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डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए गोल सेटिंग (Goal Setting) है जरूरी, ऐसे सेट करें अपना गोल!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 24/11/2021

    डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए गोल सेटिंग (Goal Setting) है जरूरी, ऐसे सेट करें अपना गोल!

    डायबिटीज (Diabetes) एक ऐसी बीमारी है जिसको पूरी तरह ठीक नहीं किया जा है, लेकिन इसे कुछ अच्छी आदतों को अपनाकर और हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ मैनेज किया जा सकता है। डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए गोल सेटिंग (Goal Setting for Diabetes Management) बेहद जरूरी है। गोल सेटिंग यानी आपको ये लक्ष्य निर्धारित करना होगा कि डायबिटीज को हराना है। इसके लिए आपको कुछ बातों को स्ट्रिकली फॉलो करना होगा। जिसमें ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) को रेगुलर बेसिस पर चेक करना, अगर डॉक्टर ने दवाएं दी हैं तो उन्हें समय पर लेना और हेल्दी हैबिट्स को अपनाना, और एक स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना आदि शामिल है। इस आर्टिकल में डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए गोल सेटिंग कैसे की जाए और ऐसा करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इसके बारे में जानकारी दी जा रही है।

    डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए गोल सेटिंग (Goal Setting for Diabetes Management) में सबसे जरूरी हैं हेल्दी हैबिट्स

    अपने ब्लड शुगर लेवल को हेल्दी रेंज में रखकर आप डायबिटीज के कॉम्प्लिकेशन (Diabetes complications) के बच सकते हैं साथ डायबिटीज को भी मैनेज कर सकते हैं। स्वस्थ आदतों को अपनाकर आप इस टार्गेट रेंज को अचीव और मेंटेन रख सकते हैं। अपनी वर्तमान जीवनशैली की आदतों और अपनी स्थिति को मैनेज करने के लिए आप अपनी आदतों में जो बदलाव कर सकते हैं उन पर विचार जरूर करें। उदाहरण के लिए आपको निम्न आदतों से फायदा मिल सकता है।

    • अपनी खाने की आदतों में सुधार लाएं या उन्हें एडजस्ट करें।
    • एक्सरसाइज (Exercise) जरूर करें। अगर आप इसकी टाइमिंग या फ्रिक्वेंसी बढ़ा सकते हैं तो डॉक्टर की सलाह पर उसे बढ़ाएं।
    • अच्छी नींद लें (Sleep well)। 7-8 घंटे की नींद जरूरी होती है।
    • तनाव को कम करें (Reduce stress)। इसके लिए आप योग, ध्यान, म्यूजिक आदि का सहारा ले सकते हैं।
    • ब्लड शुगर को चेक करना ना भूलें। (Don’t forget to check blood sugar level)
    • दवाओं के समय या डोज में बदलाव ना करें।

    अपनी आदतों ये छोटे-छोटे बदलाव ब्लड शुगर लेवल और ओवरऑल में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं और डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए गोल सेटिंग (Goal Setting for Diabetes Management) को सफल बनाने में मदद कर सकते हैं।

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     रियलस्टिक और स्पेसिफिक गोल सेट करें (Set realistic and specific goals)

    अगर आप डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए गोल सेटिंग (Goal Setting for Diabetes Management) की प्रॉसेस में एक रियलस्टिक गोल सेट करते हैं, तो उसे अचीव करने की संभावनाएं ज्यादा होंगी। लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता मिलने पर आप मोटिवेट होंगे और इससे दूसरे गोल्स सेट करेंगे। इस प्रकार यह प्रक्रिया जारी रहेगी और प्रोग्रेस जारी रहेगी।

    डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए गोल सेटिंग (Goal Setting for Diabetes Management) प्रॉसेस में गोल्स का स्पेसिफिक होना भी जरूरी है ताकि आपको पता हो कि आप क्या पाना चाहते हैं और यह कब तक अचीव होगा। यह प्रोग्रेस में मदद कर सकता है। उदाहरण के लिए अधिक एक्सरसाइज करना रियलस्टिक हो सकता है, लेकिन यह स्पेसिफिक नहीं है। स्पेसिफिक गोल होगा कि मैं अगले महीने हफ्ते में 5-6 दिन शाम को आधा घंटे की वॉक पर जाऊंगा। अन्य स्पेसिफिक गोल के उदाहरण इस प्रकार हो सकते हैं:

    इस बारे में सोचें कि आपका रियलस्टिक और स्पेसिफिक गोल क्या होगा और डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए गोल सेटिंग (Goal Setting for Diabetes Management) प्रॉसेस को आगे बढ़ाएं।

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    गोल सेटिंग के बाद जरूरी है अपनी प्रोग्रेस को ट्रेक करना

    डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए गोल सेटिंग

    डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए गोल सेटिंग के बाद आप उस लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत कितनी और सही दिशा में कर रहे हैं या नहीं यह पता करने के लिए प्रोग्रेस को ट्रेक करना जरूरी है। इसके लिए आप स्मार्टफोन ऐप या किसी दूसरे टूल की मदद ले सकते हैं। उदाहरण के लिए ऐसी कई ऐप हैं जो कैलोरीज (Calories), मील्स (Meals), वर्कआउट सेशन (Workout session) और दूसरी एक्टिविटीज को ट्रैक करती हैं। आपके लिए फ्रिज पर चिपकी हुई सिंपल चेकलिस्ट लिस्ट भी यूजफुल हो सकती है।

    अगर आप डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए गोल सेटिंग (Goal Setting for Diabetes Management) के बाद उसे अचीव करने में स्ट्रगल महसूस कर रहे हैं तो उन बेरियर्स के बारे में सोचें जिन्हें आप फेस कर रहे हैं उनसे ओवरकम करने के तरीकों पर विचार करें। हो सकता है कि कुछ मामलों में आपको लक्ष्यों को फिर से सेट करने की जरूरत पड़े। जब आप एक गोल को अचीव कर लेते हैं तो आपको अपनी प्रोग्रेस के आधार पर दूसरा गोल सेट करना चाहिए।

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    डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए गोल सेटिंग में डॉक्टर की मदद जरूर लें (Seek the help of a doctor in goal setting for diabetes management)

    डॉक्टर डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए गोल सेटिंग और इसे अचीव करने में मदद कर सकते हैं। वे आपके लिए क्या सही और क्या नहीं इसके बारे में जानकारी दे सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर आपको डायबिटीज को मैनेज करने के लिए डायटीशियन की जरूरत है तो वे आपको उसके पास रेफर कर सकते हैं ताकि आप डायट प्लान कर सकें, हेल्दी ईटिंग को बढ़ावा दे सकें और वजन कम कर सकें। वे आपको फिजिकल थेरिपिस्ट के पास भी भेज सकते हैं ताकि आप एक सुरक्षित एक्सरसाइज प्लान बना सकें।

    इसके साथ ही वे आपको उपयुक्त ब्लड शुगर टार्गेट रेंज के बारे में जानकारी देंगे। समय के साथ आपके रक्त शर्करा के स्तर को ट्रैक करने के लिए, वे A1C परीक्षण का उपयोग करेंगे। यह रक्त परीक्षण पिछले 3 महीनों में आपके औसत रक्त शर्करा के स्तर को मापता है।

    अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार, कई वयस्कों (गर्भवती नहीं होने पर) के लिए एक उचित A1C लक्ष्य 7 प्रतिशत (53 mmol/mol) से कम है। लेकिन कुछ मामलों में, डॉक्टर आपको ऐसा लक्ष्य निर्धारित करने की सलाह दे सकते हैं जो थोड़ा कम या अधिक हो। एक उपयुक्त लक्ष्य निर्धारित करने के लिए, वे आपकी वर्तमान स्थिति और मेडिकल हिस्ट्री को ध्यान में रखेंगे।

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    डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए गोल सेटिंग के बाद इन बातों का रखें विशेष ध्यान Keep these things in mind after goal setting for diabetes management

    • डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए गोल सेटिंग (Goal Setting for Diabetes Management) के बाद यदि आपको अपने ब्लड शुगर लेवल को टार्गेटेड रेंज के अंदर रखना या दूसरे डायबिटीज मैनेजमेंट गोल्स को पूरा करना मुश्किल लगता है, तो कोशिश करें कि अपने आप पर बहुत अधिक कठोर न हों।
    • टाइप 2 मधुमेह एक जटिल स्थिति है जो समय के साथ बदल सकती है, तब भी जब आप अपनी अनुशंसित ट्रीटमेंट प्लान का पालन करते हैं। अन्य जीवन परिवर्तन और चुनौतियां भी आपके ट्रीटमेंट गोल्स को पूरा करने में बाधाएं खड़ी कर सकती हैं। यदि आप अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर को इसके बारे में बताएं।
    • कुछ मामलों में, वे आपकी जीवनशैली की आदतों, निर्धारित दवाओं या आपकी उपचार योजना के अन्य भागों में बदलाव की सिफारिश कर सकते हैं। समय के साथ, वे आपके ब्लड शुगर के टार्गेट में भी समायोजन कर सकते हैं।

    उम्मीद करते हैं कि आपको डायबिटीज मैनेजमेंट में गोल सेटिंग (Goal Setting for Diabetes Management) के महत्व संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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