेंसिव पेशेंट्स में एक्सरसाइज इंड्यूज हायपरटेंशन और NIDDM से पीड़ित लोग इस तरह से रखें अपना ख्याल?
NIDDM यानी टाइप 2 डायबिटीज को एक गंभीर बीमारी माना जाता है। अगर आपको डायबिटीज है चाहे वो किसी भी तरह की हो, उसके कारण आप कई कॉम्प्लीकेशन्स का शिकार हो सकते हैं। ऐसे में इससे पीड़ित रोगियों को कुछ चीजों का खास ख्याल रखना चाहिए, जैसे