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डायबिटीज और हार्ट डिजीज रिस्क को कम करने के लिए फॉलों करे ये टिप्स

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/12/2021

    डायबिटीज और हार्ट डिजीज रिस्क को कम करने के लिए फॉलों करे ये टिप्स

    डायबिटीज और हार्ट डिजीज (Heart Disease and Diabetes) साथ-साथ ही चलते हैं। अक्सर मधुमेह रोगियों (Diabetic Patient) को हृदय रोग हो जाता है। नेशनल हार्ट एसोसिएशन के डेटा से पता चलता है कि डायबिटीज से पीड़ित 65% लोग किसी न किसी प्रकार के हृदय रोग (Heart disease) या स्ट्रोक (stroke) से मरते हैं। सामान्य तौर पर, डायबिटीज वाले लोगों में हार्ट डिजीज से मृत्यु और स्ट्रोक का जोखिम दोगुने से अधिक होता है, लेकिन अच्छी खबर यह है कि आप कुछ जीवनशैली की आदतों को बदलकर हार्ट डिजीज और डायबिटीज रिस्क (Heart Disease and Diabetes Risk) को कम कर सकते हैं और अपनी हार्ट हेल्थ में सुधार कर सकते हैं। इसलिए सभी उम्र के लोगों को हार्ट डिजीज और डायबिटीज रिस्क का संकेत देने वाली बातों का ध्यान रखना चाहिए और उनको एनालाइज करने के लिए नियमित रूप से जांच भी करानी चाहिए। इसके लिए इन बातों पर ध्यान दें:

    अपनी वेस्टलाइन को रखें कंट्रोल में (Keep your Waistline under control)

    आपकी वेस्टलाइन हार्ट डिजीज या टाइप 2 डायबिटीज (Diabetes type 2) को डेवलप करने के रिस्क के बारे में सबसे पहले संकेत देती है। ऐसा आमतौर पर तब होता है जब पुरुषों में वेस्टलाइन 102 सेंटीमीटर (सेमी) या महिलाओं में 88 सेंटीमीटर से अधिक होती है। वेट लॉस से कमर को कम करने से ब्लड प्रेशर (Blood Pressure), कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol), ट्रायग्लिसराइड्स और ब्लड शुगर (Blood Sugar) में भी कमी आएगी। यदि आपका वजन अधिक है, तो थोड़ा सा वजन (शरीर के वजन का 5% से 7%) कम करने से आपका ट्रायग्लिसराइड्स और ब्लड शुगर कम हो सकता है।

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    हार्ट डिजीज और डायबिटीज रिस्क (Heart Disease and Diabetes Risk)

    क्या करें?

    ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) पर भी दें ध्यान, हार्ट डिजीज और डायबिटीज रिस्क होगा कम

    ब्लड प्रेशर की समस्या को अक्सर ‘साइलेंट किलर’ के रूप में जाना जाता है। पेशेंट्स आमतौर पर इस बात से अनजान होते हैं कि उनका रक्तचाप कितना अधिक है और यह उनके हार्ट या किडनी के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या के चलते हार्ट अटैक या किडनी डिजीज की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, ब्लड प्रेशर को मापना जरूरी है। सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, किसी व्यक्ति के रक्तचाप को मापने के लिए दो नंबरों का उपयोग किया जाता है।

    किसी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर इस बात का संकेत हो सकता है कि उसे हार्ट डिजीज या डायबिटीज रिस्क है या नहीं। जब आपका ब्लड प्रेशर 130 मिमी एचजी सिस्टोलिक से अधिक या 85 मिमी एचजी डायस्टोलिक से अधिक होता है तो हार्ट डिजीज या डायबिटीज रिस्क होता है।

    और पढ़ें: तनाव से हार्ट डिजीज और डायबिटीज का बढ़ता रिस्क, जानें एक्सपर्ट से बचाव के टिप्स!

    क्या करें?

    • हाई ब्लड प्रेशर रिस्क को कम करने का सबसे बढ़िया तरीका है प्लांट बेस्ड डायट का सेवन करना। इससे हार्ट डिजीज और डायबिटीज रिस्क कम हो सकता है।
    • ताजी सब्जियां वास्तव में आपके ब्लड स्ट्रीम में फैट का ऑक्सीकरण करके ब्लड प्रेशर को कम करने का काम करती हैं।
    • कई फैक्टर्स हैं जो हाय ब्लड प्रेशर में योगदान कर सकते हैं, जिनमें स्लीप एप्निया, अत्यधिक शराब का सेवन, सिगरेट पीना, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लामेटरी दवाओं का सेवन, और डायट जो प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट, सॉल्ट और शुगर में हाय हो।

    हार्ट डिजीज और डायबिटीज रिस्क

    हार्ट डिजीज और डायबिटीज रिस्क को कम करने के लिए कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) पर नजर रखें

    एंडोक्राइन सोसाइटी के अनुसार एचडीएल (गुड कोलेस्ट्रॉल) कोलेस्ट्रॉल पुरुषों में 40 मिलीग्राम/डीएल और महिलाओं में 50 मिलीग्राम/डीएल से अधिक होना चाहिए। वहीं, एलडीएल (बैड कोलेस्ट्रॉल) काउंट की नियमित रूप से निगरानी की जानी चाहिए। टेक्निकली, शरीर का एचडीएल कोलेस्ट्रॉल वास्तव में एलडीएल को ब्लड से बाहर कर देता है। वास्तव में एलडीएल को कम करने से हार्ट डिजीज के जोखिम को कम किया जा सकता है। आपके ब्लड स्ट्रीम में बहुत अधिक एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल क्षतिग्रस्त आर्टरी वॉल्स पर प्लाक बना सकता है।

    क्या करें?

    • मुख्य रूप से रेड मीट और फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स में पाए जाने वाले सैचुरेटेड फैट, आपके कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं। इसलिए आहार से सैचुरेटेड फैट को कम करें।
    • ट्रांस फैट, जिसे कभी-कभी “आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेल” के रूप में फूड लेबल पर सूचीबद्ध किया जाता है, अक्सर स्टोर से खरीदी गई कुकीज और केक में उपयोग किया जाता है। ट्रांस फैट कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाते हैं। यदि आप बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करना चाहते हैं तो इन खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं।
    • ज्यादा से ज्यादा ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, व्हे प्रोटीन और फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ का सेवन करें। इससे हार्ट डिजीज और डायबिटीज रिस्क कम हो सकता है।

    ब्लड फैट (Triglycerides)

    एंडोक्राइन सोसाइटी के अनुसार, 150 मिलीग्राम/डीएल से अधिक से ब्लड फैट एक संकेत हो सकता है कि एक व्यक्ति को हार्ट डिजीज और डायबिटीज रिस्क (Heart Disease and Diabetes Risk) का खतरा है। ट्राइग्लिसराइड्स (Triglycerides) एलडीएल और एचडीएल की तुलना में थोड़ा अलग कोलेस्ट्रॉल मॉलिक्यूल हैं। हाई ट्रायग्लिसराइड्स ओबेसिटी और डायबिटीज से जुड़े होते हैं और कार्डियोवैस्कुलर रिस्क में योगदान देते हैं।

    और पढ़ें: Gestational diabetes: जेस्टेशनल डायबिटीज के साथ रहना है कितना कठिन, जानिए यहां

     हार्ट डिजीज और डायबिटीज रिस्क:  क्या करें?

    टाइप 2 डायबिटीज के बारे में अधिक जानने के लिए देखें ये 3डी मॉडल:

    ब्लड शुगर (Blood Sugar)

    धीरे-धीरे विकसित होने वाले प्रीडायबिटीज या टाइप 2 डायबिटीज का सबसे बड़ा कारण हाय ब्लड शुगर का स्तर है। यदि डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए तो रेटिनोपैथी, न्यूरोपैथी की संभावना बढ़ सकती है। इसके साथ ही लगातार हाय ब्लड शुगर, डिप्रेशन, क्रोनिक यीस्ट इंफेक्शन और ओरल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं को भी जन्म दे सकता है।

    आपका ब्लड शुगर का बढ़ा हुआ स्तर एक बड़ी समस्या का संकेत हो सकता है यदि:

    • फास्टिंग ग्लूकोज 100 मिलीग्राम/डीएल से अधिक है।
    • दो घंटे का ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट 140 मिलीग्राम/डीएल से अधिक है।
    • HbA1c 5.7 प्रतिशत से अधिक है।
    • आप वर्तमान में डायबिटीज डायग्नोसिस के बिना हाई ब्लड शुगर के लिए ओरल ड्रग ट्रीटमेंट ले रहे हैं।
    • प्रीडायबिटीज या टाइप 2 डायबिटीज वाले सभी रोगी अपनी खाने की आदतों में सुधार करके अपनी हेल्थ को सुधार सकते हैं।

    और पढ़ें: डायबिटीज को करना है कंट्रोल, तो टिप्स आ सकते हैं आपके काम!

     हार्ट डिजीज और डायबिटीज रिस्क:  क्या करें?

    • नियमित एक्सरसाइज इंसुलिन सेंस्टिविटी को बढ़ाने में मदद कर सकती है। व्यायाम आपकी मांसपेशियों को ऊर्जा और मांसपेशियों के संकुचन के लिए ब्लड शुगर का उपयोग करने में मदद करता है। इसके लिए रनिंग, डांसिंग, लॉन्ग वॉकिंग, स्विमिंग आदि को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
    • लो कार्ब वाले आहार लंबे समय तक ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में फायदेमंद होता है। इसलिए लो कार्ब डायट को फॉलो करें।
    • सोलुएबल फाइबर ब्लड शुगर मैनेजमेंट में सुधार करता है। सब्जियां, फल, फलियां और साबुत अनाज युक्त उच्च फाइबर आहार ब्लड शुगर को नियंत्रित करने और ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए शरीर की क्षमता में सुधार करके टाइप 1 डायबिटीज को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद कर सकता है।
    • स्ट्रेस ब्लड शुगर के स्तर को प्रभावित कर सकता है। तनाव के दौरान ग्लूकागन (Glucagon) और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन स्रावित होते हैं। एक्सरसाइज, रिलैक्सेशन और मेडिटेशन तनाव को कम करते हैं और ब्लड शुगर लेवल को कम करते हैं।
    • खुद को हाइड्रेट रखें। इससे डिहाइड्रेशन को रोकने के साथ ही यूरिनेशन के माध्यम से एक्स्ट्रा शुगर को बाहर निकालने में मदद मिलेगी और हार्ट डिजीज और डायबिटीज रिस्क कम हो सकेगा।

    हार्ट डिजीज और डायबिटीज रिस्क (Heart Disease and Diabetes Risk) में योगदान देने वाले फैक्टर्स का समय- समय पर आकलन करना बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। हेल्थ एक्सपर्ट्स हार्ट डिजीज और डायबिटीज रिस्क (Heart Disease and Diabetes Risk) को कम करने के लिए प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स और शुगर युक्त पेय पदार्थों से बचने की सलाह देते हैं। इनके उपयोग से किसी व्यक्ति के हार्ट डिजीज, टाइप 2 डायबिटीज, या दोनों के विकास के जोखिम को बढ़ावा मिल सकता है। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह लें।

     

    डिस्क्लेमर

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