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टाइप 2 डायबिटीज में एनर्जी रिस्ट्रिक्टेड डायट को फॉलो करने से पहले जान लें इसके बारे में!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Niharika Jaiswal द्वारा लिखित · अपडेटेड 29/11/2021

    टाइप 2 डायबिटीज में एनर्जी रिस्ट्रिक्टेड डायट को फॉलो करने से पहले जान लें इसके बारे में!

    डायबिटीज एक ऐसी लाइफस्टाइल डिजीज है, इसमें एक्सरसाइज और डायट दोनों का ही बहुत महत्वपूर्ण रोल होता है। डायबिटीज के मरीजों में एनर्जी की सबसे ज्यादा कमी देखी जाती है, इसलिए उन्हें ऐसी डायट की सलाह दी जाती है, जो उनके शरीर में इंसुलिन के निमार्ण के साथ एनर्जी लेवल को भी सही बनाए रखे। आज हम बात करेंगें डायबिटीज टाइप 2 में एनर्जी रिस्ट्रिक्टेड डायट (Energy restricted diet in diabetes type 2) की। डायबिटीज के मरीज क्या खाते हैं और क्या नहीं, यह दोनों ही बातें बहुत महत्वपूर्ण है। डायबिटीज में गलत डायट भारी पड़ सकती है। डायबिटीज के मरीजों को फाइबर वाले फूड्स का सेवन करन चाहिए। जानिए यहां डायबिटीज टाइप 2 में एनर्जी रिस्ट्रिक्टेड डायट (Energy restricted diet in diabetes type 2) के बारे में। इससे पहले जान लेते हैं कि डायबिटीज क्या है‌ और इसके लक्षण क्या है?

    डायबिटीज (Diabetes) क्या है?

    डायबिटीज टाइप 2 में एनर्जी रिस्ट्रिक्टेड डायट को समझने के लिए पहले यह समझ लें कि डायबिटीज क्या है, इससे आपको एनर्जी रिस्ट्रिक्टेड डायट के बारे में समझने में काफी आसानी होगी। डायबिटीज (Diabetes) एक ऐसा रोग है, जिसमें शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है और इंसुलिन का निमार्ण  सही ढंग से नहीं हो पाता है। ऐसा टाइप-2 डायबिटीज में होता है। डायबिटीज के भी अलग-अलग प्रकार होते हैं, लोगों में तीन प्रकार की डायबिटीज ज्यादा देखी जाती है, डायबिटीज टाइप 1, डायबिटीज टाइप 2 और जेस्टेशनल डायबिटीज। इन तीनों में भी डायबिटीज टाइप-2 की समस्या भी सबसे अधिक देखी जाती है। डायबिटीज टाइप 1 में हमारे शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune system) पर हमला होता है और इसमें इंसुलिन का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं को हानि पहुंचती है। तो वहीं डायबिटीज (Diabetes) टाइप 2 में शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन (Insulin Production) नहीं कर पाता है। जिसके कारण रक्त में शुगर का लेवल  बढ़ता जाता है। जेस्टेशनल डायबिटीज तीसरे प्रकार की डायबिटीज है, जो कि प्रेग्नेंसी के  समय महिलाओं में कई जटिलताओं का कारण बन सकती है। जैसा कि हम यहां डायबिटीज टाइप 2 में एनर्जी रिस्ट्रिक्टेड डायट की बात कर रहे हैं, तो डायबिटीज टाइप 2 के लक्षण भी जान लेते हैं।

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    डायबिटीज टाइप 2 के लक्षण (Symptoms of diabetes type 2)

    डायबिटीज टाइप 2 के लक्षण लोगों के इस तरह के देखने को मिल सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • बहुत अधिक यूरिन लगना (Frequent urination)
  • बार-बार प्यास लगना
  • अधिक भूख लगना (To be very hungry)
  • बहुत अधिक थकान महसूस होना (Extreme fatigue)
  • चोट लगने पर जल्दी ठीक न होना (Take longer to heal an injury)
  • लगातार घटता वजन (Steadily decreasing weight)
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    डायबिटीज टाइप 2 में एनर्जी रिस्ट्रिक्टेड डायट (Energy restricted diet in diabetes type 2) क्या है?

    एनर्जी रिस्ट्रिक्टेड डायट केवल डायबिटीज में ही नहीं, बल्कि अधिक वजन और ओबेसिटी के शिकार रोगियों के लिए भी यह डायट काफी फायदेमंद है। एनर्जी रिस्ट्रिक्टेड डायट कई कार्डियोमेटाबोलिक जोखिम कारकों में सुधार के लिए भी प्रभावकारी है। एनर्जी रिस्ट्रिक्टेड डायट में आमतौर पर प्रोटीन से 10-20%, कार्बोहाइड्रेट से 45-65%, और वसा  से <35% के मैक्रोन्यूट्रिएंट प्रतिशत ऊर्जा योगदान के साथ निर्धारित किया जाता है। हालांकि, इस प्रकार के डायट में मैक्रोन्यूट्रिएंट विशेषतौर पर ध्यान दिया गया है, जो कि कार्डियोमेटाबोलिक जोखिम को प्रबल कर सकता है।  यह शरीर की ग्लूकोज लेवल को मैंटने करता है। इसमें कम वसा (<कुल ऊर्जा का 30%), मानक-प्रोटीन (एसपी) आहार [12-18% ऊर्जा], एक कम वसा, उच्च-प्रोटीन की तुलना में (एचपी) आहार [25-35% ऊर्जा ] शरीर में वसा द्रव्यमान (एफएम) हानि  को बढ़ा सकता है। यह ग्लूकोज होमियोस्टेसिस और रक्त लिपिड प्रोफाइल सहित हृदय रोग के जोखिम वाले कारकों में भी सुधार कर सकता है। टाइप 2 डायबिटीज में कोशिकाओं को पर्याप्त ग्लूकोज प्राप्त करने में समस्याएं होती हैं। तो यह रक्तप्रवाह में रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा देता है, जिससे किडनी, तंत्रिका और आंखों की क्षति और हृदय रोग जैसी जटिलताएं हो सकती हैं।

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    डायबिटीज टाइप 2 में एनर्जी रिस्ट्रिक्टेड डायट के फायदे (Benefits of an energy restricted diet in type 2 diabetes)?

    डायबिटीज टाइप 2 में एनर्जी रिस्ट्रिक्टेड डायट के लिए खाद्य पदार्थों में ब्राउन राइस, साबुत गेहूं, क्विनोआ, दलिया, फल, सब्जियां, बीन्स और दाल जैसे जटिल कार्बोहाइड्रेट शामिल हैं। बचाव के लिए इसमें खाद्य जैसे चीनी, पास्ता, सफेद ब्रेड, आटा, और कुकीज और पेस्ट्री आदि खादपदार्थों को मना किया जाता है। कम ग्लाइसेमिक लोड (इंडेक्स) वाले खाद्य पदार्थ केवल रक्त शर्करा में वृद्धि का कारण बनते हैं और डायबिटीज वाले लोगों के लिए यह बेहतर विकल्प है। सही ग्लाइसेमिक टाइप 2 मधुमेह की दीर्घकालिक जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकता है। प्रोटीन रक्त शर्करा पर बहुत कम प्रभाव के साथ स्थिर ऊर्जा प्रदान करता है। यह रक्त शर्करा को स्थिर रखता है, और खाने के बाद चीनी की लालसा और पेट भरा हुआ महसूस करने में मदद कर सकता है। खाने के लिए प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों में बीन्स (Beans), फलियां, अंडे, सी फूड (Sea food), डेयरी, मटर, टोफू (Tofu) और लीन मीट और पोल्ट्री शामिल हैं।

    इसके अलावा मधुमेह में “सुपरफूड्स” के तौर पर चीया सीड्स, व्हाइट बेलसमिक सिरका, दालचीनी और दाल लिया जा सकता हैं। स्वस्थ  टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों के लिए क्या खाना चाहिए, अगर इसकी बात करें, तो इसमें लो ग्लाइसेमिक युक्त कम कार्बोहाइड्रेट वाले फूड और प्रोटीन का सेवन करना शामिल है। टाइप 2 मधुमेह होने पर क्या नहीं खाना चाहिए: सोडा (नियमित और आहार),  कार्बोहाइड्रेट, ट्रांस वसा, उच्च वसा वाले पशु उत्पाद, उच्च वसा वाले डेयरी उत्पाद और आर्टिफिशियल शुगर आदि।

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    डायबिटीज टाइप 2 में एनर्जी रिस्ट्रिक्टेड डायट (Energy restricted diet in diabetes type 2) में इन फूड्स को करें शामिल :

    डायबिटीज टाइप 2 में एनर्जी रिस्ट्रिक्टेड डायट  में ऐसे फूड के सेवन की सलाह दी जाती है, जिनमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है और स्टार्च बहुत कम होता है, जैसे कि इसमें  ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए गेंहू के आटे की जगह बाजरे का आटा खाया जा सकता है। इसमें अच्छे मात्रा में मैग्नीशियम होता है, जोकि इंसुलिन और ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है। आप जौ, बाजरा, मक्का, चना, गेहूं और राजगीर जैसे अनाज की बनी मल्टीग्रेन आटा से बनी रोटी खा सकते हैं। डायबिटीज के मरीज राजगीर का आटा भी खा सकते हैं। इसके अलावा अन्य फाइबर फूड में रामदाने का सेवन भी अच्छा होता है, क्योंकि यह ग्लूटेन फ्री होता और फाइबर अधिक होता है।

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    डायबिटीज टाइप 2 में एनर्जी रिस्ट्रिक्टेड डायट : सब्जियां (Vegetables In Diabetes)

    डायबिटीज के मरीजों के लिए सही सब्जियों का चुनाव बहुत जरूरी है। अगर सब्जियों की बात करें तो डायबिटीज के मरीज को खाने में भिंडी जरूर खाना चाहिए। इसमें स्टार्च नहीं होता और इसमें घुलनशील फाइबर पाया जाता है, जोकि ब्लड शुगर को भी कंट्रोल में करने में सहायक है।भिंडी में मौजूद पोषक तत्व शरीर में इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाने में सहायक हैं। इसके अलावा,  डायबिटीज में गाजर भी खाना फायदेमंद है, इसमें भी भरपूर फाइबर होता है इससे बॉडी में धीरे-धीरे शुगर रिलीज होता है। अन्य सब्जियों में पालक, करेला, लौकी, तोरई, हरी मेथी और अन्य हरी पत्तेदार सब्जियां आदि शामिल है। डायबिटीज के मरीजों को ब्रोकली शामिल भी खानी चाहिए। इसमें फाइबर और विटामिन्स मौजूद होते हैं। जो डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद हैं। इसके अलावा डायबिटीज के मरीजों काे खीरे का भी सेवन करना चाहिए।

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    डायबिटीज टाइप 2 में एनर्जी रिस्ट्रिक्टेड डायट : फल खाएं (Fruits In Diabetes)

    डायबिटीज के मरीजों को फल भी रोज खाना चाहिए। उनके लिए कुछ प्रकार के फल बहुत फायदेमंद होते हैं, जिनमें शामिल हैं: सेब, संतरा और अमरूद आदि। सेब में घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह का फाइबर मौजूद होते हैं, जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है। डायबिटीज के रोगियों के लिए संतरा भी अच्छा फल माना जाता है। इसमें फाइबर, विटामिन सी, फोलेट और पोटेशियम की मात्रा होती है, जो डायबिटीज को कंट्रोल रखता है। आड़ू भी डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है, यह ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखता है। इसमें फाइबर भी मौजूद होता है। इस तहर के फल डायबिटीज कंट्रोल करन में मददगार है। इसके अलावा, अमरुद भी डायबिटीज पेशेंट को रोज खाना चाहिए, यह लो ग्लाइकैमिक इंडेक्स होता है।  जीआई होता है, जिससे शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इस तहर के फल में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण के साथ विटामिन सी, विटामिन ए, फॉलेट, पोटैशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। जोकि डायबिटीज पेशेंट के लिए फायदेमंद है।

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    डायबिटीज टाइप 2 में एनर्जी रिस्ट्रिक्टेड डायट क्या है और इसमें किस तरह के फल खाने चाहिए। इस तरह की डायट डायबिटीज में अच्छी मानी जाती है। लेकिन इसका अर्थ नहीं है कि यह सभी प्रकार की डायबिटीज में फायदेमंद हो। सभी का शरीर अलग-अलग होता है और उसकी जरूरतें भी। इसलिए डायबिटीज के मरीजों के लिए जरूरी है कि वो किसी भी प्रकार की डायट हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही लें। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

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