डायबिटीज (Diabetes) की समस्या में कई लोगों को बार-बार यूरिनेशन के लिए जाना पड़ता है, जिसकी वजह से शरीर में तरल पदार्थों की कमी होने लगती है। लेकिन जब डायबिटिक पेशेंट सही मात्रा में फ्लूइड नहीं लेता, तो शरीर में डिहायड्रेशन की शुरुआत हो जाती है। इसके कारण किडनी के कामों में मुश्किल पैदा हो जाती है, इसलिए शरीर टिशूज से फ़्लूइड लेने की शुरुआत कर देता है। यही कारण है की शरीर में कैलरी की कमी होने लगती है। इसी के चलते अचानक डायबिटीज में वेट लॉस (Diabetes and unexplained weight loss) की समस्या देखी जाती हैं।
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डायबिटीज में वेट लॉस : मसल्स का ब्रेकडाउन भी हो सकता है कारण (Diabetes and unexplained weight loss)
डायबिटीज में वेट लॉस होना सामान्य माना जाता है, लेकिन जब यह वेट लॉस अचानक होने लगे, तो व्यक्ति को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। यदि डायबिटीज (Diabetes) को सामान्य स्तर पर न रखा जाए, तो डायबिटीज में वेट लॉस की समस्या भारी पड़ सकती है। इंसुलिन की कमी के चलते शरीर में मसल्स सिंथेसिस कम होने लगता है और इसी दौरान मसल्स का ब्रेकडाउन बढ़ने लगता है। यही कारण है कि डायबिटीज में वेट लॉस की समस्या उत्पन्न होती है। मसल्स के ब्रेकडाउन के चलते डायबिटीज में वेट लॉस (Diabetes and unexplained weight loss) की तकलीफ व्यक्ति को उठानी पड़ती है।
यदि आपका तेजी से वजन कम हो रहा हो, तो यह डायबिटीज का एक लक्षण हो सकता है। इसलिए अचानक वजन कम होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर डायबिटीज (Diabetes) के टेस्ट करवाने चाहिए। इसके अलावा आपको अपना ब्लड शुगर लेवल सामान्य बनाए रखना होगा, जिससे डायबिटीज कॉम्प्लिकेशंस से दूर रहा जा सके।
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डायबिटीज में वेट लॉस : लाइफस्टाइल में बदलाव जरूरी (Lifestyle and Weight loss)
डायबिटीज में वेट लॉस (Weight loss) से जुड़ी तकलीफों से बचने के लिए आपको जीवन शैली में कुछ बदलाव करने की जरूरत पड़ सकती है, जो इस प्रकार है –
- रोजाना व्यायाम करें
- वजन सामान्य बनाए रखें
- डायबिटीज डायट ((Diabetes Diet) के अनुसार स्वस्थ और पौष्टिक खाना खाएं
- डॉक्टर की सलाह लेकर जरूरी पोषक तत्वों को डायबिटीज डायट में जोड़ें
- डॉक्टर द्वारा प्रिसक्राइब मेडिसिन समय पर लें
- आंखों और पैरों की नियमित जांच करवाएं, जरूरत पड़ने पर जरूरी टेस्ट करवाने से ना डरे
- अपने हाथों और पैरों का खास ध्यान रखें
- यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे तुरंत छोड़ दें
- हाय ब्लड शुगर को मेंटेन करने के लिए तनाव, चिंता और अवसाद जैसी स्थितियों को मैनेज करें