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एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स (Aldosterone Antagonists) क्या हैं?
एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स की सलाह क्रॉनिक हार्ट फेलियर के उपचार में दी जा सकती है। इनका प्रयोग अन्य दवाइयों के साथ कंबाइन कर के भी किया जा सकता है। रोगी को इसे किस तरह से देना है यह बात डॉक्टर निर्धारित करते हैं। इसके लिए कई चीजों को ध्यान में रखा जाता है जैसे रोगी की स्थिति, उम्र और किस समस्या के लिए रोगी को यह दवा दी जा रही है। कई हेल्थ कंडीशंस में इनका प्रयोग बेहद लाभदायक माना जाता है। जानिए एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स के उदाहरणों के बारे में:
एप्लेरेनोन (Eplerenone)
एप्लेरेनोन (Eplerenone) का प्रयोग हाय ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक होने के बाद हार्ट फेलियर (Heart Failure) के उपचार के लिए किया जाता है। इसका ब्रांड नेम इंस्प्रा (Inspra) है। अगर किसी व्यक्ति को गंभीर किडनी रोग या ब्लड में हाय पोटैशियम लेवल (High Potassium Level) या टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) के साथ यूरिन में एल्ब्यूमिन (Albumin) की समस्या है, तो उसे इस दवा को नहीं लेना चाहिए। इस दवा को लेने से पहले डॉक्टर को उन सभी दवाइयों के बारे में बता दें जो आप ले रहे हैं। क्योंकि एप्लेरेनोन (Eplerenone) अन्य दवाइयों के साथ इंटरैक्ट कर सकती है। इस दवा को लेने से रोगी को कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं जैसे चक्कर आना, डायरिया, खांसी, बुखार, थकावट आदि।
अगर यह साइड इफेक्ट्स माइल्ड हों, तो कुछ ही दिनों में खुद ही ठीक हो जाते हैं। लेकिन, अगर यह गंभीर हों और जल्दी ठीक न हों तो मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है। एप्लेरेनोन (Eplerenone) का सेवन रोगी को लंबे समय तक करना पड़ सकता है। इसलिए, अपनी मर्जी से इसे लेना बंद न करें, भले ही आप अच्छा महसूस कर रहे हों। ऐसा करने से समस्या बदतर हो सकती है। एप्लेरेनोन (Eplerenone) की एक स्ट्रिप में दस टेबलेट्स होती हैं और हर टेबलेट 25mg की है। यह स्ट्रिप ऑनलाइन लगभग 150 रुपये की है।
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स्पिरोनोलैक्टोन (Spironolactone)
स्पिरोनोलैक्टोन ओरल टेबलेट और ओरल सस्पेंशन के रूप में उपलब्ध है। इसे ब्रांड नेम्स एलडेक्टन (Aldactone) या कारोस्पिर (CaroSpir) के नाम से जाना जाता है। एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स (Aldosterone Antagonists) वो वॉटर पिल है, जो शरीर को बहुत अधिक नमक को एब्सॉर्ब करने से रोकती है और यह पोटैशियम के लेवल को लो करने में भी यह मददगार है। मेडलायन प्लस (MedlinePlus) के अनुसार हाय ब्लड प्रेशर बहुत ही सामान्य स्थिति है। लेकिन, अगर इसका सही समय पर उपचार न हो तो यह दिमाग, दिल, किडनी, ब्लड वेसल्स और शरीर के अन्य भागों को डैमेज कर सकती है। जिसके कारण हार्ट डिजीज, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी फेलियर जैसे रोग होने की संभावना बढ़ सकती है। स्पिरोनोलैक्टोन हाय ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने के लिए बेहतरीन मानी गई है।
हायपरटेंशन के साथ-साथ हार्ट फेलियर के ट्रीटमेंट के लिए भी यह ड्रग मददगार है। किडनी डिसऑर्डर, कंजेस्टिव हार्ट फेलियर से पीड़ित लोगों में भी फ्लूइड रिटेंशन (Fluid Retention) के उपचार में भी इसकी सलाह दी जा सकती है। इस दवा को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी जरूरी है। निर्धारित डोज से अधिक या कम मात्रा में इसे लेना भी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। स्पिरोनोलैक्टोन के कारण कुछ लोग साइड इफेक्ट्स का अनुभव भी कर सकते हैं जैसे स्किन रैशेज, बुखार, सांस लेने में समस्या, मुंह का सुखना, अधिक प्यास लगना, अधिक थकावट,हार्ट रेट के स्लो होना आदि। स्पिरोनोलैक्टोन (Spironolactone) ऑनलाइन भी आसानी से उपलब्ध है। इसकी एक स्ट्रिप में पंद्रह टेबलेट्स हैं। यह एक टेबलेट 25mg की है और एक स्ट्रिप आपको लगभग तीस रुपये में मिलेगी।
यह तो थी एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स (Aldosterone Antagonists) मेडिसिन्स के बारे में पूरी जानकारी। अब जानते हैं इनसे जुडी कुछ खास बातों को।

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एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स को लेते हुए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है?
एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट्स (Aldosterone Antagonists) डाययूरेटिक्स हैं। ऐसे में इस दवा को लेने से आपकी रूटीन प्रभावित हो सकती हैं। जैसे इन्हें लेने से किडनी अधिक यूरिन बनाती है, जिससे आपको बार-बार बाथरूम जाना पड़ सकता है। जानिए इन्हें लेते हुए आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?