और पढ़ें: डायबिटीज और हार्ट फेल्योर में क्या संबंध है? बचाव के लिए इन बातों का रखें ध्यान
जेस्टेशनल डायबिटीज में न्यूट्रीशन थेरिपी (Nutrition Therapy in Gestational Diabetes)

जेस्टेशनल डायबिटीज एक गंभीर और बार-बार होने वाली गर्भावस्था की जटिलता है, जो मां और भ्रूण दोनों के लिए शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म जोखिम पैदा कर सकती है।विभिन्न स्वास्थ्य संगठनों ने जेस्टेशनल डायबिटीज की जांच, डायग्नोसिस और मैनेजमेंट के लिए अलग-अलग एल्गोरिदम का प्रस्ताव रखा। मेडिकल न्यूट्रिशन थेरेपी (Medical Nutrition Therapy) के साथ ही फिजिकल एक्सरसाइज और लगातार सेल्फ मॉनिटरिंग फीटल कॉम्प्लीकेशन के साथ ही जेस्टेशनल डायबिटीज के ट्रीटमेंट के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है। प्रेग्नेंट महिला को अपने परिवार के सहयोग के साथ ही अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करना चाहिए, जो अंत में पूरे परिवार के लिए फायदेमंद साबित होता है।
मेडिकल न्यूट्रिशन थेरेपी (Medical Nutrition Therapy) के साथ ही फिजिकल एक्सरसाइज और लगातार सेल्फ मॉनिटरिंग फीटल कॉम्प्लीकेशन के साथ ही जेस्टेशनल डायबिटीज के ट्रीटमेंट के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है। मेडिकल न्यूट्रिशन थेरेपी फिजिकल एक्टिविटी का भी प्रतिनिधित्मव करता है। एक्सरसाइज में एरोबिक एक्सरसाइज जैसे कि चलना, तैरना, बाइक चलाना और प्रसव पूर्व व्यायाम के साथ ही माइल्ड या मॉडरेट रजिस्टेंस एक्सरसाइज इंसुलिन सेंसिटीविटी को बढ़ाने में मदद करती हैं। दिन में एक बार 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी फायदेमंद साबित होती है। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि जेस्टेशनल डायबिटीज में न्यूट्रीशन थेरिपी (Nutrition Therapy in Gestational Diabetes) के साथ ही एक्सरसाइज कितनी जरूरी होता है। आइए जानते हैं जेस्टेशनल डायबिटीज में न्यूट्रीशन थेरिपी (Nutrition Therapy in Gestational Diabetes) के दौरान किन फूड्स को कहना चाहिए ‘हां’।
और पढ़ें:डायबिटीज में सत्तू के शरबत के फायदे, शायद नहीं जानते होंगे आप
जेस्टेशनल डायबिटीज में न्यूट्रीशन थेरिपी के दौरान किन बातों का रखा जाता है ध्यान?
एनसीबीआई में प्रकाशित रिपोर्ट की मानें तो जेस्टेशनल डायबिटीज न्यूट्रीशनल मैनेजमेंट मुख्य ट्रीटमेंट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, जो बढ़ते वजन या मोटापे की समस्या को कम करने का काम करता है। अभी इस इस ओर अधिक रिचर्स की जरूरत है, जो मां और होने वाले बच्चे में कॉम्प्लीकेशंस को कम कर सके।
जेस्टेशनल डायबिटीज के मैनेजमेंट के लिए मेडिकल न्यूट्रिशन थेरिपी को आधारशिला माना जा सकता है। जेस्टेशनल डायबिटीज में न्यूट्रीशन थेरिपी (Nutrition Therapy in Gestational Diabetes) के दौरान कई अलग-अलग दृष्टिकोण काम करते हैं। इसमें पेशेंट द्वारा लिए जा रहे कॉर्बोहायड्रेट की क्वालिटी पर ध्यान दिया जाता है और साथ ही सब्जियों, फलों, कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट और हाय फाइबर युक्त फूड्स की खपत को प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण है। किन फूड्स में कार्बोहायड्रेट की मात्रा अधिक होती है या फिर किन फूड्स को खाना चाहिए आदि के बारे में जानकारी बहुत महत्पूर्ण है। निम्नलिखित खाद्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट पाए जाते हैं: