जब आप प्रेग्नेंट होने का सोचे तो बेहतर होगा आप पहले ही जेस्टेशनल डायबिटीज के साथ ओवरऑल हेल्थ चैकअप करा लें। एक बार जब आप प्रेग्नेंट हो जाएंगी तो आपका डॉक्टर जेस्टेशनल डायबिटीज का रुटिन चैकअप करते रहेंगे। यदि आपको जेस्टेशनल डायबिटीज के लक्षण नजर आते हैं तो आपको जल्दी जल्दी चैकअप कराने की जरूरत होगी।
जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes) के क्या कारण हैं?
गर्भावधि डायबिटीज के कारण ज्ञात नहीं हैं लेकिन कुछ रिसर्च से पता चलता है कि यह बीमारी क्यों होती है
गर्भवस्था के दौरान, नाल के जरिए गर्भ में पल रहे बच्चे को पोषक तत्व और पानी पहुंचता है नाल से प्रेगनेंसी के लिए विभिन्न प्रकार के जरुरी हार्मोन भी पैदा होते हैं इनमें से कुछ हार्मोन (एस्ट्रोजन, कोर्टिसोल) इंसुलिन (insulin) पर रोक लगा देते हैं इसे गर्भनिरोधक-इंसुलिन प्रभाव कहा जाता है
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जैसे-जैसे प्लेसेंटा बढ़ता है, इन हार्मोनों का अधिक उत्पादन होता है, और इंसुलिन प्रतिरोध का खतरा भी बढ़ने लगता है । आमतौर पर, pancreas इंसुलिन प्रतिरोध को दूर करने के लिए अतिरिक्त इंसुलिन बनाता है, लेकिन जब इंसुलिन का उत्पादन प्लेसेंटल हार्मोन की तुलना में कम होने लगता है तो डायबिटीज अपनी जगह बना लेती है
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जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा किन महिलाओं को हो सकता है?
जेस्टेशनल डायबिटीज वैसे तो किसी भी गर्भवती महिला को हो सकती है। लेकिन, नीचे बताए गए कुछ ऐसे फैक्टर्स हैं जिसकी वजह से महिला में इस डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है। जैसे
- अगर गर्भवती महिला की उम्र 25 वर्ष से अधिक है
- आप को उच्च रक्तचाप (High blood pressure) की शिकायत रहती है
- डायबिटीज का पारिवारिक इतिहास है
- गर्भवती होने से पहले का वजन बहुत ज्यादा था
- प्रेगनेंसी के दौरान आपका वजन बहुत ज्यादा बढ़ गया है
- अगर पहली प्रेग्नेंसी से ऐसे बच्चे को जन्म दिया है जिसका वजन 4 किलो से अधिक है
- पहले भी प्रेगनेंसी में डायबिटीज का शिकार रह चुकी हैं
- पहले कभी गर्भपात (Miscarriage) या स्टिलबर्थ हो चूका है
- आप को पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), अन्य ऐसी ही किसी स्तिथि की शिकायत है जो इंसुलिन प्रतिरोध की जिम्मेदार है
- आप अफ्रीकी, मूल अमेरिकी, एशियाई, प्रशांत द्वीपसमूह या हिस्पैनिक वंश से ताल्लुक रखती हैं