जेस्टेशनल डायबिटीज में व्यायाम के प्रभाव के बारे में आप जान ही गए होंगे। अब जानते हैं कि पहली तिमाही में एब्नार्मल स्क्रीनिंग और जेस्टेशनल डायबिटीज के रिस्क पर व्यायाम का प्रभाव कैसा पड़ता है? कायजर पर्मानेंटे नॉर्दन कैलिफोर्निया (Kaiser Permanente Northern California) द्वारा की गयी स्टडी का उद्देश्य फर्स्ट ट्रायमेस्टर के दौरान एब्नार्मल स्क्रीनिंग और जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes) का रिस्क होने पर मरीज में एक्सरसाइज के प्रभावों की जांच करना था। यह स्टडी उन महिलाओं पर की गयी, जो वहां दाखिल थी। व्यायाम का आकलन करने के लिए प्रेग्नेंसी फिजिकल प्रश्नावली (Questionnaire) का उपयोग किया गया था।
स्क्रीनिंग और डायग्नोस्टिक टेस्ट्स के लिए ग्लूकोज टेस्टिंग रिजल्ट, इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड्स से प्राप्त किए गए। इस स्टडी में यह पाया गया कि एक्सरसाइज करने से एब्नार्मल स्क्रीनिंग और जेस्टेशनल डायबिटीज का जोखिम कम होता है। लेकिन, इन रिस्क रिडक्शंस के लिए आवश्यक अमाउंट करंट रिकमेंडेशन्स की तुलना में अधिक होने की संभावना है। स्टडीज यह बताती हैं कि नियमित व्यायाम, ग्लूकोज लेवल को कंट्रोल करने और शरीर की इंसुलिन की जरूरत को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रेग्नेंट महिला के मसल्स जब वो व्यायाम करती ,है तो अधिक ग्लूकोज की मांग करते हैं। हालांकि, जब यह मांग कम होती है। तब भी मसल्स कुछ समय के लिए इंसुलिन के लिए हायली सेंसिटिव रहते हैं। जिससे शरीर का ब्लड ग्लूकोज लेवल (Blood Glucose level) कम होता है। इसलिए, गर्भावधि मधुमेह यानी जेस्टेशनल डायबिटीज से पीड़ित गर्भवती महिलाओं को हर दिन कम से कम 30 मिनट के लिए कुछ मॉडरेट-इंटेंसिटी एक्सरसाइजेज को अपनी दिनचर्या में अवश्य शामिल करना चाहिए। यह तो थी जानकारी कि जेस्टेशनल डायबिटीज में व्यायाम का प्रभाव (Effect of exercise in gestational diabetes) क्या होता है? अब जानते हैं गर्भावधि मधुमेह में हाय ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के अन्य तरीकों के बारे में।
जेस्टेशनल डायबिटीज में व्यायाम का प्रभाव (Effect of exercise in gestational diabetes): कैसे मैनेज करें इस डायबिटीज को?
अगर सही समय पर इस समस्या का निदान हो जाए तो इसे मैनेज करना बेहद आसान हो सकता है। जीवनशैली को सही बनाए रखना इस रोग को मैनेज करने का पहला आसान तरीका है। इसके डॉक्टर रोगी को इन सब की सलाह दे सकते हैं:
हेल्दी डायट का सेवन करें (Consume a healthy diet)
ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar level) को कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर प्रेग्नेंट महिलाओं को हेल्दी मील प्लान का पालन करने के लिए कह सकते हैं। वो उन्हें डायट में अधिक फल, सब्जियों और साबुत अनाज आदि को शामिल करने के लिए कहेंगे।