जल्दी जन्म लेना बनता है वजह
1981 से 2011 तक नए अध्ययन के दौरान वेरबर्ग, रॉबर्ट्स और उनके सहयोगियों ने 574,000 से अधिक ऑस्ट्रेलिया में होने वाले जन्मों का मूल्यांकन किया। उन्होंने पाया कि लड़कियों की तुलना में लड़कों की डिलिवरी में 20 से 24 सप्ताह के बीच यानी प्रीटर्म जन्म के 27 प्रतिशत का अधिक अंतर था। वहीं 30 से 33वें सप्ताह के बीच जन्म लेने वाले लड़कों का प्रतिशत 24 था।
अध्ययन में पाया गया कि 34वें से 36वें सप्ताह में लड़के की डिलिवरी (Boy delivery) की संभावना 17 प्रतिशत अधिक थी।अमेरिकन कॉलेज ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन और स्त्री रोग विशेषज्ञों के अनुसार फुल-टर्म जन्म 39वें सप्ताह से लेकर 41वें सप्ताह के बीच होता है। साफ तौर पर कहें तो लड़के की डिलिवरी की परेशानी को जन्म जल्दी लेने से जोड़ा गया। स्टडी के दौरान साफ तौर पर ये नहीं बताया जा सका है कि इसका कोई पुख्ता सुबूत है।
अपने डॉक्टर से करें बात
लड़के की डिलिवरी (Boy delivery) के दौरान अधिर दर्द होता है या फिर महिलाओं को अधिक समस्या उठानी पड़ती है, ये स्टडी के माध्यम से बताने की कोशिश की गई है। ये जरूरी नहीं है कि सबके साथ ऐसा ही हो। कुछ महिलाओं को लड़की की डिलिवरी के समय भी अधिक समस्या का सामना करना पड़ सकता है। अगर आपको इस विषय के बारे में अधिक जानकारी चाहिए तो एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें। हो सकता है कि आपका डॉक्टर इस बात के लिए इंकार कर दें।
उम्मीद करते हैं कि आपको लड़के की डिलिवरी (Boy delivery) क्यों दर्दनाक होती है इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।