इसके अलावा भी कुछ अन्य लक्षण भी गर्भवती महिला अनुभव कर सकती है। गर्भावस्था में, प्लेसेंटा ऐसे हॉर्मोन्स बनाता है, जो खून में ग्लूकोज के बिल्ड-अप का कारण बन सकता है। आमतौर पर पैंक्रियाज पर्याप्त इंसुलिन का निर्माण करते हैं। लेकिन, अगर हमारा शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है, तो हमारे शरीर में शुगर लेवल बढ़ जाता है और गर्भवती महिला जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational Diabetes) का शिकार हो सकती हैं। अब जानते हैं जेस्टेशनल डायबिटीज मेलिटस में फीटल सेक्स और मेटरनल रिस्क (Fetal Sex and Maternal Risk in Gestational Diabetes Mellitus) के बारे में। सबसे पहले जेस्टेशनल डायबिटीज मेलिटस में फीटल सेक्स (Fetal Sex )के बारे में जान लेते हैं।
और पढ़ें: जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes) के लिए एक्सरसाइज कौन सी की जानी चाहिए?
जेस्टेशनल डायबिटीज मेलिटस में फीटल सेक्स और मेटरनल रिस्क: फीटल सेक्स
जब बात जेस्टेशनल डायबिटीज मेलिटस में फीटल सेक्स और मेटरनल रिस्क (Fetal Sex and Maternal Risk in Gestational Diabetes Mellitus) में फीटल सेक्स (Fetal Sex ) के बारे में की जाएं, तो जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational Diabetes) के डेवलप के जोखिम में इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके गर्भ में बेबी गर्ल है या बेबी बॉय। लेकिन, जर्नल ऑफ क्लीनिकल एंडोक्रिनोलॉजी & मेटाबोलिज्म (Journal of Clinical Endocrinology & Metabolism) में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक गर्भावस्था के दौरान जेस्टेशनल प्रेग्नेंसी के साथ ही बाद में टाइप 2 डायबिटीज का होना इस बात से जुड़ा हुआ है कि गर्भ में बेबी गर्ल है या बॉय।
इस स्टडी में यह बात साबित हुई है कि जिन महिलाओं के गर्भ में बेबी बॉय है, उन्हें उन महिलाओं की तुलना में जिनके गर्भ में बेबी गर्ल है, जेस्टेशनल डायबिटीज होने की संभावना अधिक रहती है। यह रिसर्च कुछ गर्भवती महिलाओं पर की गयी थी। हालांकि, इस स्टडी से जेस्टेशनल डायबिटीज और फीटल सेक्स (Fetal Sex ) के बीच में लिंक के बारे में पता चला। लेकिन, इससे इसके कारण और प्रभावों के बारे में कुछ भी प्रूव नहीं हुआ। ऐसा माना जाता है कि जेस्टेशनल डायबिटीज गर्भावस्था के दौरान होने वाली मां में अंडरलायिंग मेटाबोलिक अब्नोर्मलिटीज और टेम्पररी मेटाबोलिक बदलावों के कारण होती है।
शोधकर्ताओं का ऐसा मानना है कि मेल फीटस की वजह से प्रेग्नेंसी से जुड़े मेटाबोलिक बदलाव फीमेल फीटस की तुलना में अधिक होते हैं। स्टडी में ऐसा भी पाया गया है कि जिन महिलाओं को जेस्टेशनल डायबिटीज की समस्या होती है और जिनके गर्भ में बेबी गर्ल होती है, उन्हें भविष्य में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा अधिक होता है। अब जानते हैं जेस्टेशनल डायबिटीज मेलिटस में फीटल सेक्स और मेटरनल रिस्क (Fetal Sex and Maternal Risk in Gestational Diabetes Mellitus) में मेटरनल रिस्क (Maternal risk) के बारे में।
और पढ़ें: Gestational diabetes: जेस्टेशनल डायबिटीज के साथ रहना है कितना कठिन? इन बातों को न करें इग्नोर!