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प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) : भ्रूण की सही ग्रोथ न हो पाने से हो सकती है यह समस्याएं!

Written by Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


अपडेटेड 23/12/2021

    प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) : भ्रूण की सही ग्रोथ न हो पाने से हो सकती है यह समस्याएं!

    प्रेग्नेंसी यानी वो नौ महीने जब गर्भवती स्त्री कई शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक बदलावों से गुजरती है। इस दौरान इस बात का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी है कि गर्भ में पल रहे शिशु की ग्रोथ सही से हो पाए। लेकिन, कई बार गर्भ में शिशु का विकास सही से नहीं हो पाता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। ऐसी ही एक स्थिति को प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) (Fetal Growth Restriction in Pregnancy) कहा जाता है। जानिए, प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) (Fetal Growth Restriction in Pregnancy) के बारे में विस्तार से।

    प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) क्या है? (Fetal Growth Restriction in Pregnancy)

    फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) वो कंडिशन है, जिसमें फीटस की ग्रोथ उतनी नहीं हो पाती, जितनी होनी चाहिए। यानी भ्रूण छोटा होता है। गर्भ में सही विकास न हो पाने के कारण भ्रूण के छोटे होने की इस स्थिति को इंट्रायूटरिन ग्रोथ रेस्ट्रिक्शन (Intrauterine growth restriction) (IUGR) कहा जाता है। नेशनल सेन्टर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) के अनुसार इस कंडिशन को अक्सर अनुमानित वजन से 10वें प्रतिशतक से कम के रूप में वर्णित किया जाता है। इसका मतलब है कि एक ही जेस्टेशनल एज के 10 में से 9 बच्चों का वजन बच्चे का वजन कम होता है।

    फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन से पीड़ित नवजात शिशुओं को “जेस्टेशनल एज के लिए छोटा’ कहा जा सकता है। यह समस्या गर्भावस्था के दौरान कभी भी शुरू हो सकती है। इस समस्या का शिशु के पूरे साइज पर प्रभाव पड़ता है और इससे ऑर्गन्स,टिश्यूज और सेल्स पर भी असर होता है। यह समस्या कई अन्य परेशानियों का कारण बन सकती है। हालांकि, प्रेग्नेंसी में माइल्ड फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) से कोई लॉन्ग टर्म प्रॉब्लम्स नहीं होती है। माइल्ड फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन से पीड़ित बच्चे 2 साल की उम्र तक सही ऊंचाई और वजन के हो जाते हैं। लेकिन, इसकी गंभीर स्थिति बच्चे को जन्म से पहले और बाद में गंभीर रूप से प्रभावित करती है। अब जानते हैं इस समस्या के कारणों के बारे में।

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    प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) के कारण (Causes of Fetal Growth Restriction in Pregnancy)

    कई चीजें प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) (Fetal Growth Restriction in Pregnancy) के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। इसमें प्लेसेंटा या अम्बिलिकल कॉर्ड (umbilical cord) में समस्या भी शामिल है। जैसे प्लेसेंटा अच्छी तरह से अटैच न हुई हो या अम्बिलिकल कॉर्ड (umbilical cord) के माध्यम से रक्त का प्रवाह सीमित हो। मां और बच्चे दोनों में कई फैक्टर्स FGR का कारण बन सकते हैं। मां में इस समस्या के कारण इस प्रकार हो सकते हैं:

    • हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) या अन्य हार्ट और ब्लड वेसल डिजीज (Blood vessel disease)
    • डायबिटीज (Diabetes)
    • रेड ब्लड सेल्स का कम होना (Few red blood cells) या एनीमिया (Anemia)
    • लॉन्ग-टर्म लंग या किडनी कंडिशंस (Long-term lung or kidney conditions)
    • ऑटोइम्यून कंडिशंस (Autoimmune conditions)  जैसे ल्यूपस (Lupus)
    • बहुत अधिक वजन का कम होना (Very low weight)
    • वजन का बढ़ना (Excess weight) यानि मोटापा (obese)
    • पुअर न्यूट्रिशन या वजन का वढ़ना (Poor nutrition or weight gain)
    • एल्कोहॉल या ड्रग यूज (Alcohol or drug use)
    • सिगरेट स्मोकिंग (Cigarette smoking)

    बच्चों में प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) (Fetal Growth Restriction in Pregnancy) के कारण इस प्रकार हैं:

    • गर्भ में दो या तीन बच्चे होना (Being one of a twin or triplets)
    • इंफेक्शंस (Infections)
    • बर्थ डिफेक्ट्स जैसे हार्ट डिफेक्ट्स (Birth defects)
    • जीन्स या क्रोमोसोम्स में समस्या (Problem with genes or chromosomes)

    यह तो थे इसके कारण। अब जानिए प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) (Fetal Growth Restriction in Pregnancy) के लक्षण क्या हैं।

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    प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) के लक्षण (Symptoms of Fetal Growth Restriction in Pregnancy)

    गर्भवती महिला में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) का कोई भी लक्षण नजर नहीं आता है। लेकिन, अगर शिशु को यह समस्या है, तो उसके जन्म के बाद उसमें कई लक्षण नजर आ सकते हैं, जैसे:

    • बर्थ वेट का कम होना (Low birth weight)
    • ब्लड शुगर लेवल का कम होना (Low blood sugar levels)
    • बॉडी टेम्प्रेचर का कम होना (Lower body temperature)
    • रेड ब्लड सेल्स के लेवल का बढ़ना (High level of red blood cells)
    • इंफेक्शंस से लड़ने में समस्या (Trouble fighting infections)

    प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) (Fetal Growth Restriction in Pregnancy) के कारण के आधार पर, बच्चा पूरी तरह से छोटा हो सकता है या कुपोषित दिख सकता है। ऐसे बच्चे पतले और पेल (Pale) होते हैं व उनकी स्किन लूज व ड्राय होती है। इसके साथ ही उनकी गर्भनाल भी थिक और शाइनी की जगह थिन और डल होती है। हालांकि, सभी शिशु जो जन्मके समय छोटे होती हैं, ऐसा जरूरी नहीं कि इस समस्या से पीड़ित हों।

    प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR)

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    प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) और ट्विन रिस्क्स (Twin Risks)

    ट्विन्स आमतौर पर सामान्य से छोटे होते हैं। लेकिन, फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन ट्विन्स प्रेग्नेन्सीज को 25% तक को भी प्रभावित करती है। ट्विन्स जो प्लेसेंटा शेयर करते हैं, उन्हें यह समस्याएं हो सकती हैं:

  • उनके बीच में ब्लड और न्यूट्रिएंट्स का अनइवन शेयर होता है। जिसके कारण एक ट्विन छोटा हो सकता है। इसे सेलेक्टिव इंट्रायूटरिन ग्रोथ रेस्ट्रिक्शन (Selective intrauterine growth restriction) कहा जाता है।
  • ट्विन्स ब्लड वेसल्स शेयर करते हैं। जिसके कारण एक गंभीर कंडिशन हो सकती है। जिसे ट्विन-ट्विन ट्रांसफ्यूजन सिंड्रोम (Twin-twin transfusion syndrome) कहा जाता है। जब यह समस्या होती है, तो ट्विन्स के बीच में रक्त का असमान आदान-प्रदान होता है। जिससे दोनों को रिस्क हो सकता है।
  • ट्विन्स एमनियोटिक सेक (Amniotic sac) शेयर करते हैं। इससे गर्भनाल उलझ सकती है, जिससे एक या दोनों जुड़वां बच्चों का रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है। अब जानिए इस समस्या का निदान कैसे किया जाता है?
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    प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) के निदान (Diagnosis of Fetal Growth Restriction in Pregnancy)

    प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) (Fetal Growth Restriction in Pregnancy) के निदान रेगुलर प्रीनेटल एग्जाम जरूरी है। रेगुलर प्रीनेटल एग्जाम (Regular prenatal exams) का मुख्य कारण यह सुनिश्चित करना है कि आपका बच्चा अच्छी तरह से बढ़ रहा है या नहीं। गर्भावस्था के दौरान, आपके बच्चे के आकार का अनुमान विभिन्न तरीकों से लगाया जाता है, जिनमें कुछ तरीके इस प्रकार हैं:

    फंडल हाइट (Fundal height)

    फंडल हाइट को मापने के लिए डॉक्टर गर्भवती महिला के प्यूबिक बोन के ऊपर से यूटरस के टॉप तक जांच करते हैं। सेंटीमीटर (CM) में मापी जाने वाली फंडल हाइट लगभग 20वें सप्ताह के बाद प्रेग्नेंसी वीक्स की संख्या के बराबर होती है। जैसे  24 वीक्स जेस्टेशन में आपकी फंडल हाइट 24 cm होनी चाहिए। लेकिन, अगर यह इससे कम होती है, तो यह प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) (Fetal Growth Restriction in Pregnancy) का संकेत हो सकती है। अगर आपके डॉक्टर को लगता है कि आपको यह समस्या है तो वो अन्य कुछ टेस्ट्स करा सकते हैं, जैसे

    अगर आपके डॉक्टर को लगता है कि आपके शिशु की ग्रोथ रुक गयी है या उसे कोई जोखिम है, तो आपको जल्दी डिलीवरी करानी भी पड़ सकती है। इसके बाद आपके शिशु को तब तक अस्पताल में रहना पड़ सकता है, जब तक आपका शिशु सामान्य रूप से ब्रीद करने लग जाए। इसके साथ ही उसका सही से फीड करना और बॉडी टेम्प्रेचर को रेगुलेट करना भी जरूरी है। जानिए कैसे किया जा सकता है इस रोग को मैनेज?

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    प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन को कैसे मैनेज करें (How to manage Fetal Growth Restriction in Pregnancy)

    प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) (Fetal Growth Restriction in Pregnancy) की मैनेजमेंट इस बात पर निर्भर करता है कि यह समस्या कितनी गंभीर है? इसका निदान अल्ट्रासाउंड और डॉप्लर अल्ट्रासाउंड (Doppler Ultrasound) से किया जा सकता है। इसके साथ ही इसका निदान इसके रिस्क फैक्टर्स और जेस्टेशन वीक्स के नंबर्स पर भी निर्भर करता है।  प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) (Fetal Growth Restriction in Pregnancy) को इस तरह से मैनेज किया जा सकता है?

    लगातार मॉनिटरिंग (Frequent monitoring)

    लगातार मॉनिटरिंग का मतलब है कि आपको गर्भावस्था की स्थिति में लगातार प्रीनेटल विजिट्स करनी चाहिए। इसके साथ ही अल्ट्रासाउंड और डॉप्लर अल्ट्रासाउंड भी जरुरी है। यही नहीं, यह टेस्ट्स कराने भी जरूरी हैं:

    ट्रैकिंग फीटल मूवमेंट्स (Tracking fetal movements)

    आपके डॉक्टर आपको अपनी फीटल मूवमेंट्स को ट्रैक करने के लिए कह सकते हैं। अगर ऐसा है तो आपको यह इनकी सलाह भी दे सकती है

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    प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) से कैसे करें बचाव? (Prevention of Fetal Growth Restriction in Pregnancy)

    हालांकि, प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) (Fetal Growth Restriction in Pregnancy) की समस्या तब भी हो सकती है, जब मां पूरी तरह से हेल्दी हो। लेकिन, कुछ तरीकों से इस समस्या का जोखिम कम किया जा सकता है, जैसे:

    • नियमित रूप से प्रीनेटल जांच कराएं, ताकि इस समस्या का सही समय पर निदान और उपचार हो सके।
    • शिशु की मूवमेंट को लेकर अवेयर रहें। अगर आपका शिशु सही से मूव नहीं कर रहा है, तो तुरंत डॉक्टर को बताएं।
    • अपनी दवाईयों को जांचें। कई बार मां की दवाईयां शिशु और मां दोनों के लिए समस्या की वजह बन सकती हैं।
    • हमेशा हेल्दी आहार का सेवन करें। इससे आपके बच्चे को सभी पर्याप्त पौष्टिक तत्व मिलेंगे।
    • पर्याप्त रेस्ट करें। रेस्ट से आपको अच्छा महसूस होगा और इससे शिशु को अच्छे से ग्रो होने में भी मदद मिलेगी।
    • हेल्दी लाइफस्टाइल हॉबीस अपनाएं। अगर आप एल्कोहॉल, ड्रग्स, स्मोकिंग आदि करती हैं, तो एक हेल्दी शिशु के लिए इन्हें नजरअंदाज करें।

    Quiz: प्रेग्नेंसी के बारे में कितना जानते हैं आप?

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    यह तो थी प्रेग्नेंसी में फीटल ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (FGR) (Fetal Growth Restriction in Pregnancy) के बारे में जानकारी। अगर आप गर्भवती हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि आपके डॉक्टर को आपकी हेल्थ हिस्ट्री के बारे में पूरी तरह से जानकारी हो।  इस दौरान फीटल मूवमेंट को नजरअंदाज न करें और अगर आपको लगता है कि यह मूवमेंट कम हो गयी है तो अपने डॉक्टर को इस बारे में अवश्य बताएं।  यही नहीं अगर आपको अपनी प्रेग्नेंसी के दौरान कोई भी परेशानी होती है तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें।

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